7 Days Hindi weekly

  • BRAJBHUSHAN SINGH (EDITOR)
  • DR.VIKASH HAZRA (CMD 7DAYS GROUP)

7Days Bihar Team

  • मो० शायक उद्दीन (ब्यूरो प्रमुख Magadh Pramandal)
  • मदन कुमार तिवारी (Advocate- Co-Ordinator Magadh & Shahabad) मो० 9431267027,9431267026,0631-2223223
  • कुमार मंगलम (ब्युरो प्रमुख बिहार )
  • Viseswar Kumar- Raniganj
  • Sunil Kumar Mishra-Reporter- Aurangabad
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  • R.k.Bharatdwaz-Bakebazar
  • Prince Kumar-Reporter- Aurangabad
  • Nirbhaya Raj Pritam-Reporter-Dumariya
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  • Jitendra Mishra- Konch
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  • Ashok Kumar Singh- Haspura
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  • amrendra kumar suman -Sasaram
  • Amit Kumar- Guruaa
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GAYA KA VISHNUPAD MANDIR

GAYA KA VISHNUPAD MANDIR
GOD VISHNU CHARAN

Friday, May 28, 2010

पटना के सुपर-30 के तीसों ने बाजी मारी


KUMAR MANGLAM,PATNA
पटना । बुधवार को घोषित आईआईT 2010 के नतीजों में सुपर-30 की टीम ने तीस में तीस रिजल्ट देकर एक बार फिर अपना लोहा मनवाया। दिलचस्प यह कि इनमें से पिचहत्तर प्रतिशत बच्चे ग्रामीण परिवेश से हैं तथा हिंदी माध्यम के छात्र हैं। बुधवार को रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुके गणितज्ञ आनंद ने सुपर थर्टी को सुपर सिक्सटी बनाने की घोषणा की। इसमें छात्राओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। इस बार इस टीम में मात्र दो छात्राएं हैं। गणितज्ञ आनंद ने सफल छात्रों की सूची जारी करते हुए बताया कि टीम के तीस में से तीस छात्रों ने सफलता प्राप्त की। इनमें आ॓बीसी में कोमल अग्रवाल का 387 रैंक, सौरभ अग्रवाल 471, अतुल कुमार सिन्हा 527, सोनू कुमार शर्मा ने 1255, सोनू कुमार 1696, संजीव कुमार 1725, सुधांशु राज सिंह 1900, कुमार विभव 1928, कुमार किशोर 1977, मो.शाबिर आलम 2027, ललित रंजन 2097, अबूजार आरसी 2200, मनोरथ प्रसाद 2223, रौशन कुमार गुप्ता 2354, सर्वेश कुमार 4783, सुमित कुमार 6603, अनूप कुमार 6656, मनीष कुमार 7055, चिरंजीव कुमार 7348, अभिनंदन 8841 और मो. शहाब आजम ने 4670 वां रैंक प्राप्त किया।

इसी तरह अनुसूचित जाति में आनंद किशोर ने 1190 वां रैंक प्राप्त किया। जबकि आठ विघार्थियों का सामान्य में रिजल्ट आया है। इनमें रोहित कुमार का 2371, शुभम कुमार गौतम 3140, कौशलेंद्र कुमार का 5705, ज्ञान प्रकाश 5849, विभव प्रियम 6157, अमर ज्योति 6607 रिचिक सिन्हा 8052 तथा अमित कुमार सिंह ने 8939 वां रैंक प्राप्त किया। इससे पहले रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद सुबह नौ बजे से ही सुपर थर्टी के संचालक गणितज्ञ आनंद के आवास पर छात्र-छात्राओं व उनके परिजनों तथा मीडिया वालों की भारी भीड़ जमा थी एवं सुबह से उत्सव का माहौल था। प्रशासन की आ॓र से यहां लगभग डेढ़ दर्जन पुलिस के जवान तैनात किये गये थे।

छात्र व अभिभावक के चेहरे पर खुशी झलक रही थी तो वहीं संचालक आनंद व उनकी टीम के चेहरे पर गर्व का अहसास था। यहां तक कि मोहल्लेवाले भी खुशी से पुलकित थे। उनके एक पड़ोसी रंजीत ने बताया कि मोहल्ले के बच्चे गर्व से कहते हैं कि आनंद सर के घर के बगल में रहते हैं। हमें उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

इस मौके पर अपनी खुशी का इजहार करते हुए आनंद ने कहा कि आज से कुछ साल पहले हमने एक सपना देखा था गरीब, मजबूर व ग्रामीण परिवेश से आए हुए मेधावी बच्चों के लिए कुछ करने का। आज हम कह सकते हैं कि हमारा सपना अपनी निरंतर ऊंचाइयों की आ॓र बढ़ रहा है। इस बार हम इसे एक नया आयाम देते हुए अपनी टीम में साठ बच्चों को शामिल करेंगे। उनका प्रयास होगा कि इनमें अधिक से अधिक छात्राओं को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारा समाज आज भी काफी पिछड़ा हुआ है तथा छात्राओं को पढ़ाई के लिए उचित मौका नहीं मिल पाता। अपनी टीम में अधिक से अधिक छात्राओं को शामिल करके उनके बीच एक माहौल बनाने का प्रयास किया जाएगा ताकि बिहार की बेटियां भी आईआईटी में सफलता हासिल कर देश के विकास में अपना योगदान दे सके।

यह है ‘पाटलिपुत्र करूणा स्तूप’


7DAYS PATNA
यह स्तूप पाटलिपुत्र करूणा स्तूप के रूप में जाना जायेगा। मैंने इसका नाम बौद्ध धर्म में व्याप्त महाकरूणा के तथ्य को ध्यान में रखते हुए रखा’। तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने बृहस्पतिवार को बुद्ध स्मृति पार्क में बने दो सौ फीट ऊंचे शांति स्तूप का नामकरण करते हुए कहा कि समस्त धर्मों में करूणा और दया की बात होती है। बौद्ध धर्म में तो महाकरूणा की बात कही गयी है। पुरावशेष स्थापित करने के बाद परिसर स्थित संग्रहालय में आयोजित उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर उन्होंने स्तूप का नामकरण करते हुए पाटलिपुत्र करूणा स्तूप रखा। उद्घाटन के बाद अतिथियों ने परिक्रमा स्तूप का अवलोकन किया। बुलेट प्रूफ शीशे के अंदर रखे पुरावशेषों को देख लोगों की आंखों में भक्तिभाव स्पष्ट रूप से नजर आ रहा था। सकुर्लर रास्ते से परिक्रमा स्तूप तक ऊपर जाते लोग उसकी खूबसूरती को निहारते रहे। स्तूप के चारों तरफ बने वाटर बॉडी में स्तूप का प्रतिबिंब उभर कर आ रहा था। पुराने बांकीपुर जेल को तोड़कर बाईस एकड़ भूभाग में एक सौ पच्चीस करोड़ की लागत से बने बुद्ध स्मृति पार्क में दो सौ फीट ऊंचे शांति स्तूप के साथ ध्यान केन्द्र के साठ कमरे बने हैं जहां लोग शांति के पल की चाहत में बड़े इत्मीनान से एकाग्रचित्त होंगे। संग्रहालय में बुद्ध और बौद्धकला एवं दर्शन को उसकी संपूर्णता में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से पुरावशेषों, कलाकृतियों, त्रिआयामी मॉडल, चित्र के ब्लो-अप, मल्टीमीडिया प्रजेंटेशन जैसे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जायेगा।


भगवान बुद्ध के संदेश से ही शांति : दलाई लामा


KUMAR MANGLAM, PATNA
भगवान बुद्ध ने बिहार के विस्तृत भू-भाग को अपने पद-धूलि से बार-बार पवित्र किया। उनके द्वारा प्रतिपादित अहिंसा, करूणा एवं सद्भाव के संदेश की प्रासंगिकता वर्तमान परिवेश में और बढ़ गई है। ऐसे में बृहस्पतिवार को एक बार फिर पाटलिपुत्र की धरती पावन हुई। यहां बुद्ध स्मृति पार्क में बुद्ध के ढाई हजार वर्ष पूर्व के पावन पुरावशेष का प्रतिष्ठापन किया गया। पुरावशेषों का प्रतिष्ठापन करने के बाद तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने कहा कि पाटलिपुत्र भगवान बुद्ध के द्वारा आशीर्वाद प्राप्त नगर है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में यह नगर अत्याधुनिक रूप से विकसित होगा। बृहस्पतिवार को पटना में बुद्ध स्मृति पार्क का उद्घाटन करते हुए दलाई लामा ने कहा कि इस पार्क में जो भी व्यक्ति आयें, वे चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, करूणा से भरा व्यवहार करें। इससे व्यक्ति के व्यक्तित्व का सुंदर विकास होगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध के दर्शन और आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। इसके माध्यम से विश्व में शांति और सद्भाव कायम रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार का तीव्र गति से विकास हो रहा है, ऐसा हमें अनुभव हुआ है। उद्घाटन के मौके पर दलाई लामा ने दो सौ फीट ऊंचे बौद्ध स्तूप के भीतर जापान, थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका और कोरिया से प्राप्त व स्वयं लाये गये बुद्ध के पावन पुरावशेष रखे। इस अवसर पर विशेष तौर पर श्रीलंका के अनुराधापुर और बोध गया से लाया गया पीपल का पौधा भी उन्होंने लगाया। समारोह में राज्यपाल देबानंद कुंवर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। दलाई लामा ने कहा कि ऐतिहासिक प्रदेश में बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण कराया गया है, इसके लिए वे राज्य सरकार को धन्यवाद देते हैं। हालांकि बीच के कुछ समय में बिहार की नाजुक स्थिति बन गयी थी लेकिन अब प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब मालूम हुआ कि पटना में बौद्ध स्तूप का निर्माण हो रहा और वहां विभिन्न देशों से प्राप्त बुद्ध के पुरावशेष रखे जायेंगे तो उन्होंने भी बुद्ध के पुरावशेष रखने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि आज की जरूरत है कि दुनिया बुद्धत्व को अपनी भाषा में समझे। उन्होंने हिंदुस्तान की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक सहिष्णुता एवं आपसी सद्भाव की चर्चा करते हुए कहा कि अहिंसा का सिद्धांत हर काल में प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शांति कायम हो गयी है। यहां कोई आंतरिक विवाद नहीं है। राजनीतिक विवाद तो होते ही रहते हैं। बुद्ध को बिहार में स्थापित कर दिया गया है। पटना के बाद वैशाली में भी एक स्तूप का निर्माण होगा। यहां के लोग अब आपसी झगड़े में नहीं उलझेंगे। उन्होंने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क विरासत के प्रति उच्च भावना रखने वालों के लिए प्रेरणा केन्द्र प्रमाणित होगा। बुद्ध स्मृति पार्क और इसके पवित्र अवशेष स्तूप, बुद्ध और बिहार के पुरातन संबंध हमारी संस्कृति एवं विरासत के भव्य प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के 2600 वें वर्ष के प्रारंभ होने पर इस पार्क का लोकार्पण किया गया। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक क्षण है। एशिया के विभिन्न देशों से प्राप्त बुद्ध के पवित्र स्मृति अवशेष के प्रतिष्ठापन के द्वारा विश्व बंधुत्व एवं शांति का उदाहरण स्थापित करने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती को यह गौरव प्राप्त है कि सिद्धार्थ ने अपने जीवन का अधिकांश समय यहीं व्यतीत किया और बोधगया में संबोधि प्राप्त कर वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बने। बौद्ध दर्शन का भी बिहार की धरती पर व्यतीत बुद्ध के जीवन और समय से गहरा संबंध है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की धरती पर बुद्ध के पदचिन्ह की पहचान और उन स्थलों के विकास की दिशा में एक विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है ताकि बिहार आने वाले पर्यटक बोधगया, राजगीर, नालंदा और वैशाली के साथ बिहार के उन बौद्ध स्थलों का भी परिदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि राजधानी में इस स्तूप की स्थापना के साथ बिहार विश्व बौद्ध परिपथ के केन्द्रीय आकर्षण के रूप में विकसित होगा। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क पटना की पहचान बनेगा। अब दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलंबी पटना आये बिना नहीं रह पायेंगे। बौद्ध धर्मावलंबी कुशीनगर, बोधगया, राजगीर, नालंदा, सारनाथ जैसे पावन स्थलों का दर्शन करने के साथ बुद्ध स्मृति पार्क का भी दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती पर ही सबसे पहले गूंजा था.. बुद्धम् शरणम् गच्छामि...। बुद्ध स्मृति पार्क पटना को दुनिया के मानचित्र पर लाने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि लगभग दो सौ पच्चीस वर्ष पूर्व ‘गोलघर’ से पटना की पहचान जुड़ी थी। अब बुद्ध स्मृति पार्क भी पटना की अस्मिता के साथ जुड़ जायेगा। इस मौके पर दलाई लामा के साथ आये पांच अन्य बौद्ध भिक्षु सहित श्रीलंका से पांच, जापान से छह, थाईलैंड से दस, म्यांमार से पांच, सारनाथ से छह और बोध गया से बारह बौद्ध भिक्षु कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल हुए। इस मौके पर विधान परिषद् के सभापति ताराकांत झा , विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सहित कई मंत्री, विधायक, मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी एवं सरकार के उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में अतिथि भी मौजूद थे।


नगर पंचायत की बैठक में कई प्रस्तावों का अनुमोदन

R.K.TRIVEDI 7DAYS TEKARI
टिकारी नगर पंचायत बोर्ड की बैठक अध्यक्ष संजय कुमार जैन की अध्यक्षता में अध्यक्ष के कक्ष में आयोजित हुई। नगर पंचायत के  आयोजित बैठक में सशक्त समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को विचारोपरांत अनुमोदन प्रदान किया गया। साथ ही नगर में साफ-सफाई, मच्छर मारने हेतु मच्छर निरोधक मशीन के संचालन के लिए डीजल एवं मच्छर निरोधक दवा खरीदने, नगर विकास विभाग के पत्र के आलोक में लेखा समिति के गठन आदि मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श एवं तत्संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया। नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में स्वीकृत नगर पंचायत कार्यालय भवन का निर्माण कार्य विलंब से होने पर गहरी चिंता प्रकट की गयी। बैठक में निर्धारित समय पर स्वीकृत विकास कार्य योजना के पूरा नहीं होने पर प्राक्कलित राशि में से 10 प्रतिशत राशि काट लेने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस अवसर पर तालाब सौंदर्यीकरण, सड़क एवं नाली निर्माण, मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, शौचालय, चारदीवारी एवं द्वार का निर्माण आदि प्रस्तावित योजना को स्वीकृति प्रदान की गयी। बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी शंभू प्रसाद, उपाध्यक्ष सज्जाद हुसैन, वार्ड पार्षद विपिन कुमार गुप्ता, शाहगुफ्ता प्रवीण, सिंधु जैन, नीलम देवी, राधिका देवी, शीला देवी, निशादेवी, गजाला प्रवीण, मो. इस्लाम आदि सभी उपस्थित थे।

वेतन को तरस रहीं अनुबंध पर बहाल नर्सें

 राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में अनुबंध पर बहाल की गई नर्सों को विगत तीन माह से वेतन नहीं मिला है। महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण नर्सों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। उन नर्सों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जो राजधानी में किराये पर रहती हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन चुप हैं। वहीं पीएमसीएच कैप्पस में मौजूद इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में अनुबंध पर आई नर्सों को समय से वेतन मिल जा रहा है। ‘ए’ ग्रेड नर्स एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी ने इस संदर्भ में बताया कि अस्पताल प्रशासन के ढीले रवैए के चलते हमलोगों को वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जनवरी माह का एरियर भी अब तक नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि जब भी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आ॓पी चौधरी से इस संबंध में शिकायत की जाती है, तो हमारी बातों को अनसुनी कर दिया जाता है, जिसके चलते एकाउंटेंट भी काम में देरी करते हैं। प्रमिला ने बताया कि जब वेतन न मिलने की बात प्रधान सचिव के सामने रखी गई, तो उन्होंने हमलोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही वेतन मिल जाएगा। बावजूद इसके अब तक वेतन नहीं मिला है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि नर्सों के वेतन में होने वाली देर की वजह टेक्निकल परेशानी है, जिसे जल्द दूर कर लिया जाएगा और नर्सों को वेतन मिल जाएगा।


पितृहीन मुस्लिम कन्या का निकाह हिन्दुओं ने करवाया


उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक गांव के हिंदुओं ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए चंदा इकट्ठा करके एक गरीब मुस्लिम लड़की की धूमधाम से शादी कराई। बागपत जिले के सुन्हेड़ा गांव में हिंदुओं ने जाति-धर्म के बंधनों से ऊपर उठकर रविवार शाम को यह शादी करवाई। उन्हें लगता है कि उनके इस कदम से दोनों समुदायों के रिश्तों में और प्रगाढ़ता आएगी। सुन्हेड़ा गांव की असमां (21) जब केवल छह साल की थी तब उसके पिता अजीज की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मां महरुनिसां ने किसी तरह दूसरों के घर काम करके उसका पालन-पोषण किया, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह असमां की शादी धूमधाम से करके अपने मरहूम पति की अंतिम इच्छा को पूरी कर पाती। ग्रामीणों को मरहूम अजीज की अंतिम इच्छा की जानकारी थी। असमां जब शादी के लायक हुई तब उन्होंने आगे बढ़कर उसके निकाह की जिम्मेदारी उठाई। असमां के लिए वर का चुनाव ग्रामीणों ने ही किया। स्थानीय जयपाल तोमर करते हैं कि असमां के लिए अच्छा वर तलाशने की जिम्मेदारी गांव के वरिष्ठ लोगों पर थी। जयपाल ने कहा, "वैसे तो असमां के लिए कई रिश्ते आए पर हमें लगा कि पास के गांव में कपड़े की दुकान चलाने वाला मुश्ताक ही उसके लिए योग्य है। उसकी मां मेहरूनिसां से सलाह करने के बाद तकरीबन तीन महीने पहले शादी तय कर दी गई।" आसमां की शादी पूरी तरह से मुस्लिम रीति-रिवाज से हुई। गांव के सरपंच महिपाल सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि करीब 800 लोगों ने शरीक होकर नव-विवाहित जोड़े को अपना आशीर्वाद दिया। असमां की शादी करने के अलावा ग्रामीणों ने उसे रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े ढेरों उपहार भी दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की शादी केवल ग्रामीणों के अभूतपूर्व सहयोग से संभव हो सकती थी। शादी में आने वाले खर्च के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि यह बतलाना ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना होगा, क्योंकि उनके लिए यह पैसे से कहीं ज्यादा भावनाओ से जुड़ा मामला था। सिंह ने कहा, " मैं कहना चाहता हूं कि ग्रामीणों ने मिलकर इस शादी में खाने-पीने से लेकर साज-सज्जा और संगीत का बेहतरीन इंतजाम किया था। आमतौर पर शहरों में होने वाली शादियों से कमतर व्यवस्था नहीं थी।"





बुद्धकालीन इतिहास को संजोये सुजाता स्तूप

पावन निरंजना नदी के तट के पूर्वी छोर पर स्थित सुजाता स्तूप़ बौद्धकालीन इतिहास को अपने में संजोये है। जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खुदाई में खंडित निकला। जिसका संरक्षण और संव‌र्द्धन भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इस स्तूप परिसर की खुदाई में पालवंश कालीन भगवान बुद्ध की विशाल खंडित प्रतिमा निकली। जो वर्तमान में बोधगया के संग्रहालय में सुरक्षित रखा है। इतिहासकारों के अनुसार 50 फीट ऊंचे इस स्तूप का निर्माण तीन चरण में किये जाने की पुष्टि होती है। वहीं, ग्रामीण मानते हैं कि राजकुमार सिद्धार्थ को पायस खिलाकर मध्यम मार्ग का अनुगामी बनने को प्रेरित करने वाली सेनानी ग्राम की महिला सुजाता का घर इस स्तूप के नीचे दबा है। ग्रामीण बताते हैं कि पूर्व में हुयी खुदाई के दौरान स्तूप में मध्य भाग में कई दरवाजे दृष्टिगत हुये थे। बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था का प्रमुख केन्द्रों में से सुजाता स्तूप भी एक है।

गांव-गांव में जायेगी राजद की टोली

पटना : लंबी प्रतीक्षा के बाद ओखरकार गुरुवार को राजद की प्रदेश कमेटी के पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी गयी. 181 लोगों को पार्टी का पदाधिकारी बनाया गया है. सूची में कुछ और नामों के जुड़ने की बात कही गयी है. प्रमंडल व जिला स्तर पर संगठन सचिव का मनोनयन होना बाकी है.
प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव ने सूची जारी करते हुए बताया कि पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष 21, प्रधान महासचिव एक, कोषाध्यक्ष एक, महासचिव 73, सचिव 78, मुख्य प्रवा एक तथा मीडिया सेल के छह प्रभारी बनाये गये हैं. इनके अतिरि किसान प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, तकनीकी प्रकोष्ठ, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, विधि प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ व बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ बनाये गये हैं. श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की गयी है. श्री यादव ने सूची को संतुलित बताते हुए कहा कि इसमें समाज के सभी वर्गो, खास कर अत्यंत पिछड़ी जाति के लोगों को ज्यादा महत्व दिया गया है. क्षेत्रीय व जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा गया है.मतदाताओं से -ब- होंगेपांच जून संपूर्ण क्रांति दिवस के दिन से पार्टी की टोली गांव-गांव में जायेगी. वहां पार्टी के नेता मतदाताओं से - ब- होंगे. उन्हें सरकार की विफलताओं से अवगत कराया जायेगा. मतदाता सूची में नाम जोड़वाने व फोटोयु मतदाता सूची की अशुद्धियों के निराकरण जैसे कार्य संपादित कराये जायेंगे. टोली की कमान सांसद, पूर्व सांसद, विधायक व पूर्व विधायकों के हाथों रहेगी ही साथ ही प्रदेश कमेटी से दो पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक बना कर भेजा जायेगा.


वेंकैया, नकवी व रूड़ी भाजपा के उम्मीदवार

भाजपा ने पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी व वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय को फिर से राज्यसभा में भेजने का फैसला किया है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी व कोषाध्यक्ष पियूष गोयल भी राज्यसभा में आएंगे। इसके साथ ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश, बिहार व कर्नाटक के विधान परिषद चुनाव के लिए भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश से हृदयनारायण दीक्षित व बिहार से किरण घई व हरेंद्र प्रताप को टिकट दिया गया है। विदेश यात्रा से वापस लौटते ही पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पार्टी के तमाम लंबित मामलों को निपटाना शुरु कर दिया है। राज्यसभा व विधान परिषद के चुनाव आ जाने से सबसे पहले उसके लिए उम्मीदवारों के काम को हाथ में लिया। केंद्रीय चुनाव समिति का गठन न होने से केंद्रीय संसदीय बोर्ड को ही उम्मीदवारों के नामों का चयन करना पड़ा। लगभग दो घंटे तक चली बैठक के बाद पार्टी ने इन चुनावों के लिए पहली सूची जारी कर दी है। जिन राज्यों में राज्यसभा के साथ विधान परिषद के चुनाव भी होने हैं, उनके नामों को पहली सूची में जगह दी गई है। मध्य प्रदेश व राजस्थान व उत्तराखंड से राज्यसभा उम्मीदवारों का चयन 4 जून की बैठक में किया जाएगा।
राज्यसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में कर्नाटक से वेंकैया नायडू व आयनूर मंजुनाथ, महाराष्ट्र से पियूष गोयल, उत्तर प्रदेश से मुख्तार अब्बास नकवी, बिहार से राजीव प्रताप रूड़ी, छत्तीसगढ़ से नंद कुमार साय को उम्मीदवार बनाया गया है। विधान परिषद के चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश हृदयनारायण दीक्षित व बिहार से किरण घई व हरेंद्र प्रताप चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में दूसरी सीट के लिए पर्याप्त वोट न होने से इस बारे में अध्यक्ष पर फैसला छोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर काफी गहमागहमी भी रही। सूर्य प्रताप शाही को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने से गड़बड़ाए संतुलन को इससे साधने की कोशिश की गई है। सूत्रों के अनुसार नए प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा के लिए केशरीनाथ त्रिपाठी व विधान परिषद के लिए खुद के नाम को चाहते थे, मगर केंद्रीय चुनाव समिति की राय अलग रही। उम्मीदवारों के चयन में पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह व डा. मुरली मनोहर जोशी काफी प्रभावी रहे। कर्नाटक से विधान परिषद के लिए सी.एच. विजयशंकर, नारायण सा भांडगे, वी. सोमण्णा व अश्वथ नारायण को व महाराष्ट्र से शोभा ताई फड़नवीस, धनंजय मुंडे व सुहास फरंदे को पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है। धनंजय मुंडे लोकसभा में उप नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं।



बिहार कांग्रेस का विवाद पहुंचा दिल्ली

बिहार में कांग्रेस नेतृत्व के बीच बंट रहे खेमों और विवादों की शिकायत अब दिल्ली दरबार तक पहुंचने लगी है। प्रदेश इकाई में अनियमितता और मनमानी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बिहार के कुछ विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों ने विरोध स्वरूप पार्टी पद से इस्तीफा दिया है। पिछले दिनों में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जगदीश टाइटलर तथा प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के मतभेद के बाद अब इकाई के कामकाज को लेकर पैदा विवाद सोनिया के समक्ष पहुंच गया। विधायकों व विधान परिषद सदस्यों के साथ कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व अन्य पार्टी पदाधिकारियों ने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक पत्र में उन्होंने बताया है कि डा. मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज और राहुल गांधी के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर बने माहौल को कुछ प्रभावी लोगों के कामकाज ने बर्बाद कर दिया है। पार्टी संविधान के अनुसार केवल प्रदेश इकाई के प्रतिनिधि [डेलीगेट]) को ही पदाधिकारी बनाने का प्रावधान है। लेकिन बिहार में समिति के 562 सदस्यों में से 400 डेलीगेट नहीं हैं। इधर पार्टी से लंबे समय से जुड़े लोगों को दरकिनार कर अन्य दलों से आए लोग वर्चस्व बना रहे हैं। दिल्ली और बंगलोर के ठेकेदार और व्यापारी पार्टी में अपना रुतबा बढ़ा रहे हैं। लिहाजा भारी मन से उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है। पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में विधायक अवधेश कुमार सिंह, महबूब अली कैसर, सदानंद सिंह, एमसीपी सिंह, रामायण प्रसाद यादव, एसपी सिंह, विनोद शर्मा जैसे कई पदाधिकारियों का नाम है।



Thursday, May 20, 2010

मांगों को ले देव में विकास मोर्चा का धरना

औरंगाबाद देव प्रखंड कार्यालय पर मंगलवार को विकास मोर्चा के बैनर तले ग्रामीणों ने धरना दिया। सूर्य कुंड तालाब से निकला प्रदर्शन प्रखंड कार्यालय पहुंचा और मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। धरना को संबोधित करते हुए जनेश्वर विकास केन्द्र के केन्द्रीय सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी, राधेश्याम सिंह, रामजी सिंह, संजय चौरसिया, कृष्णा यादव, जगन यादव ने कहा कि प्रखंड में पेयजल की समस्या दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। सभी चापानल बंद पड़े है और विभागीय अधिकारी चैन की नींद सो रहे है। प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है जिस कारण किसानों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है। उतरी कोयल नहर व बटाने नहर परियोजना अधूरा रहने से किसानों के हजारों एकड़ भूमि असिंचित पड़े है। प्रखंड में पिछले एक माह से बिजली आपूर्ति बाधित है और अधिकारी इस मामले में लापरवाह बने हैं। गरीबों का नाम बीपीएल सूची में नहीं है जिस कारण उन्हे वृद्धा पेंशन नहीं मिल रहा है। 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को न तो वृद्धा पेंशन मिल रहा है और न ही विकलांगों को पेंशन दिया जा रहा है। धरना के बाद बंद पडे़ चापानल की मरम्मती करने, जिले का नाम देव रखने, कोयल व बटाने नहर के अधूरे पडे़ कार्य को पूरा करने, शीघ्र ही बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, गरीबों को वृद्धा पेंशन देने, इंदिरा आवास चयन में धांधली रोकने से संबंधित ज्ञापन सीओ को सौंपा। सीओ ने पन्द्रह दिनों के अंदर कार्रवाई करने का भरोसा दिया। अध्यक्षता धनंजय सिंह ने किया। किरण गुप्ता, गायत्री देवी, पूजा देवी उपस्थित थे।


नक्सलियों के तांडव से दहला ग्रामीण इलाका

औरंगाबाद नक्सलियों के तांडव से मंगलवार रात्रि ग्रामीण इलाका दहलता रहा। शाम होते ही नक्सलियों ने ईट भंट्ठा पर हमला बोल पांच ट्रैक्टर फूंक डाले। ग्रामीणों ने नक्सली कार्रवाई की खबर पुलिस को दी परंतु बारुण एवं मुफ्फसिल थाना पुलिस घटनास्थल पर छह घंटे बाद पहुंची। बताया जाता है कि फोन पर थानाध्यक्ष ग्रामीणों को दस मिनट में पहुंचने का आश्वासन देते रहे परंतु ऐसा हुआ नहीं। नक्सलियों के भय से पुलिसकर्मी थानों में बैठे रहे। ग्रामीणों की माने तो अगर पुलिस चारों तरफ से नक्सलियों को घेर लेती तो सभी नक्सली पकड़े जाते। नक्सलियों ने तीन घंटे तक चार ईट भट्ठों पर कोहराम मचाया। ट्रैक्टर जलाकर मजदूरों की पिटाई की। पहले जोगिया स्थित ईट भंट्ठा पर नक्सलियों ने हमला बोला और बाद में सुसनार एवं जगदीशपुर गांव के पास स्थित ईट भंट्ठा पर मजदूरों की पिटाई की। नक्सलियों की कार्रवाई से यह साफ है कि नक्सली दक्षिण दिशा की ओर से आए और कार्रवाई को अंजाम दे उत्तर दिशा की ओर भाग निकले। वैसे भी जम्होर एवं मुफ्फसिल थाना के कई गांवों में नक्सली नियमित ठहरते है। मौलानगर नक्सलियों का मुख्य सेंटर है। बाबा ईट भंट्ठा के मालिक लालमोहन मेहता घटना के बाद से टूट गए है। पूछने पर कहा 'वर्ष 2006 में नक्सलियों ने दो ट्रक व दो ट्रैक्टर फूंक दी थी।' इस घटना के बाद से नक्सलियों ने जो भी फरमान जारी किया उसे पूरा किया गया इसके बावजूद भंट्ठा पर नक्सलियों ने क्यों हमला बोला यह समझ में नहीं आता। भंट्ठा मालिक की माने तो नक्सलियों को अगर ट्रैक्टर जलाना था तो इसकी सूचना क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों की इस कार्रवाई से ईट भंट्ठा मालिकों में दहशत व्याप्त है। उधर टुनटुन ईट भंट्ठा पर रहे मजदूर दहशत में कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। सिर्फ इतना कहा 'नक्सलियों ने बीस दिन पहले टेलीफोन की थी।' महीने भर का समय मांगा गया था परंतु उससे पहले ही नक्सलियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दे दिया। भट्ठा पर बीआर26-8011 ट्रैक्टर के मालिक सीताराम मेहता के भाग्यशाली होने की चर्चा पूरे दिन होती रही। हुआ यह कि वर्ष 2006 में भी इस ट्रैक्टर में नक्सलियों ने आग लगाई थी परंतु उस समय भी ट्रैक्टर नहीं जला था। इस बार भी ट्रैक्टर जलने से बच गया। भट्ठा पर मजदूरों ने बताया कि इस ट्रैक्टर में नक्सलियों ने आग लगाई तो ट्रैक्टर स्टार्ट हो गया। ट्रैक्टर को चालू देख नक्सली भाग निकले।


नक्सलियों ने वार्ता का प्रस्ताव खारिज किया


छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य के एक बड़े हिस्से में बने भय के माहौल के बीच केंद्र सरकार ने वामपंथी विद्रोहियों से वार्ता का प्रस्ताव दिया, लेकिन नक्सलियों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। नक्सलियों ने मंगलवार से छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में बंद की अपील कर रखी है। पिछले महीने की छह तारीख को हुए हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी नक्सली विद्रोही रमन्ना ने पुलिसकर्मियों पर और हमले करने की धमकी देते हुए मंगलवार को कहा कि क्षेत्र से सुरक्षा बलों को हटाए जाने तक वार्ता संभव नहीं है। बस्तर क्षेत्र के एक अज्ञात स्थान से एक समाचार चैनल से बातचीत में रमन्ना ने कहा, "भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और जब तक उन्हें नहीं हटाया जाता तब तक वार्ता नहीं हो सकती।"  रमन्ना ने कहा, "हथियार छोड़ने का सवाल ही नहीं है। सुरक्षा बलों की ज्यादती दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सोमवार को हमने बस को इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उसमें पुलिस बल के जवान सवार थे। मैं आम लोगों की मौत के लिए खेद प्रकट करता हूं, लेकिन हम पूरे देश में पुलिस को निशाना बनाते रहेंगे।"  उधर, बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के 48 घंटे के बंद के कारण मंगलवार को जनजीवन प्रभावित हुआ। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने बंद के मद्देनजर राज्य में और नक्सली हमलों की आशंका जताई है। राज्य के दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को हुए नक्सली हमले में कम से कम 35 लोग मारे गए थे। छत्तीसगढ़ में बंद से बस्तर क्षेत्र, राजनांदगांव के कुछ हिस्सों में तथा रायपुर व धमतरी के ग्रामीण इलाकों में जनजीवन बाधित हुआ है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार सड़कों पर यात्री बसें नहीं चल रहीं। बस्तर के कई क्षेत्रों में जंगल से होकर गुजरने वाली सड़कों पर लकड़ी के लट्ठे रखकर नक्सलियों ने सड़क मार्ग बाधित किया। नक्सलियों के बंद के मद्देनजर पांचों राज्यों में कई रेलगाड़ियों को या तो रद्द कर दिया गया है या उनके मार्ग बदल दिए गए हैं। बिहार में पुलिस ने बंद को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं। पूर्व मध्य रेलवे ने पलामू एक्सप्रेस सहित छह रेलगाड़ियों को बुधवार तक रद्द कर दिया गया है, जबकि टाटा-जम्मूतवी एक्सप्रेस सहित पांच रेलगाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। उड़ीसा में भी नक्सलियों के बंद के कारण परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। राज्य परिवहन के साथ-साथ निजी कंपनियों ने भी बस सेवा रोक दी है। राज्य के दक्षिणी जिलों गजपति, मलकानगिरी और रायगढ़ में बंद का व्यापक असर देखा गया।
झारखण्ड में भी नक्सलियों के दो दिवसीय बंद के कारण परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। नक्सलियों के बंद के मद्देनजर कई रेलगाड़ियों को या तो रद्द कर दिया गया है या उसके मार्ग बदल दिए गए हैं। रेलवे ने राज्य से गुजरने वाली आठ रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है और नौ के मार्ग बदल दिए हैं। जिन रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है, उसमें पलामू एक्सप्रेस प्रमुख हैं। इसके अलावा हावड़ा-जबलपुरशक्तिकुंज एक्सप्रेस और रांची व वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस के मार्गों में परिवर्तन किया गया है। पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के बंद के कारण पश्चिमी मिदनापुर, पुरुलिया और बांकुरा जिले में जनजीवन सबसे अधिक प्रभावित हुआ। ये तीनों जिले नक्सल प्रभावित हैं। पुलिस ने इन तीनों जिलों के जंगली इलाकों से लगे राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर सतर्कता बढ़ा दी है। पश्चिमी मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक मनोज वर्मन ने आईएएनएस से कहा कि बेलपहाड़ी, बिनपुर और लालगढ़ पुलिस थानों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।




अस्तित्व को भिड़ते पुलिस-माओवादी

औरंगाबाद। यहां के कई गांव 'लालगढ़' के रास्ते पर हैं? गांवों में माओवादियों की हुकूमत सी स्थिति है। वे जन अदालत लगाते है। कई इलाकों में शाम के बाद वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है। टार्च तक जलाने पर पाबंदी है। पुलिस सब कुछ जानती है। उसने ऐसे गांवों को अति नक्सल प्रभावित गांव घोषित कर रखा है। सबसे बुरा हाल जिले के जीटी रोड के दक्षिणी इलाके के गांवों का है। इन गांवों के लोग आज भी 18वीं शताब्दी में जीने को विवश हैं। गांवों में न तो सड़क है और न ही नक्सलियों द्वारा ध्वस्त किए गये पुल की मरम्मत हो पाई है। बिजली, अस्पताल के हालात बदतर हैं। ग्रामीण नक्सलियों के भय से मोबाइल नहीं रखते। गांवों में शादी विवाह के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। अधिकांश गांव दलित व महादलित बाहुल्य है। माओवादियों केभय से शायद ही कोई अधिकारी इन इलाकों में जाता है। इलाके की भौगोलिक स्थिति माओवादियों की बड़ी ताकत की खास वजह है। पहाड़ी व जंगली इलाका। पुलिस परेशान है। नक्सलियों के फरमान के विरोध की हिम्मत ग्रामीणों में नहीं है। नक्सली जब चाहते है सड़क, विद्यालय, पुल व मोबाइल टावर ध्वस्त कर देते है। पिछले वर्ष सिर्फ ढिबरा में 22 व सलैया में 36 ऐसे मामले दर्ज हुए। पुलिस इन क्षेत्रों में अपने 'अस्तित्व' खातिर माओवादियों से लगातार भिड़ रही है। मदनपुर एवं देव थाना में टंगी सूची में मदनपुर के जमुआं, ढकपहरी, मुरगाड़ा, चरैया, तिलैया, कनौदी, सहजपुर, नावाडीह, अम्बाबार, वकीलगंज, लालटेनगंज, दलेल बिगहा, छेछानी, छाली दोहर, कोईलवां, चिलमी, पितम्बरा, बादम, मनवा दोहर, नवा बांध, पिछुलिया, लंगुराही, पचरुखिया, खुटीडीह जैसे गांवों को अति नक्सल प्रभावित बताया गया है। ढिबरा थाने के सभी गांव नक्सल प्रभावित हैं। दुलारे, विशुनपुर, जगदीशपुर, छुछिया, गोल्हा, झगरडीह, घुरनडीह, जुरा, मंझौली, केवलहा, तेंदुई, तेतरडीह, आजाद बिगहा, पक्का बांध, पथरा, करमा, बहादुरडीह, लिलची, झरना, महुलान, दुर्गी, बारा, भलुआही, बंधन बिगहा, बरवासोई गांव में नक्सलियों की हलचल हमेशा रहती है। इसी तरह देव थाना के चैता बिगहा, दोसमा, विश्रामपुर, केताकी, पड़रिया, चंदेल बिगहा, भटकुर नइभुम, विशुनबांध, वकीलगंज, नकटी, गंजोई, ढाबीपर, बरहा, नारायणपुर, बाबू बिगहा, भंडारी गांव नक्सल प्रभावित हैं। सलैया, कासमा, अम्बा, कुटुम्बा, टंडवा, नवीनगर, गोह, उपहारा व देवकुंड थाना के भी कई गांवों में नक्सलियों का अना-जाना लगा रहता है।

राबड़ी देवी को अभद्र टिप्पणी मामले में जमानत

बिहार में छपरा की एक अदालत ने 2009 में संपन्न लोकसभा चुनाव में एक चुनावी सभा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं जनता दल यूनाइटेड के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी की जमानत मंजूर कर ली। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी योगेश नारायण सिंह ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी की जमानत याचिका मंजूर कर ली। राबड़ी देवी पर अभद्र भाषण का मामला दर्ज इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री सुबह करीब साढ़े आठ बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में उपस्थित हुई थीं। मामले के अनुसार पिछले वर्ष संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान सारण जिले के भेल्दी थाना क्षेत्र के रेपुरा उच्च विद्यालय में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान राजद नेत्री ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और श्री ललन सिंह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। राबड़ी ने फिर नीतीश को अपशब्द कहे! बाद में चुनाव स्थल पर तैनात तरैया के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार प्रियदर्शी ने संबंधित थाना में राबड़ी देवी के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इससे पूर्व मामले में व्यक्तिगत रूप से हाजिर न होने के कारण अदालत ने श्रीमती राबड़ी देवी के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी किया गया था।

Wednesday, May 19, 2010

गेटमैन की तत्परता से बड़ा हादसा टला

गया-मुगलसराय रेलखंड के गुरारू एवं इसमाइलपुर स्टेशन के बीच मंगलवार की रात नक्सली दस्ता अप लाइन पर किमी 497/11 एवं 497/14 व डाउन लाइन में 497/12 एवं 497/14 के बीच बम लगा रहा था। नक्सली काली वर्दी में शस्त्र से लैस थे। उक्त स्थान के समीप स्थित रेलवे के समपार फाटक संख्या 13 पर उस वक्त तैनात गेटमैन बासुदेव पासवान ने सिगनल लैंप की रोशनी में माजरा देखा। साथ ही काफी हिम्मत से काम लेकर पूरे घटनाक्रम से रेल प्रशासन को अवगत करा दिया।
निश्चित रूप से बड़ी क्षति होने से बच गयी। हालांकि सन्नाटा में फोन पर बात करने की आवाज नक्सलियों ने सुन लिया। जिसका खामियाजा बासुदेव को नक्सलियों से पिटायी के रूप में भुगतना पड़ा। वहीं भविष्य में भी सर्तक रहने की जरूरत महसूस करा दिया। लेकिन सभी स्थिति से वाकिफ होकर भी पुलिस का मनोबल जवाब दे गया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के 48 घंटे की बंद की घोषणा एवं धमकी देने के बाद जिस काम को रोकने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस को तैनात किया गया था। उस काम को रेलवे के एक अदद गेटमैन ने हिम्मत के साथ कर दिखाया। वहीं भारी संख्या में रहने व स्थिति की सही जानकारी मिलने के बावजूद भी पुलिस अंधेरा छंटने के पहले घटनास्थल पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।



नक्सलियों ने विस्फोट कर मोबाइल टावर व घर उड़ाया

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के हथियारबंद दस्ते ने जिले में कई स्थानों पर मंगलवार की रात पुलिस को चुनौती देते हुए घटना को अंजाम दिया। बाराचट्टी थाना के शिवगंज गांव के चंदन कुमार के घर को विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया। नक्सलियों का आरोप था कि चंदन पुलिस मुखबिर है। पुलिस ने घटना स्थल से माओवादियों द्वारा छोड़े गये पर्चे को बरामद किया है। घटना के बाद गांव में बुधवार दोपहर बाद तक सन्नाटा पसरा था। सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा के.एन. हलधर ने ग्रामीणों को नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए आगे आने को कहा। वहीं, अतरी थाना के नानूबिगहा गांव में स्थित एयरटेल मोबाइल टावर का नक्सलियों ने मंगलवार की रात आग लगाकर गिरा दिया। रात्रि प्रहरी विजय यादव ने बताया कि 50-60 की संख्या में नक्सली थे। श्री यादव का हाथ-पैर बांधने के बाद नक्सलियों ने टावर को आग लगा दिया। जाते समय नारेबाजी कर रहे नक्सलियों ने पर्चा घटना स्थल पर छोड़ा। थानाध्यक्ष शंभू नाथ दूबे बुधवार को घटना स्थल का मौका-मुआयना किया। पुलिस अधीक्षक अमित लोढ़ा ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू की गयी है। जल्द ही नक्सली पकड़े जायेंगे।

नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ाई

48 घंटे के अपने बंद के दौरान नक्सलियों द्वारा पूर्व मध्य रेलवे के मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल मार्ग पर रेल पटरी को विस्फोट कर क्षतिग्रस्त कर दिए जाने से बीती रात उस मार्ग से गुजर रही पेट्रोलियम पदार्थ ले जा रही एक मालगाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे 14 डिब्बों में आग लग गई। चकिया के पुलिस उपाधीक्षक बी पी रजक ने बताया कि यह घटना मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल मार्ग पर पिपरा और दुईधारा रेलवे स्टेशनों के बीच चिंतामन गांव के समीप बीती रात करीब डेढ़ बजे घटी। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने जगह-जगह रेल पटरी से क्लीप निकालकर विस्फोटक के जरिए पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके कारण पेट्रोलियम पदार्थ लेकर मुजफ्फरपुर से रक्सौल के लिए उक्त मार्ग से गुजर रही एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसके पेट्रोलियम पदार्थ भरे 14 टैंकरों में आग लग गई। रजक ने बताया कि उक्त मालगाड़ी में कुल 51 डिब्बे लगे हुए थे, जिसमें से आठ पलट गए हैं। रेलवे सहित जिला पुलिस के कर्मियों द्वारा अग्निशमन दस्तों के सहयोग से आग पर काबू पाने का प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक पारसनाथ और रेल पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार शर्मा सहित रेलवे के लाधिकारी कैंप किए हुए हैं और क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाकर रेल परिचालन को पुन: बहाल करने के प्रयास में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि नक्सलियों ने 18 और 19 मई को देश के पांच राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में बंद की घोषणा कर रखी थी। घटनास्थल पर नक्सलियों के उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार क्षेत्रीय समिति द्वारा छोड़ा गया एक पर्चा भी बरामद हुआ है।

Tuesday, May 18, 2010

RANIGANJ ME PARSHURAM JAYANTI MANAI GAYE

imamganj    

RANIGANJ ME PARSHURAM JAYANTI PAR SWAMI SHAILENDRANAND JI MAHARAJ AUR DR.VIVEKANAND MISHRA

‘राजनीति’ मेरी अब तक की सबसे पूर्ण फिल्म: प्रकाश झा

बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘राजनीति’ के निर्देशक प्रकाश झा ने कहा है कि उनकी फिल्म पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म नहीं है, बल्कि इसमें वर्तमान राजनीति के कुछ आयाम प्रस्तुत किए गए हैं। अपनी फिल्म ‘राजनीति’ के प्रचार के सिलसिले में लखनऊ आए प्रकाश झा, कैटरीना कैफ, अजय देवगन और मनोज बाजपेयी मीडिया से रू-ब-रू हुए और फिल्म के बारे में जानकारी दी। झा ने कहा कि फिल्म राजनीति की पृष्ठभूमि पर जरूर है, लेकिन इसमें विशुद्ध राजनीति नहीं दिखाई गई है। इसमें रिश्तों और जीवन में संघर्ष और ईमानदारी की बात की गई है। झा ने इस बात से भी इंकार किया कि कैटरीना की फिल्म में आकर्षक भूमिका नहीं है और उन्होंने बिना मेकअप के साधारण दिखनेवाली युवती की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मध्यांतर के पहले कैटरीना की भूमिका आकर्षक और खूबसूरत युवती की है, जिसके जीवन में मध्यांतर के बाद बदलाव आता है।

कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने उतरेंगे लालू

सुस्त पड़े कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए लालू प्रसाद मैदान में उतरेंगे. मकसद गांव-गांव में पार्टी की पैठ बढ़ाना है. इसके लिए कार्यक्रम को अंतिम प दिया जा रहा है. पहले चरण में प्रमंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे. शुरुआत कोसी प्रमंडल से होगी. संभवत 23 मई को सहरसा में लालू प्रसाद अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे.गांवों का रुख करें कार्यकर्तापार्टी के प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव ने बताया कि कार्यकर्ताओं को पटना का मोह छोड़ कर गांवों का रुख करने को कहा गया है. जनता को सरकार की विफलताओं से अवगत कराने के लिए पंचायत व प्रखंड स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन करने का निर्देश दिया गया है. साढ़े चार सालों में यह सरकार बीपीएल-एपीएल के मुद्दे को नहीं सुलझा पायी है. कूपन के आधार पर लोगों को केरोसिन व राशन नहीं मिल रहे हैं. अभी गांवों में राशन कार्ड बांटने का काम चल रहा है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है. 26 जिलों को सुखाड़ पीड़ित घोषित करने के बावजूद किसानों को डीजल अनुदान नहीं मिला.बिचौलिये हावीइंदिरा आवास योजना में बिचौलिये हावी हैं. इस पर रोक लगाने में सरकार विफल है. राज्य में कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता है जिस दिन नक्सली घटना, हत्या, डाका जैसी आपराधिक घटनाएं नहीं घट रही हों. कोसी क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों को पुनर्वास के नाम पर झांसा दिया गया है. लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. राहत के नाम पर घोटाले हुए हैं. इन सारे मुद्दों को लेकर पार्टी जनता को गोलबंद करेगी. आंदोलन के क्रम में पार्टी द्वारा नियु बीएलओ के कार्यकलापों की समीक्षा की जायेगी.सभी बीएलओ को फोटोयु मतदाता सूची के निर्माण व छूटे हुए मतदाताओं का नाम जुड़वाने के लिए पहल करने को कहा गया है.

जहां कौड़ियों के भाव बिकता है सोना

बेशक देश में सोना 17 से 18 हजार रुपये प्रति दस ग्राम बिक रहा है लेकिन एक स्थान ऐसा भी है जहां आदिवासी सोने के कण एकत्र करते हैं जिसे वहां के स्थानीय व्यापारी औने पौने दामों में खरीद लेते हैं. झारखंड के छोटानागपुर क्षेत्र में आदिवासी बहुल एक स्थान है रत्नगर्भा. इस क्षेत्र में स्वर्ण रेखा नदी बहती है जिसका विशेष महत्व है. इस क्षेत्र के आदिवासी इसे नंदा की संज्ञा भी देते हैं. यह नदी रांची स्थित अपने उदगम स्थल से निकलने के बाद किसी नदी में नहीं मिलकर सीधे बंगाल की खाड़ी में गिरती है. सोने के कणों के लिये विख्यात होने के कारण इस नदी का नाम स्वर्ण रेखा नदी पड़ा है.
हैरतअंगेज बात यह है कि स्वर्ण रेखा नदी में जो सोने के कण मिल रहे हैं उसके बारे में राज्य और केन्द्र सरकार दोनों ने ही निगाहें फ़ेरी हुई हैं. कोई भी सरकारी मशीनरी यह मालूम नहीं कर सकी कि इस नदी के रेत में पानी के साथ मिलकर बहने वाले सोने के कण कहां से निकलना प्रारंभ होते हैं. स्वर्ण रेखा नदी में बालू की तलहटी से सोने के कण निकालकर आज भी हजारों आदिवासी अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं. उनके परिवारों की कई पीढ़ियां इस नदी से सोने के कण निकालने का कार्य करती चली आ रही हैं. इसके बावजूद आज भी उनकी हालत दयनीय है और उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.
नदी के अंदर चिकने और गोल पत्थरों पर बहते हुये बालू से सोने के कण निकालते आदिवासी परिवार चांडिल क्षेत्र में बड़ी संख्या में अक्सर दिखायी पड़ते हैं. आदिवासी स्वर्ण कणों को छानने के लिये मछलियां पकड़ने के काम आने वाली बैंत की लकड़ी की बनी टोकरी का इस्तेमाल करते हैं जिसकी पैंदी में कपड़ा लगा होता है. ये आदिवासी दिनभर यही काम करते हैं तब जाकर कुछ ग्राम सोना एकत्र कर पाते हैं.ये आदिवासी पेट भरने के लिये सोना तो खा नहीं सकते इसलिये रोटी की जुगाड़ के लिये ये लोग एकत्र किया हुआ सोना स्थानीय कस्बों में दलालों को बेच कर अपनी घर की जरुरत का सामान ले आते हैं. कई बार स्थानीय कस्बाई व्यापारी स्वयं इन आदिवासियों के पास पहुंच जाते हैं तथा औने- पौने दाम पर आदिवासियों द्वारा नदी से निकाला गया सोना खरीद लेते हैं. इस क्षेत्र के दलाल तथा बिचौलिये सोने का व्यापार करते हुये करोड़ों में खेल रहे हैं जबकि लाचार आदिवासी केवल दो जून की रोटी ही जुटा पाते हैं. इस नदी के आसपास के क्षेत्रों में पायी जाने वाली लाल मोंरंग मिट्टी में भी सोने के कण पाये जाते हैं. चट्टानों और पत्थरों के बीच पायी जाने वाली मोरंग मिट्टी को खोदकर आदिवासी अपने घर ले जाते हैं. उस मिट्टी को बड़े बर्तनों में घोलकर उसे बारीक कपड़ों में छाना जाता है फ़िर विशेष प्रक्रिया द्वारा मिट्टी से सोने के बारीक कण अलग कर लिये जाते हैं. पाथकुम, रामपुर, भुरहातु, उलीहातू, चांडिल और इचागढ़ क्षेत्रों के ग्रामीण मुख्य रुप से यही धंधा करते हैं.

किन्नरों की गणना होगी 2011 की जनगणना में

राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना 2011 कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। इस बार देश के सारे किन्नर पुरुष की श्रेणी में रहेंगे। वहीं एक से अधिक शादी करने वालों के लिये बुरी खबर भी है। क्योंकि पति के नाम के साथ मात्र एक ही पत्नी का नाम दर्ज होगा। ऐसे में समस्या उत्पन्न होना आवश्यक है। जनगणना कार्य हेतु प्रशिक्षकों द्वारा कार्य में लगने वाले गणनकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम जारी है। प्रशिक्षक हर प्रश्नों का जवाब दे देते हैं। परन्तु जब मामला दो या दो से अधिक पत्नी वाले पुरुषों का आता है तो किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते हैं। उनके उत्तर से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोग संतुष्ट नहीं हो पाते हैं। प्रशिक्षकों का निरुत्तर होना भी मजबूरी है। क्योंकि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर परिवार अनुसूची फार्म में एक ही पत्नी का जिक्र करने का स्थान है। ऐसे में एक से अधिक शादी करने वाले पुरुष किस पत्नी को उस कालम में स्थान देगें उनके लिये बड़ी समस्या होगी। ऐसे तो परिवार अनुसूची फार्म के सबसे नीचे पेइंग गेस्ट दोस्त आदि का नाम दर्ज करने का प्रावधान है। ऐसे स्थान पर ही शेष पत्नी का नाम दर्ज हो सकता है। वहीं इस बार सभी किन्नरों को फार्म के संख्या चार में पुरुष की ही श्रेणी में रखा जायेगा। ऐसे में नामर्द कहे जाने वाले किन्नर अब सीना तान कर अपने को मर्द कह सकेगा। क्योंकि भारत सरकार की जनगणना में उसे मर्द की श्रेणी में रखने का प्रावधान है।

फर्जी केसीसी बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

जहानाबाद दूसरे किसान के नाम पर फर्जी तरीके से केसीसी बनाने एवं बैंक से कर्ज लेने के गिरोह का सोमवार को भंडाफोड़ हुआ। जिलाधिकारी के निर्देश पर घोसी थाना क्षेत्र के करहारा गांव निवासी रंजीत कुमार को इस संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया है। सदर प्रखंड परिसर में पुलिस की गिरफ्त में आये इस जालसाज के पास से जाली एफीडेविट, जाली राजश्व रसीद, हस्ताक्षरयुक्त एलपीसी, जाली मुहर तथा एक मोबाइल भी जब्त किया गया। नगर थानाध्यक्ष बच्चा सिंह ने जब्त मोबाइल के ट्रेस आउट के आधार पर इस धंधे में शामिल एक बड़े गिरोह की संभावना जताई है। मिली जानकारी के अनुसार किसी व्यक्ति ने जिलाधिकारी ओपी राय को दुरभाष पर सूचना दी कि सदर प्रखंड में फर्जी एलपीसी बनाने का धंधा बदस्तूर जारी है। उसने रंजीत कुमार की भी निशानदेही की। उक्त व्यक्ति की शिकायत पर श्री राय ने अंचलाधिकारी प्रकाश चंद्र सिंह को जालसाज को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। तत्काल पुलिस बुला ली गयी तथा मौके पर ही जालसाज को गिरफ्तार कर लिया गया। अंचलाधिकारी प्रकाशचंद्र सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रिकार्ड रुम का भी सूक्ष्म निरीक्षण किया। उन्होंने फर्जीबाड़ा रोकने के लिए तत्काल ही सदर प्रखंड स्थित सभी बैंकों को निर्देश दिया कि वे बैंकों में जमा एलपीसी को जांच हेतू अंचल कार्यालय को वापस करें। उन्होंने बैंक प्रबंधकों को फिलहाल किसी भी ऋण को स्वीकृत करने से मना किया है। इधर नगर थानाध्यक्ष बच्चा सिंह ने बताया कि इस मामले में अभियुक्त की स्वीकारोक्ति पर सदर प्रखंड के ककड़िया गांव निवासी महेन्द्र सिंह की भुमिका की भी जांच की जा रही है।

जिप उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

औरंगाबाद जिप अध्यक्ष रूपा पासवान के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी के बाद से जिला परिषद की राजनीति गरमा गई है। सोमवार को जिप उपाध्यक्ष संजय कुमार सोम के खिलाफ 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। पार्षदों ने उपाध्यक्ष पर स्थायी समिति के अभी तक गठन न होने में अध्यक्ष का सहयोग करने, विकास कार्यो में रुचि न रखने एवं जिला परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में अक्षम रहने का आरोप लगाया है। पार्षद शीला देवी, दिनेश प्रसाद, किरण देवी, ललिता देवी, इंदू देवी, किरण देवी, सोशीला देवी, प्रफुल्ल सिंह, नरेश भगत, सूरजपत पाल, सविता देवी, अनिता देवी, रामनंदन पासवान, अंजली देवी, दिग्विजय पासवान, पंकज कुमार, राधेश्याम एवं निर्मला देवी ने पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 70 के अधीन अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं। अध्यक्ष को दिए प्रस्ताव में शीघ्र बैठक बुलाने की मांग की है। प्रस्ताव की खासियत यह है कि कल तक सोम के साथ रहने वाले पूर्व जिप अध्यक्ष पंकज कुमार ने राजनीति में दोस्ती को अहमियत दी है। चर्चा के अनुसार जिप उपाध्यक्ष पद की दावेदार पंकज के मित्र रंजीत सिंह की पत्नी शीला देवी है। चर्चा है कि अध्यक्ष के खिलाफ डीडीसी ने प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसके चलते अध्यक्ष फरार चल रहे है। पन्द्रह दिनों तक बगैर सूचना के गायब रहने पर पद से हटाने का प्रावधान है। अध्यक्ष के पद से हटने की अटकलों के बीच उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है। प्रस्ताव पेश होते ही जिला परिषद की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। 18 पार्षद वोटिंग के दिन तक एकमत रह पाएंगे या नहीं यह तो प्रस्ताव पर बैठक के बाद पता चलेगा परंतु उपाध्यक्ष सोम राजनीति के माहिर खिलाड़ी है। एक वर्ष पहले तत्कालीन जिप अध्यक्ष पंकज कुमार एवं उपाध्यक्ष संजय कुमार सोम के खिलाफ सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाये थे। पंकज के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया था परंतु सोम अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब

जगह जगह ताड़ीखाने गुलजार होने लगे है

ताड़ी की बहार आ गई है। जगह जगह ताड़ीखाने गुलजार होने लगे है। इस मौसम में घनी आबादी के बीच लगे ताड़ वृक्षों पर चढ़ते हुए पासी हांक लगाता है- ताड़पोश.. ताड़पोश..। दरअसल विनोद चौधरी के अनुसार यह स्त्री का मान रखने की कोशिश है। पासी जब ताड़ के पेड़ पर चढ़ते है तो वह इतनी ऊंचाई पर होते है कि समीप के दर्जनों घरों की छतें और आंगन उन्हे स्पष्ट नजर आते है। महिलाओं को सचेत करने के लिए हांक लगाया जाता है। ताड़ी बेचने की धंधे की शुरूआत उस्ताजी पूजा से ही होती है। अब इस पूजा की परंपरा कब से है, कोई नहीं जानता लेकिन अमल में अब भी है। हर चौधरी जो ताड़ी बेचने का धंधा करता है ताड़ी उतारने का काम शुरू करने के पहले सामूहिक पूजा में शामिल होता है। दाउदनगर की परंपरा में शाकाहार पूजा है जबकि देहाती क्षेत्रों में यह पूजा मांसाहारी होती है। लोग खस्सी काटते है और खाते पीते है। यहां शुद्ध दूध का खीर वह भी बिना चीनी या गुड़ का बनता है। गुड़ की मिठाई चढ़ाई जाती है और साथ में ताड़ी दारू इष्टदेव के नाम पर जमीन पर गिराया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से इष्टदेव खुश होते है और ताड़ के पेड़ से गिरने पर चौधरी को नुकसान कम होता है। इलाके में यह मान्यता है कि ताड़ के पेड़ से गिरते वक्त चौधरी के कमर में खोंसा हुआ हसुली स्वत: पहले गिर जाता है ताकि उससे चौधरी की जान को खतरा न हो। यह हसुली काफी तेज धार वाला होता है। इतना तेज धार का दूसरा हथियार बाजार में नहीं मिलता। फिलहाल पूजा पाठ की परंपरा के बाद अपने परंपरागत पेशे में यह चौधरी या पासी समाज उतरता है और अपना आय शुरू करता है

नक्सली गतिविधि से जुड़े द्वारिका गिरफ्तार

राष्ट्रीय राजमार्ग-2 जीटी रोड पर सुरजमंडल चेकपोस्ट के पास वाहन चेकिंग में शुक्रवार को बांकेबाजार के द्वारिका यादव को सीआरपीएफ ने गिरफ्तार कर पुलिस को सौंप दिया है। द्वारिका पर कथित नक्सली गतिविधि से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट के.एन. हलधर ने बताया कि द्वारिका बांकेबाजार थाना क्षेत्र का है। गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार दोपहर बाद वाहन चेकिंग में द्वारिका को सीआरपीएफ ने पूछताछ के लिए पकड़ा। नक्सली होने की पुष्टि के बाद मामला पुलिस को सौंप दिया गया। उधर आरक्षी अधीक्षक अमित लोढ़ा ने गया में बताया कि द्वारिका के पास से पांच मोबाइल और 3.15 का 26 कारतूस बरामद किया गया है। कथित नक्सली के आरोप में द्वारिका यादव की गिरफ्तारी के विरोध में बस मालिकों ने शनिवार को शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र में बस के आवागमन को बंद कर दिया। उनका कहना है कि द्वारिका बस चलाने के साथ-साथ बांकेबाजार में इलेक्ट्रानिक्स का काम करता है।

नक्सलियों ने गैमन इंडिया के चार वाहन फूंके

लेवी न मिलने से नाराज प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के हथियारबंद दस्ते ने शुक्रवार की रात गुरुआ थाने के नवाबचक गांव में गैमन इंडिया के चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके पूर्व नक्सलियों ने आतंक फैलाने के लिए हवा में कई राउंड गोलियां चलायीं। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली एमसीसीआई जिंदाबाद के नारे लगाते भाग निकले। प्रतिबंधित संगठन के चाल्हो जोन के सचिव ने दूरभाष पर जागरण से घटना की जिम्मेवारी लेते हुए कहा कि लेवी न देने के कारण ऐसा किया गया। गैमन इंडिया कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग-63 रानीगंज-पटना मार्ग का निर्माण करा रही है। नक्सलियों ने पूर्व में कंपनी से लेवी के रूप में एक मोटी रकम मांगी थी। गुरुआ थानाध्यक्ष रूपनारायण राम ने बताया कि अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वहीं पुलिस अधीक्षक अमित लोढ़ा ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य पिछले एक पखवारे से बंद था। शनिवार को कंपनी के कर्मी 'पैकअप' कर सामान सहित वापस जाने वाले थे। एसपी ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

नहीं पकड़ा जा सका मुख्य अभियुक्त

गया । विदेशी महिला सामूहिक दुष्कर्म कांड में सोमवार को तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। गया पुलिस इसके लिए भले ही अपनी पीठ थपथपा ले। लेकिन आज भी घटना के 31 दिन बाद कांड के मुख्य दो अभियुक्त लोटन यादव और राजन यादव की गिरफ्तारी गया पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। गया पुलिस द्वारा उपरोक्त 'हाई प्रोफाईल' कांड में अनुसंधान का स्तर विधि वेक्ताओं के बीच चर्चा का विषय रहा।

घटना 16 अप्रैल की रात की है। उस वक्त जिले के पुलिस कप्तान सुशील एम खोपडे हुआ करते थे। बोधगया थाने में दर्ज प्राथमिकी में भादवि की जो धारा लगायी गयी। उसे लेकर टीका-टिप्पणी हुई। कारण था जब जापानी महिला साची नोमुरा के साथ लूटपाट हुई। सामूहिक दुष्कर्म हुआ। जबरन अगवा कर टेम्पो से ले जाया गया। ऐसे में डकैती, सामूहिक दुष्कर्म और अपहरण से संबंधित भादवि की धारा आरोपियों के खिलाफ इस्तेमाल की जा सकती थी। जो नहीं हुआ। श्री खोपडे की देखरेख में तीन आरोपी अनुज, पप्पु और उदय पकड़े गये। श्री खोपडे के समय पीड़ित जापानी महिला से लूटी गयी कई सामानों को पुलिस ने बरामद किया। फिर अमित लोढ़ा पुलिस कप्तान बनकर गया आये। श्री लोढ़ा के समक्ष फरार दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी और साची नोमुरा से लूटी गयी पासपोर्ट की बरामदगी चुनौती के रूप में सामने थी। जो चुनौती आज भी बरकरार है। लेकिन एसपी श्री लोढ़ा के कार्यकाल में सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित 376 धारा को आरोप पत्र में शामिल किया गया। स्वयं लोक अभियोजक विमल किशोर प्रसाद ने स्वीकार किया कि डकैती व अन्य आरोप से संबंधित भादवि की धारा प्राथमिकी में लगायी जा सकती थी। लेकिन जब मामला स्पीडी ट्रायल और हाई प्रोफाइल हो तो छोटी-मोटी बात और तकनीकी भूल को कांड की महत्ता को देखते हुए ज्यादा अहमियत नहीं दी जानी चाहिए। दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील सत्यनारायण सिंह की मानें तो गया पुलिस की अनुसंधान का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। अधिवक्ता श्री सिंह ने कहा कि इस हाई प्रोफाइल कांड में डीएसपी-एसपी का पर्यवेक्षण नहीं हुआ। जबकि एसपी और डीएसपी के द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के आलोक में अनुसंधान की दिशा तय होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि बगैर दिशा-निर्देश के अनुसंधानकर्ता ने आरोप पत्र समर्पित किया। वहीं जो बरामदगी दिखाई गयी है। उक्त बरामदगी स्थल से संबंधित गांव का कोई ग्रामीण का हस्ताक्षर बरामदगी दस्तावेज पर नहीं है। ना ही जापानी भाषा के किसी विशेषज्ञ से द्विभाषिए अमरदीप कुमार के बयान की सत्यता प्रमाणित करायी गयी है। वहीं, एसपी श्री लोढ़ा ने पिछले महीने घोषणा की थी कि कांड में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामदगी को लेकर डीएसपी राजवंश सिंह, बोधगया थानाध्यक्ष और विशेष टास्क फोर्स के पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। ऐसे में जब दो मुख्य आरोपी घटना के 31 दिन बाद तक पुलिस पकड़ से बाहर हों। लूटी गयी पासपोर्ट को बरामद करने में गया पुलिस नाकाम रही हो। अदालती आदेश के बावजूद पीड़ित महिला को गया पुलिस अपने पास मौजूद बरामद सामान को वापस सौंपने में विफल हो। ऐसे में पुलिसकर्मी पुरस्कार के हकदार हैं? यह चर्चा आमजनों के बीच आज भी हो रही

जापानी युवती से दुष्कर्म मामले में तीन को उम्रकैद

गया। गया व्यवहार न्यायालय ने सोमवार को स्पीडी ट्रायल के तहत फैसले का रिकार्ड कायम करते हुए 31वें दिन जापानी युवती साची नोमुरा के साथ दुष्कर्म मामले में तीन अभियुक्तों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयंत कुमार सेन ने भीड़ भरी अदालत में फैसला सुनाते हुए कहा कि 'अभियुक्तों द्वारा किये गये कांड ने गया शहर के साथ-साथ बिहार और भारत का सिर विश्व के समक्ष झुका दिया है। ये अभियुक्त दया के पात्र नहीं हो सकते हैं। जापानी युवती साची नोमुरा के साथ विश्वासघात किया गया। विश्वास के साथ जापानी युवती बोधगया से गया रेलवे स्टेशन जाने के लिए टेम्पो में बैठी थी। परंतु टेम्पो ड्राइवरों समेत पांचों आरोपियों ने उसके साथ विश्वासघात किया। न्यायाधीश श्री सेन ने दुष्कर्म के अभियुक्त पप्पू कुमार , उदय कुमार और लिट्टू उर्फ अनुज यादव को भादंवि की धारा 376 (2)(जी) के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ ही सभी अभियुक्तों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसके अतिरिक्त धारा 379 एवं 411 भादंवि के तहत तीनों अभियुक्तों को तीन-तीन वर्षो के सश्रम कारावास की सजा भी दी गयी है। 10 हजार रुपये अर्थदंड चुकता न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास होगा। इसके पूर्व न्यायाधीश श्री सेन ने सोमवार की सुबह 9:30 बजे सभी अभियुक्तों को दुष्कर्म की घटना में दोषी करार दिया और सजा की बिन्दुवार सुनवाई तथा फैसले का समय 11:30 बजे मुकर्रर किया। इससे पूर्व से ही अदालत में अधिवक्ता एवं इस मामले का फैसला जानने के इच्छुक लोग जमा हो गये थे। सजा के बिन्दु पर अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक विमल किशोर प्रसाद और विनय कुमार ने बहस करते हुए कहा कि यह शर्मसार करने वाली घटना है। घृणित कार्य किया गया है। दोनों अधिवक्ताओं ने अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की। उधर, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह, अर्जुन प्रसाद, कैलाश राय और संतोष कुमार मंडल ने न्यायाधीश को बताया कि सभी अभियुक्त कम उम्र के हैं। कभी किसी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। इन सब को मद्देनजर रखते हुए दया की दृष्टि अपनायी जाये। फैसला सुनने के बाद तीनों अभियुक्तों ने स्वत: अपना चेहरा कपड़े से बांध लिया। पूरा मुंह छिपा लिया। तदोपरांत पुलिस सभी अभियुक्तों को अदालत परिसर से भीड़ के बीच सुरक्षा घेरे में लेकर बाहर आ गयी। सभी अभियुक्तों को गया केन्द्रीय कारागृह भेज दिया गया। मालूम हो कि 16 अप्रैल 2010 को साची नोमुरा ने बोधगया के दीप गेस्ट हाउस से गया स्टेशन जाने के लिए टेम्पो किया था। इसके बाद बोधगया-गया मार्ग पर अमवां ठोकर के पास जापानी युवती के साथ टेम्पो चालक समेत पांच अभियुक्तों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके सारे सामान लूट लियाथा। घटना के बाद टेम्पो चालक उसे गया स्टेशन के समीप उतारकर फरार हो गये थे। घटना में पांच युवक शामिल थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया था। अन्य दो रंजन यादव व लोटन यादव फरार चल रहे हैं। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर दोनों अभियुक्त के घर कुर्की जब्ती कर ली है।

घटनाक्रम का विस्तृत विवरण

16 अप्रैल 2010 - जापानी युवती साची नोमुरा के साथ गया बोधगया मार्ग पर अमवां ठोकर के पास सामूहिक दुष्कर्म

17 अप्रैल 2010- बोधगया थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज। कांड संख्या 87/2010

18 अप्रैल- गया के विसार तालाब के समीप पप्पू कुमार की गिरफ्तारी। पप्पू ने चार और नाम बताये। उदय कुमार, अनुज कुमार (दोनों गिरफ्तार), लोटन यादव व राजन यादव (दोनों फरार)- कुल पांच अभियुक्त -तीन गिरफ्तार, दो फरार

19 अप्रैल- तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों को सीजेएम के समक्ष पेश किया गया। उन्हें जेल भेजा गया।

20 अप्रैल- साची नोमुरा का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम रूपमा कुमारी के समक्ष 164 का बयान दर्ज।

टीआई परेड में तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान, आरोप पत्र दाखिल

21 अप्रैल- न्यायालय ने लिया संज्ञान।

22 अप्रैल - आरोप गठित, पीड़िता का बयान दर्ज

23 अप्रैल- न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी और जब्ती सूची के गवाह सुनील कुमार एवं उमेश कुमार की गवाही।

साची नोमुरा वापस जापान चली गयी।

26 अप्रैल- जापानी मुद्रा व क्रेडिट कार्ड न्यायालय में रखा गया।

27 अप्रैल- होटल मालिक व द्विभाषिए अमरदीप कुमार की गवाही।

28 अप्रैल- डा.संगीता कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी व बीडीओ हरिशंकर प्रसाद सिंह की गवाही।

29 अप्रैल- मेडिकल टीम के डाक्टरों की गवाही

1 मई- अनुसंधानकर्ता की गवाही

3 मई- बोधगया थानाध्यक्ष की गवाही

4 मई- अनुसंधानकर्ता की गवाही पूरी

7 मई- अभियुक्तों का बयान दर्ज, खुद को बताया निर्दोष

11 मई- बचाव पक्ष की ओर से दो की गवाही

12 मई- अभियोजन की ओर से बहस शुरू

13 मई- अभियोजन की बहस पूरी और बचाव पक्ष की शुरू

14 मई- बचाव पक्ष ने उठाये पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न।

15 मई-बचाव पक्ष की बहस पूरी। 17 मई - अदालत का फैसला

नक्सली बंद को ले रेल हाई एलर्ट

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 48 घंटे के बंद को देखते हुये रेलवे का हाई एलर्ट कर दिया गया है। पूर्व मध्य रेल के कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिये गये हैं। वहीं गया से होकर गुजरने वाली पलामू एक्सप्रेस 18 एवं 19 मई को रद्द कर दिया गया है। रेल प्रशासन ने रेलवे सुरक्षा बल तथा राजकीय रेल पुलिस को पेट्रोलिंग स्पेशल ट्रेन से प्रभावित क्षेत्रों में गश्त करने का निदेश दिया गया है। वहीं रेल कर्मचारियों को सर्तकतापूर्वक अपनी ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन ने नक्सली बंद को देखते हुये गया रेल थाना को सैप के जवान सहित अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराया है। रेलवे सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल, जीआरपी, सैप तथा जिला पुलिस के अतिरिक्त बलों को रेलवे स्टेशन परिसर तथा ट्रेनों में संदिग्ध लोगों पर विशेष नजर रख रहे हैं। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 18 तथा 19 मई को पांच राज्य बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश बंद का आह्वान किया है। रेलवे सूत्रों ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस सहित रात में चलने वाली तमाम ट्रेन की गतिसीमा कर दी गयी है।

Saturday, May 15, 2010

निगम पार्षद बनने के लायक भी नहीं हैं नितिन गडकरी लालू

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी की कथित अभद्र टिप्पणी पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि गडकरी ने उनके और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ शर्मनाक और ओछी भाषा का इस्तेमाल किया है। लालू ने पटना में गुरुवार को संवाददताओं से कहा, "भाजपा के नए अध्यक्ष गडकरी ने जिस स्तर की भाषा का इस्तेमाल किया, वैसी भाषा लालकृष्ण आडवाणी या किसी अन्य नेता ने कभी नहीं बोली। उनकी टिप्पणी शर्मनाक है।" उन्होंने कहा कि गडकरी ने यह बयान देकर अपने स्तर को सबके सामने ला दिया है। लालू ने कहा, "गडकरी को कैसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अध्यक्ष बना दिया। वे तो निगम पार्षद बनने के लायक भी नहीं हैं।" लालू ने कहा कि गडकरी ने मेरे और मुलायम के लिए बेवजह अपशब्द इस्तेमाल किए। लालू ने कहा कि उन्होंने हमें ‘कुत्ता’ कहा। हमने उनके बयान को बहुत गंभीरता से लिया है। लालू ने कहा कि वे कहते हैं कि यह मुहावरा था। इस तरह की बातें माफी मांगने से हल नहीं हो जातीं। लालू ने कहा कि यह बिल्कुल घटिया, ओछा बयान है। हमारे शब्दकोश में भी बहुत सारे शब्द हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते। पता नहीं इस आदमी के अंदर क्या गुण हैं। क्या देखकर इसे अध्यक्ष बनाया गया है। बहुत अच्छा ‘फैशन’ है गाली देकर वापस कर लो। यह तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक का व्यक्ति ही कर सकता है। लालू ने कहा कि हम कोई मुकदमा दर्ज नहीं करेंगे। हम खुद क्या कमजोर हैं जो मुकदमा दर्ज करेंगे। हम गडकरी को संस्कारों का सबक सिखाएंगे। राजद के पूर्व सांसद एवं प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव ने गुरुवार को कहा, "गडकरी बीमार हो गए हैं। देश की राजनीति में भाजपा की कमजोर होती स्थिति को देखते हुए उनकी मानसिक स्थिति बिगड़-सी गई है।" उन्होंने कहा कि ऐसे बयान से पूरा लोकतंत्र कलंकित हो गया है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गडकरी आरएसएस के ही हैं इस कारण वे ऐसा करेंगे ही। उन्होंने कहा कि राजद इसके खिलाफ आंदोलन करेगी। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में शुरू से ही फर्क रहा है। भाजपा के नेता सभ्यता और संस्कृति की बात करते हैं, लेकिन उनके अध्यक्ष ही सारी मर्यादाएं तोड़कर बयान दे रहे हैं। यह किसी अध्यक्ष को शोभा नहीं देता। उल्लेखनीय है कि बुधवार को चंडीगढ़ में एक सभा के दौरान कटौती प्रस्ताव पर संसद में हुए मतदान का जिक्र करते हुए गडकरी ने लालू और मुलायम के खिलाफ कथित तौर पर अभ्रद टिप्पणी की थी। बाद में उन्होंने इस पर खेद भी जताया था और अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "कल (बुधवार) की अपनी टिप्पणी पर मुझे खेद है और मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। लालू और मुलायम के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है।" उन्होंने कहा, "मेरी टिप्पणी का गलत संदेश गया। मेरी बात की भावना अलग थी।"

टाइम मैगजीन में सुपर-30 के संचालक आनंद

पटना ‘टाइम मैगजीन’ ने सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार को दी बेस्ट ऑफ ऐशया 16 की सूची में शामिल किया है. मैगजीन ने गणितज्ञ आनंद कुमार के सुपर-30 को ऐशया का दी बेस्ट स्कूल घोषित किया है. आनंद ने 2002 मे सुपर -30 की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम के तहत 30 निर्धन बच्चों को आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने के लिए चयनित किया जाता है. आनंद कुमार ने बताया कि अब तक सात वर्षो में 182 विद्यार्थी आइआइटी प्रवेश परीक्षा में सफल हो चुके हैं. इसके पूर्व उन्होंने1996 में रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स की शुरुआत की, जिसके तहत निर्धन मेधावी बच्चों को निशुल्क गणितीय शिक्षा दी जाती है.पूरी टीम को Þोय : आनंदआनंद कुमार ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि टाइम मैगजीन ने उन्हें इस लायक समझा. उनका मानना है कि संस्था से ऊपर कोई व्य िविशेष नहीं होता है. इस सफलता का Þोय अपने सहयोगी प्रणव कुमार एवं अपनी टीम को देना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार सुपर- 30 में बच्चों को संख्या 60 की जा रही है. इसके लिए देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जायेगी. यहीं नहीं बल्कि इस बार आनंद कुमार कुछ बच्चों को चयनित करके एआइइइइ की भी तैयारी निशुल्क करवायेंगे. वह एक ऐसा आवासीय स्कूल खोलना चाहते हैं, जिसमें छठे क्लास से ही मेधावी गरीब बच्चों को प्रशिक्षित करके , उन्हें शिक्षा के उच्चतम पायदान तक पहुंचाया जा सके.

क्या अंग्रेजी बन गयी है राष्ट्रभाषा?

खड़ी बोली खड़ी है. संसद के दरवाजे पर. ठिठकी, सहमी और सकुचायी सी. तिरसठ साल हो गये. अंग्रेजी ने कुर्सी खाली नहीं की. सो खड़ी ही है. देश के सम्मानित नेताओं ने कहा था कि जबतक हिंदी कामकाज न संभाल ले, तबतक दोनों काम करें. हिंदी कामकाज संभाल ले तो उसे पूरी तरह कुर्सी दे दी जाएगी. इसकी समय सीमा भी तय हुई. कि सन् 1965 तक हिंदी राज का काज संभाल लेगी. और तब अंग्रेजी को मुख्य राजभाषा के पद से हटा कर हिंदी को मुख्य राजभाषा का दर्जा दे दिया जाएगा. ऐसा नहीं है कि इतने सालों में हिंदी कामकाज संभालने लायक नहीं हो पायी है. पर अंग्रेजी उसे काम करने कहां देती है. उसे एक कोने में समेट दिया गया है. सारा काम अंग्रेजी में. हिंदी में तो बस अनुवाद. बातें तो कुछ हिंदी में हो भी जायं, काम अंग्रेजी में ही होता है. कुछ नाम मात्र के अपवाद को छोड़ दें तो संघ के समूचे कामकाज का यही हाल है.रस्मी तौर पर हिंदी के नाम पर हिंदी में हो रहे कुछ कामों को छोड़ दें तो भारत सरकार का सारा काम काज मुख्य राजभाषा के रूप में अंग्रेजी ही संभाल रही है........

Friday, May 14, 2010

शहर में पेयजल की लूट

एक सप्ताह से जारी बिजली संकट के साथ-साथ पेयजल की किल्लत में गयावासियों को पानी लूटने पर मजबूर कर दिया है। कई स्थानों पर पानी को लेकर तू-तू, मैं-मैं से लेकर हाथापाई तक की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। प्रशासन वैसे में विधि-व्यवस्था की बात कहकर चुप हो जाना ही बेहतर समझ रहा है।

शुक्रवार को तेज गर्मी से तपते इस शहर के कई स्थानों पर पानी को लेकर भाग-दौड़ देखा गया। नगर निगम के पास 14 टैंकर उपलब्ध हैं। इन टैंकरों के माध्यम से सबसे ज्यादा पानी की कमी वाले इलाके में पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए निगम ने एक शेड्यूल बना रखा है। लेकिन बिजली नहीं आने से पानी की किल्लत तो हर मुहल्ले में हो गयी है। लोग सुबह से शाम तक बिजली आने की टकटकी लगाये रहते हैं। वैसे में बिजली का न आना और पेयजल आपूर्ति ठप रहना एक बड़ी समस्या है। तब उनके सामने एकमात्र विकल्प टैंकर के पानी का होता है। निर्धारित स्थान पर जाने वाले टैंकरों को जिस मुहल्ले से गुजरना पड़ता है। पहले वहां के लोग उसे रोककर पानी ले लेते हैं। तब फिर वह टैंकर दंडीबाग जाकर पुन: पानी भरकर आगे की ओर जाता है। यह सामान्य एवं जरूरी है। लेकिन प्रशासन इसे दबंगई बताता है। उधर सत्तारूढ़ दल जनता दल के जिलाध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर टैंकरों की अनियमितता एवं दबंग लोगों के मनमानी के कारण पेयजल आपूर्ति में हो रहे व्यवधान पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि इससे एपी कालोनी जैसे अधिकांश प्रभावित मुहल्ले में लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दबंग लोग दंडीबाग जल उदहन केन्द्र में जाकर मारपीट और अपशब्दों का व्यवहार कर रहे हैं। जो अशोभनीय है। श्री सिंह ने जिला प्रशासन से पेयजल आपूर्ति के लिए असामाजिक तत्वों पर सख्ती से पेश आने की बात कही है।

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गुरुआ में डॉक्टर लालजी आयेंगे चुनाव मैदान में

Guruaa me Bihar Assembly Election 2010 me Guraru Ke Lokpriya Doctor Dr.Lalji Yadav Ke Chunav Maidan me aane ki Khabar Ne Khalbli Macha Di hai. Doctor Ke Samrthako ki Bhari Sankhya Dekhte huye RJD MLA Shakil Ahmad Khan Ke Kheme Me Nirasa ki lahar Daur Gaye Hai.RJD Ke Netaoo Ka Manna hai ki Agar Dr Lalji Chunav Maidan Me Aaye To RJD Ki Haar Tay Hai.

कांग्रेस नेताओ को नक्सलियों ने दी धमकी




imamganj vidhansabha elake me congress neto ko naxliyo ne dhamki di ki congress chhor do nahi to parinam bura hoga.

Thursday, May 13, 2010

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भाजपा में असंतोष थमता नजर नहीं आ रहा

भाजपा की नवगठित प्रदेश कमेटी को लेकर पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व विधायकों का असंतोष थमता नजर नहीं आ रहा. नयी कमेटी में निष्टावान कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ता शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में उपवास पर बैठेंगे. दूसरी ओर नयी टीम पर विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल ने भी नाराजगी जतायी है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को कड़ा पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि यह टीम शत्रुघ्न सिन्हा फै ंस एसोसिएशन की तरह डॉ सीपी ठाकु र फै ंस एसोसिएशन बन कर रह गयी है.अनुभवहीनों की भरतीभाजपा अधिवक्ता मंच के पूर्व वरीय उपाध्यक्ष महेश्वर दत्त द्विवेदी ने कहा है कि नयी टीम में अनुभवहीनों की भरती कर दी गयी है. यदि इस तूफ़ान को नहीं रोका गया, तो पार्टी की स्थिति यूपी जैसी हो जायेगी. काम करनेवाले कार्यकर्ताओं को संगठन से बाहर कर दिया गया है, जबकि चापलूसों को जगह दे दी गयी है. काम करनेवाले अधिवक्ता मंच के पूर्व पदाधिकारियों को प्रदेश कार्यसमिति तक में जगह नहीं दी गयी. उन्होंने पार्टी की नयी टीम को ऐसी लकवाग्रस्त टीम करार दिया है, जो दवा पीने के बाद भी ठीक नहीं होगी. पूर्व मंत्री विक्रम कु ंवर व पूर्व पटना महानगर अध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने भी नयी टीम में सही कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं देने की शिकायत की है.पार्टी संतुलित सीग्रीवालइस बीच पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश महामंत्री जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने टीम को असंतुलित बतानेवाले कार्यकर्ताओं को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसे कार्यकर्ता पहले अपना संतुलन ठीक कर लें, फ़िर पार्टी के संतुलन की बात करें. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से पार्टी की बात पार्टी फ़ोरम पर ही उठाने की अपील की है. पार्टी जनों को अनर्गल बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी है. बयान देनेवालों को पहले अपना चेहरा देख लेना चाहिए. पार्टी कहीं से भी असंतुलित नहीं है.

बथानी टोला नरसंहार: तीन को फांसी की सजा


भोजपुर। बिहार के चर्चित बथानी टोला नरसंहार मामले में बुधवार को एक अदालत ने तीन दोषियों को फांसी तथा 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लगभग 14 साल पहले हुए इस नरसंहार में 21 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

भोजपुर के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले में 23 दोषियों को सजा सुनाई। फांसी की सजा पानेवालों में अजय सिंह, मनोज सिंह तथा नरेन्द्र सिंह शामिल हैं।

बिहार बाथे नरसंहार मामला: 16 आरोपियों को मृत्युदंड

विशेष लोक अभियोजक रामबाबू प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में पुलिस ने 63 आरोपियों को खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। इनमें से न्यायालय ने पिछले बुधवार को 30 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था, जबकि 23 को दोषी करार दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान चार आरोपियों की मौत हो गई, जबकि पांच को जमानत पर रिहा कर दिया गया। एक आरोपी रामेश्वर सिंह फरार है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता भुनेश्वर तिवारी ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वे उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

उल्लेखनीय है कि रणवीर सेना समर्थकों ने भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के बथानी टोला गांव को घेरकर 11 जुलाई 1996 को तीन और नौ माह की बच्चियों, महिलाओं सहित 21 लोगों की हत्या कर दी थी।

'नौ दिन चले ढाई कोस'

मगध प्रमंडल के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण की योजना 'नौ दिन चले ढाई कोस' की कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकार के लिए सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल करना टेढ़ी खीर है। प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कथित 'मुक्त क्षेत्र' में विकास की बात बेमानी है क्योंकि नक्सली अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में सड़क निर्माण नहीं होने देना चाहते हैं।

परिणाम है कि प्रखंड मुख्यालयों तक आने के लिए ग्रामीणों को सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। सरकार का लक्ष्य सुविधाविहीन नागरिकों को सड़क आदि बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है। इसी उद्देश्य के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत मगध प्रमंडल में अब तक करीब 500 किलोमीटर सड़क निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। उद्देश्य है अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 'सड़कों का जाल' बिछाने का। लेकिन उद्देश्य में कई बाधाएं हैं। विभागीय लापरवाही के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है। समय पर प्राक्कलन और डीपीआर नहीं उपलब्ध होने से योजना अपने तय समय सीमा पर पूरी नहीं हो पा रही है। गया के जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह की माने तो वित्तीय वर्ष 2006 से 2010 के बीच 141 योजना मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ली गयी। यदि योजना पूरी हो जाती है तो जिले के ग्रामीण इलाके में करीब 275 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता। उपरोक्त योजना के लिए राज्य सरकार ने 142 करोड़ 43 लाख रुपये के बजट को स्वीकृत दे रखा है, लेकिन जिले में योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। कारण है तकनीकी महकमे का लापरवाही और समय पर योजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति का अभाव। जिलाधिकारी प्रशासनिक लापरवाही के आरोप को नकारते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 55 करोड़ रुपये व्यय कर 28 योजना को पूर्ण कर लिया गया है। 86 योजना के कार्य प्रगति पर है। वहीं 12 योजना निविदा प्रक्रिया में है। इधर, जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी शोभा सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री सड़क योजना से सुदूरवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को काफी लाभ पहुंचा है। औरंगाबाद जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 58 योजना ली गयी है। इनमें 4 योजना पूर्ण हो चुकी है। 21 योजनाओं की कार्य प्रगति पर है। 9 योजनाएं प्रशासनिक स्वीकृति के लिए प्रमंडलीय आयुक्त के पास भेजा गया है। शेष सड़कों का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। नक्सलियों के भय के कारण जीटी रोड, रानीगंज से आजन पथ का कालीकरण कार्य तथा रफीगंज प्रखंड में तिनेरी लटा पथ का कार्य ठप है। 17 सड़कों का निर्माण कार्य कच्छप गति से चल रहा है। डीएम कुन्दन कुमार मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को गति देने के लिए प्रत्येक माह अभियंताओं के साथ बैठक कर रहे है। लेकिन, इसके बावजूद जिले में योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। नवादा जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 32 योजना ली गयी है। इनमें से मात्र 3 योजनाओं को पूरा कराया जा सका है तथा शेष योजनाएं अधूरी पड़ी हैं।

गडकरी के बयान पर बवाल

पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी की टिप्पणी को ले काफी नाराज हैं। वे भाजपा और गडकरी पर जमकर बरसे। लालू ने कहा कि विदेशों में जमा राशि निकालने के लिए सीबीआई ने जब इंटरपोल की सहायता की अनुमति केन्द्र से मांगी तो भाजपा नेताओं की छटपटाहट बढ़ गयी है। भाजपा ने बचाव के लिए सीबीआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने अपने खिलाफ टिप्पणी को घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि गडकरी को कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए। यद्यपि ऐसी टिप्पणी माफ करने योग्य नहीं है। राजद इनकी टिप्पणी के खिलाफ आन्दोलन करेगा। इस बीच राजद कार्यकर्ताओं ने डाक बंगला के समीप गडकरी का पुतला फूंका।

गुरुवार को अपने आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस में राजद सुप्रीमो ने कहा कि किसी राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष मानसिक रूप से इतना दिवालिया होगा, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। संसदीय प्रणाली में कटु से कटु बातें मर्यादा के तहत कही जा सकती हैं। इसके विपरीत गडकरी ने जिन शब्दों का प्रयोग उनके व सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ किया है। इससे लेकतंत्र की मर्यादा का हनन हुआ है। राजद सुप्रीमो ने कहा कि गडकरी इसको मुहावरा बता रहे हैं जबकि ऐसा मुहावरा नहीं है। राजद सुप्रीमो ने कहा कि गडकरी की भांति घटिया शब्दों का प्रयोग करना हम लोग भी जानते हैं किन्तु संसदीय मर्यादा का ख्याल रखते हुए ऐसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजद ने गडकरी की टिप्पणी को गम्भीरता से लिया है। आन्दोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि नौसिखुआ को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने से संसदीय लोकतंत्र में आस्था रखने वाले सभी लोग आहत हैं।

राजद सुप्रीमो ने भाजपा की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को जब स्विस बैंक सहित विदेशों में जमा राशि की सूची प्राप्त हो गयी है व सीबीआई ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए इंटरपोल की मदद मांगी तो सीबीआई को निशाने पर लिया जा रहा है। इसके खिलाफ भाजपा के लोग आन्दोलन कर रहे हैं। राजद सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा के लोगों को उस दिन सीबीआई निष्पक्ष दिखाई दे रही थी जब उनको फंसाया गया था। भाजपा ने ही साबित कर दिया कि उनके खिलाफ सीबाीआई ने जो कुछ किया वह गलत था। राजद सुप्रीमो ने कहा कि उनको फंसाने के पुरस्कारस्वरूप ही एनडीए शासन में सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक यूएन विश्वास को राज्यपाल बनाया जा रहा था। उन्होंने दुनिया के धनी बिल गेट्स द्वारा खगड़िया के गांव के दौरे पर कहा कि गरीबी देखकर उनके मुंह से 'ओ माई गॉड निकला' जो स्थिति को दर्शाने के लिए काफी है। इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावे की सच्चाई सामने आ गयी है। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व सांसद रामकृपाल यादव, युवा राजद अध्यक्ष सतीश पासवान व छोटू सिंह भी थे। इससे पूर्व गडकरी की टिप्पणी से आक्रोशित राजद कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अब्दुलबारी सिद्दीकी के नेतृत्व में जुलूस निकाला व गडकरी का पुतला दहन किया।

Sunday, May 9, 2010

कैमूर में प्रकृति का कहर, फटी धरती

कैमूर में नराउ गांव के पास धरती में 200 फीट लम्बी दरार से लोगों में दहशत। कैमूर में ज़िंदगी ख़तरे में पड़ गई है।ये ख़तरा किसी एक की ज़िंदगी पर नहीं बल्कि धरती पर मौजूद तमाम ज़िन्दगियों पर है।प्राकृतिक असंतुलन इस कदर बढ़ गया है कि आए दिन हादसे हो रहे हैं।प्राकृतिक आपदाओं का मानों सिलसिला सा चल पड़ा है। इस बार मामला कैमूर का है जहां 200 फीट धरती फट गई है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के भयानक नतीजे दिखने लगे हैं। धरती का सब्र टूट रहा है,धरती फट रही है। कैमूर के दुर्गावती प्रखंड के खरखोली गांव में प्रकृति रूठ गयी लगता है।यहां जो नज़ारा लोगों ने देखा वो ख़ौफ पैदा करता है यहां धरती फट गई है दो सौ फीट लंबी और एक फीट चौड़ी ये दरार ख़तरे की घंटी बजा रही है। लोग सकते में हैं और भीड़ के चेहरे पर खौफ़ का मंज़र है.प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो उन्होने हवा में अंगारे उठे थे,बड़े बड़े आग के शोले नजर आए थे और हर तरफ ज़बरदस्त गर्मी महसूस होने लगी थी। पंद्रह से बीस मिनट के इस घटनाक्रम के बाद जबरदस्त आंधी चली फिर बारिश हुई । देर रात घटी ये घटना पहले तो लोगों के समझ नहीं आयी और सुबह जब बाहर नज़ारा दिखा उस पर यकीन करना मुश्किल हुआ क्योंकि धरती फट चुकी थी। 200 फीट गहरी हो गयी थी धऱती उसमें पानी भर गया था। भूगोल शास्त्रियों ने इस घटना को धरती के अंदर चल रहे तनाव और दबाव का नतीजा बताया। माना जाता है कि जब प्रकृति पर असंतुलन हावी हो जाती है तो उसके अंदर तनाव शुरू हो जाता है। ये तनाव धरती के उपरी परत पर दबाव बनाना शुरू करता है और यही दबाव जब बढ़ जाता है तो धरती फाड़कर बाहर निकल जाता है। धरती फटने की ये क्रिया जनजीवन के लिए बेहद ख़तरनाक होती है। खरखोली की ये घटना चेतावनी है।चेतावनी धरती के प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने की और इस ओर जल्द से जल्द गंभीर कदम उठाने की क्योंकि वक्त धीरे धीरे हाथ से निकलता चला जा रहा है। धरती आपा खोने लगी है अगर अब भी हम नहीं चेते तो वो दिन दूर नहीं जब आएगा प्रलय जिसमें ख़त्म हो जाएगा जीवन, ख़त्म हो जाएंगे हम और आप।

धरती चीर कर आग का निकला गोला

गया । शहर के बहुआर चौरा मुहल्ला में शनिवार की रात 11.30 बजे रामजी प्रसाद के मकान में जमीन चीर कर निकला आग का गोला मकान की छत छेद कर आसमान की आ॓र निकल गया। इस दौरान तेज आवाज से इलाके में हड़कंप मच गया। आग के गोले से मकान में आग लग गई। लोगों ने जुट कर आग को बुझाया। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है लेकिन इलाके में दहशत है। घटना को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है।

नीतीश भी चाहते हैं जातीय जनगणना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी देश में जातीय आधार पर जनगणना करवाने की वकालत की है।

विश्वास यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत के लिए मधुबनी जाने से पूर्व पटना में गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं भी देश में जातीय आधार पर जनगणना करवाने का पक्षधर हूं। यह सच है कि जनता दल (युनाइटेड) वर्ष 1990 से ही इसके पक्ष में है।''

नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय आधार पर जनगणना होने के बाद ही पिछड़े तथा अत्यंत पिछड़े लोगों का सही आंकड़ा पता चल सकेगा जिससे इन लोगों का विकास करने में सरकार को भी मदद मिल सकती है।

गौरतलब है कि इसके पूर्व बिहार के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी जाति के आधार पर जनगणना करवाने की बात कही थी।

विधानपरिषद के लिए चुनाव 10 जून को

पटना बिहार विधानपरिषद की सात सीटों के लिए आगामी 10 जून को वोट डाले जायेंगे। विधानपार्षद किरण घई, गुलाम गौस, मुन्द्रिका सिंह यादव, रामचंद्र प्रसाद, रामवचन राय, भूमिपाल राय, वीरेन्द्र कुमार चौधरी का कार्यकाल 21 जुलाई को पूरा हो रहा है। उसी आलोक में ये चुनाव कराये जा रहे हैं। चुनाव आयोग के आदेशानुसार चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई है। 1 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 जून तक नामांकन वापस लिये जा सकेंगे। 10 जून को मतदान होगा। उसी दिन संध्या पांच बजे से मतगणना का काम प्रारंभ हो जायेगा। चुनावी प्रक्रिया 12 जून तक पूरी कर ली जायेगी।

सफल रहा नक्सलियों का आपरेशन टंडवा

औरंगाबाद माओवादी नक्सलियों का आपरेशन 'टंडवा' सोमवार को सफल रहा। नक्सलियों ने बीएमपी वन के चार जवानों को घेरकर मौत के घाट उतार दिया। नक्सलियों ने पीएनबी बैंक व गजना मोड़ के आसपास के क्षेत्र व सभी मोड़ को नाकेबंदी कर रखी थी। लगभग 30-40 की संख्या में रहे नक्सली बैंक के पास चल रहे यज्ञ में ग्रामीणों के साथ घूम रहे थे और पुलिस मुवमेंट की जानकारी ले रहे थे। नक्सली चादर व गमछा ओढ़े हुए थे। जैसे ही थाने से निकलकर बीएमपी के पांच जवान व जमादार गुणाकर झा पैदल बैंक चेकिंग करने पहुंचे कि नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। एक जवान पर दस बारह नक्सली टूट पड़े और छोटे हथियारों से हत्या कर दी। घायल जवान कंबोज राय ने बताया कि नक्सलियों के हमला के दौरान करो या मरो की स्थिति थी। नक्सलियों ने हमलोगों को हिलने तक का मौका नहीं दिया। नक्सलियों के सामने उनकी हथियार व गोली काम नहीं आई। घायल बीएमपी का जवान गोली लगते ही भागने लगा। घायल जवान व जमादार ने भागकर अपनी जान बचाई। घायल जवान एक ग्रेनेड, 80 राउंड गोली व एक मैगजीन बचाने में सफल रहा। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली झारखंड की ओर भाग निकले। घटनास्थल पर एसपी संजय कुमार सिंह के साथ पहुंचे मगध प्रक्षेत्र के डीआईजी जितेन्द्र कुमार की माने तो जवानों के अलर्ट नहीं रहने से ऐसा हादसा हुआ। अगर जवान एलर्ट रहते तो उनके पास भी अत्याधुनिक हथियार थे और वे भी नक्सलियों को मार गिराते।

नक्सली हमले में चार जवान शहीद


औरंगाबाद । भाकपा माओवादी के हथियारबंद नक्सलियों ने सोमवार को दिनदहाड़े हमला बोल पंजाब नेशनल बैंक टंडवा के पास डयूटी पर तैनात बीएमपी-1 के हवलदार समेत चार जवानों को मौत के घाट उतार दिया। शहीद होने वालों में हवलदार राजेन्द्र गुरुण, जवान विक्की अधिकारी, विष्णु बहादुर राणा एवं रोमन थापा शामिल है। नक्सलियों ने जवानों के पास से एक कारबाइन, चार एसएलआर, पांच ग्रेनेड, नौ मैगजीन एवं पांच सौ कारतूस लूट लिए। नक्सलियों की गोली से जवान कंबोज राय घायल हो गया, जिसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बीएमपी जवान बैंक डयूटी पर थे तभी तीस चालीस की संख्या में आये हथियारबंद नक्सलियों ने अपराह्न 1:30 बजे हमला बोल दिया। नक्सलियों ने पहले सभी जवानों को अपने कब्जे में लिया फिर गोली मार उनकी हत्या कर दी। तीन मिनट में चार बीएमपी जवान शहीद हो गए। सभी जवानों को नक्सलियों ने नजदीक से गोली मारी। बीएमपी जवानों को नक्सलियों के विरोध का मौका तक नहीं मिला। नक्सली हमले के बाद टंडवा बाजार में सन्नाटा पसर गया। व्यवसायी अपनी दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए। बैंक में रहे उपभोक्ता दो घंटे तक बाहर नहीं निकले। घटना की पुष्टि करते हुए डीएसपी अख्तर हुसैन ने बताया कि मौके से दो दर्जन खोखे व कारतूस बरामद हुए है। उन्होंने बताया कि माओवादी नक्सलियों के हमले में चार बीएमपी जवान शहीद हुए है। घटना के बाद से पुलिस नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। डीएसपी के अनुसार टंडवा बाजार में पुनपुन नदी के किनारे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ चल रहा था। यज्ञ में उमड़ी भीड़ का फायदा उठा नक्सलियों ने बीएमपी जवानों पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि नक्सली मार्शल से आए थे और बीएमपी जवानों की हत्या कर दक्षिण दिशा की ओर भाग निकले।

Saturday, May 8, 2010

हौसला जब जवां हो तो दूर कब आसमां होता है ..

'हौसला जब जवां होता है, दूर कब आसमां होता है।' इसे सच कर दिखाया है ओबरा प्रखंड के नावाडीह गांव निवासी प्रधानाध्यापक मधेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र अनिमेष कुमार पराशर ने। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग किए अनिमेष को यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है। 2009 की सिविल सेवा परीक्षा में अनिमेष को 30 वां स्थान प्राप्त हुआ है। फोन पर अनिमेष ने बताया कि वर्ष 2006 से सिविल सर्विस की परीक्षा दे रहा था। वर्ष 2008 के परीक्षा में एक अंक से सफलता दूर रहा। हमें 953 अंक मिला और 954 अंक पर उम्मीदवारों का चयन किया गया। अनिमेष ने सफलता का श्रेय माता रामजड़ी देवी, पिता, भाई, बहन, परिश्रम और भगवान के आशीर्वाद को बताया। कहा 'यह मेरा आखिरी प्रयास था जिस कारण परिणाम पर आंखें टिकी थी।' तीन प्रयासों में असफल रहने के बावजूद अनिमेष ने हार नहीं मानी और असफलता को सफलता की कुंजी बनाया। 2008 की परीक्षा में अनिमेष जब असफल रहा तो उसके पिता ने हौसला बढ़ाते हुए कहा 'क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत में, संघर्ष पथ पर जो मिला यह भी सही वह भी सही।' अनिमेष ने पिता के इस उक्ति को जीवन में आत्मसात किया जिसका परिणाम सामने है। पिता की यह पंक्ति अनिमेष को आज भी याद है। इससे पहले अनिमेष का चयन भारतीय वन सेवा में हुआ था। वन सेवा में उसे पूरे भारत में 13 वां स्थान प्राप्त हुआ था। सिविल सर्विस परीक्षा में लगे युवकों के बारे में अनिमेष ने कहा 'जो परिश्रम करते है उससे असफलता कोसों दूर भागती है।' अनिमेष ने टाउन इंटर कालेज औरंगाबाद से 1996 में मैट्रिक (72 प्रतिशत) और सिन्हा कालेज से 1998 में आईएससी (58 प्रतिशत) उत्तीर्ण किया। शहर के श्रीकृष्ण नगर स्थित अनिमेष के आवास पर सुबह से बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। डीएम कुन्दन कुमार अनिमेष की सफलता पर बोले 'औरंगाबाद प्रत्येक क्षेत्र में तरक्की करेगा।' उन्होंने अनिमेष के पिता को फोन पर बधाई दी। अंत में अनिमेष की सफलता पर इकबाल की पंक्ति याद आती है 'हजारों साल नरगिस अपनी बेनुरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।'

कदम चूम लेती है खुद बढ़के मंजिल ..

दाउदनगर (औरंगाबाद) आदमी का हौसला अगर बुलंद हो तो मंजिल खुद मिल जाती है। पिता का साया उठने के बाद बड़े भाई शिक्षक रामाकांत सिंह के कंधों पर खेलकर और रेपुरा जैसे छोटे से गांव में हाई स्कूल की शिक्षा ग्रहण कर शशि भूषण सिंह ने सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल कर समाज को यह संदेश दिया है 'कदम चूम लेती है खुद बढ़के मंजिल, मुसाफिर अगर दिल से हिम्मत न हारे।' सिविल सेवा परीक्षा में 713 वां स्थान प्राप्त करने के बाद उसे भारतीय राजस्व सेवा का मौका मिलेगा लेकिन मंजिल यहीं खत्म नहीं होती। उसे हर हाल में प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में जाकर समाज की सेवा करने का इरादा बना रखा है। टाप रैंक में आने के लिए वह एक बार फिर प्रयास करेगा। फिलवक्त बोकारो स्टील प्लांट में कनिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत सितम्बर 1977 में जन्मे शशिभूषण प्राथमिक विद्यालय रेपुरा फिर मध्य विद्यालय अकौनी और उच्च विद्यालय अकौनी से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। एएन कालेज पटना से आईएससी और पटना अभियंत्रण महाविद्यालय से बीएससी करने के बाद नौकरी कर रहा है। उसने बताया कि बोकारो में आफिस का कार्य निपटाने के बाद तीन से चार घंटा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए समय निकालते हैं। इसी पढ़ाई की बदौलत सफलता मिली है। उनके पिता स्व. युगेश्वर सिंह शिक्षक थे और उनकी मृत्यु तब हुई थी जब शशि भूषण मात्र सात वर्ष का था। जागरण से कहा कि ऐसी सफलता के लिए धैर्य की जरूरत होती है। असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि गलतियों से सबक लेकर अगला प्रयास पूरे हौसला के साथ करनी चाहिए। ग्रामीण परिवेश के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि वहां की धरती में इतनी ताकत है कि हम ऊंचाईयों को छू सकते है।

मगध प्रमंडल के दुर्गम वन क्षेत्र में शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं

ग्रीष्म ऋतु अपने साथ ग्रामीणों के लिए परेशानी की सौगात लेकर आती है। शहरी क्षेत्र की तस्वीर तो जागरूक लोग व पदाधिकारी देख रहे है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की हालत सिर्फ क्षेत्रवासी ही बता सकते है। मगध प्रमंडल के दुर्गम वन क्षेत्र में अवस्थित ग्रामों की स्थिति तो अत्यंत नारकीय है। गांवों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं है। आज भी लोग नाले का गंदा पानी अथवा चुआं बनाकर प्यास बुझा रहे है। मगध प्रमंडल के प्राय: सभी जिले नक्सली गतिविधियों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। सूबे में राजग सरकार के आने के बाद ग्रामीण इलाकों में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की कवायद शुरू हुई। ग्रामीण इलाकों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना शुरू की गयी। अकेले गया जिले में पिछले चार साल के अंदर 25 करोड़ रुपये से ऊपर की राशि ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर व्यय हो चुकी है। कई करोड़ की योजनाएं जारी हैं। लेकिन गर्मी के आते ही जल स्तर के नीचे जाने से ग्रामीण परेशान हैं। पहाड़ी इलाकों के ग्रामीणों को पेयजल के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है। जहानाबाद के बराबर पहाड़ी के आसपास ग्रामीण मवेशियों के साथ पानी के लिए जहां-तहां भटक रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार मगध प्रमंडल के पांच जिलों के ग्रामीण अंचलों के लोगों की प्यास बुझाने के लिए लगभग सात हजार चापाकल गाड़े गए है। लेकिन आधे से अधिक चापाकल खराब है। हालांकि विभागीय पदाधिकारियों के उपलब्ध कराये गए आंकड़े इससे मेल नहीं खाते। अधिकारियों ने बताया कि करीब छह हजार चापाकल दुरुस्त है। लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और है। दुर्गम क्षेत्र के हैण्डपम्पों की स्थिति विभाग की जानकारी में ही नहीं है। पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार विभाग पीएचईडी के अधिकारी संसाधनों एवं कर्मचारियों की कमी का रोना रोते है। जबकि हैंडपंपों की बोरिंग के समय कर्मी डीजल-पाइप के जुगाड़ तथा ठेकेदार से कमीशन लेने में मशरूफ रहते हैं जिसके चलते मानक से कम ही बोरिंग हो पाती है। लिहाजा बरसात या ठंड के समय जितनी गहराई में हैंडपंप से पानी मिलता है। गर्मी के दस्तक देते ही सूख जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कई किमी की दूरी तय कर पानी का किसी तरह जुगाड़ कर रहे है। गया के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंहा भी मानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में 7 से 10 फिट नीचे भू-गर्भीय जल स्तर चला गया है। जहां पीने के पानी के लिए ग्रामीण परेशान है। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के अ‌र्न्तगत वित्तीय वर्ष 2009-10 में लक्ष्य था 7110 का पर लगे 2285 चापाकल। वहीं शेष का निर्माण प्रगति पर है। 26 ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं में 6 का ही निर्माण सिर्फ पूरा हो सका है। बांकेबाजार ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 71.232 लाख, गुरूआ ग्रामीण जलापूर्ति में 95.41 लाख, बेलागंज में ग्रामीण जलापूर्ति पर 82.61 लाख, वजीरगंज के रामपुर-रूपसपुर ग्रामीण जलापूर्ति में 25.8435 लाख, एवं शेखा विगहा जलापूर्ति में 7.688 लाख, शेरघाटी अ‌र्द्धशहरी पाइप जलापूर्ति योजना में 276.31 लाख, शेरघाटी/टिकारी अस्पतालों में जलापूर्ति पर 17.98 लाख, वहीं प्लोराईट प्रभावित पांच गांव में नवीनतम ट्रीटमेन्ट यूनिट एवं सोलर ऊर्जा सिस्टम आधारित मिनी पाइप योजना में 220.80 लाख खर्च किये गये जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया प्रवास यात्रा के अवधि में किया। वहीं मुख्यमंत्री ने जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 21 जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास किया जिसमें बोधगया के फतेहपुर ग्रामीण योजना के लिए 163.12 लाख, अतरी के मकसुदपुर जलापूर्ति को 55.409 लाख, इमामगंज के रानीगंज जलापूर्ति को 144.37 लाख, डुमरिया ग्रामीण के लिए 127.65 लाख, टिकारी के मेन जलापूर्ति को 81.18 लाख, बेलागंज के बिथोशरीफ की योजना में 95.65 लाख, टिकारी के खैरा जलापूर्ति में 95.68 लाख, वजीरगंज, खिजरसराय, टिकारी, परैया, कोंच, गुरूआ के ग्रामीण जलापूर्ति एवं सोलर पम्प एवं वैकल्पिक ऊर्चा स्त्रोत पर 80 -80 लाख का हुआ है। जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अन्तर्गत बन्द चापाकलों की विशेष मरम्मत के लिए 305.070 लाख रुपये खर्च की योजना बनी है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्र का दृश्य देखा जाए तो साफ पता चल जाता है कि कितनी योजना धरातल पर उतरी और कितनी कागज पर ही लोगों की प्यास बुझ रही है। कुछ ताजा दृश्य देखिये :- डुमरिया में कुएं की सफाई के लिए कोई योजना आज तक बनी ही नहीं। थे तो क्षेत्र में हजारों, लेकिन पूजा-अर्चना से लेकर पीने का पानी तक इससे नहीं मिल रहा। टनकुप्पा में चार साल से लाखों की लागत से बन रही पाइप लाइन पेयजल आपूर्ति योजना अभी भी अधूरी है। पानी को लोग भटक रहे है। बाराचट्टी के केन्दुआ गांव में भोक्त परिवार कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर है। एक भी चापाकल नहीं लगा है। अतरी के 300 आबादी वाला टीकरा गांव का सहारा पैमार नदी बनी है। चुंआ खोदकर महिलाएं पानी जमा करती है। गांव में 5 चापाकल लगे लेकिन शोभा के लिए। कोच के अदई, सिमरा, उतरेन में 150-200 फिट पर भी पानी नहीं मिल रहा है। पानी के अभाव में पशु-पक्षी भी तड़प रहे है। फिलहाल लाखों रुपये खर्च कर तत्कालीन प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार ने भी पेयजल आपूर्ति योजना को मंजूरी दे दी है। अगर धरातल पर पूरी योजना आयी तो अगले पचास सालों तक पानी के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। नवादा में 1967 के भयंकर अकाल के वर्षो में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के लिये लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के 45 ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं की स्थापना की गयी थी। इनमें से शत-प्रतिशत योजनाएं या तो बिजली आपूर्ति के अभाव में बोरिंग फेल होने या फिर मोटरों के जले रहने से ठप हैं। इन केन्द्रों पर कार्यरत कर्मी घर बैठ वेतन पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 9-10 में 74.5 गांवों में नलकूप निर्माण की योजना में 453 पर कार्य शुरू हुआ। लेकिन एक भी पूर्ण नहीं हो सका है। प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 1116 चापाकल लगाने थे पर लगे 290। भूजल गिरावट 24.8 चापाकल में 171 चापाकल लगाये गये हैं। जबकि पुराने बन्द पड़े 47 ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना पर 243 चापाकलों में से 122 लगाये गये हैं। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की शुद्ध पेयजल पूर्ति योजनाओं का कार्य अधूरा है। तथा लोगों के लिये शुद्ध पेयजल अब भी दिवास्वप्न है। कार्यपालक अभियंता परमानन्द शर्मा कहते हैं अधिकांश योजनाओं पर कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। जल्द ही लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो जायेगा। औरंगाबाद में अधिकांश ग्रामीण जलापूर्ति केन्द्र बंद हैं। विभागीय अधिकारी ने बताया अम्बा, सुंदरगंज, मदनपुर, डिहरा में जलमिनार व पाइप लाइन पूरी न होने से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। देव, झिकटीया, चंद्रगढ़ पेयजल आपूर्ति केन्द्र चालू है। परंतु बिजली के न रहने से ये सभी केन्द्र बंद रहते हैं। ओबरा, गोह, हसपुरा एवं दाउदनगर में ग्रामीण जलापूर्ति की स्थिति दयनीय है। ग्रामीण जलापूर्ति केन्द्र की स्थिति दयनीय होने से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है। सहायक अभियंता मुकेश कुमार बताते हैं कि जहां केन्द्र चालू है वहां पेयजल आपूर्ति की जाती है। जहानाबाद में एनडीए सरकार बनने के बाद इनमें से कुछ जलापूर्ति केन्द्रों को चालू कराने के लिये ग्रामीण जलापूर्ति योजना का पुनर्गठन किया। कई योजनाओं पर कार्य शुरू की गयी। लेकिन सवा चार वर्ष में भी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। जैसे-जैसे गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है। गांवों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है।

नक्सलियों के गढ़ में पहुंचे डीएम

डुमरिया (गया) । डुमरिया प्रखंड मुख्यालय में बुधवार को अचानक जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्रखंड कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। पहली बार जिलाधिकारी बिना लाव लश्कर के नक्सलियों के गढ़ में दोपहर बाद पहुंचे।

जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को समय पर राशन किरासन प्रणाली व्यवस्था को सुचारू एवं सुदृढ़ करने के लिए सचेत होने पर बल दिया। बीएलओ से मुलाकात के बाद फोटो पहचान पत्र एवं मतदाता सूची में सुधार में तेजी लाने को कहा गया। जिलाधिकारी के वाहन के साथ न कोई सुरक्षा बल था न ही कोई पदाधिकारी। पहली बार डुमरिया जैसे सुदूरवर्ती एवं नक्सली क्षेत्र में उनका पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है। तीन वर्ष के कार्यकाल में पहली बार डुमरिया आना जिलाधिकारी के लिए संयोग हो सकता है।

शिबू सोरेन को हर बार किस्मत दगा देती है!


अपने गठन के आठ साल के इतिहास में सात मुख्यमंत्री देख चुके छोटे-से राज्य झारखंड की राजनीति ने बुधवार को जहां एक और करवट ली, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की किस्मत एक बार फिर दगा दे गई। वे तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन इस दफा भी वे छह महीने का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

‘दिशुम गुरु’ के नाम से मशहूर शिबू सोरेन झारखंड राज्य आंदोलन के अगुवा नेताओं में रहे हैं। राज्य का मुख्यमंत्री बनने की उनकी हसरत जरूर पूरी हो गई, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मुख्यमंत्री बने रहना उनके लिए इतनी टेढ़ी खीर साबित होगी कि उन्हें तीसरी बार महज छह महीने के भीतर ही इस पद से हाथ धोना पड़ेगा।

सोरेन पहली बार आठ दिनों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

दूसरी बार वे फिर 27 अगस्त को राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन इस बार जो हुआ वह देश के इतिहास में एक ही बार हुआ था। मुख्यमंत्री रहते वे चुनाव हार गए। इस बार तमाड़ विधानसभा से राजा पीटर के हाथों हार, उनके इस्तीफे का कारण बना।

इससे पहले 1971 में देश में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री रहते त्रिभुवन नारायण सिंह को चुनाव हारने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।


भाजपा ने सोरेन से समर्थन वापसी का निर्णय टाला


अब तीसरी बार हुआ है जब मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से जा रही है। लेकिन इस बार किस्मत ने दगा दिया है उनके साथ या फिर उन्होंने अपने पैर पर सोची-समझी रणनीति के तहत कुल्हाड़ी मारी है, यह तो भविष्य की गर्त में छिपा है।

यही नहीं सोरेन जब भी केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं, तब भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया है और हर बार किसी न किसी वजह से उन्हें कुर्सी खाली करनी पड़ी है।
सोरेन को मुख्यमंत्री बने रहने की संवैधानिक अनिवार्यता के तहत छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य था। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही वे एक सुरक्षित सीट की तलाश में थे, लेकिन उनकी यह तलाश पूरी नहीं हुई थी। उनके बेटे, बहू और उनके सहयोगियों तक ने उनके लिए अपनी सीट खाली करने से इंकार कर दिया था। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि तमाड़ में हुई पिछली फजीहत से बचने के लिए उन्होंने इस बार यह दांव खेला है।

सूत्रों की मानें तो सोरेन ने इससे बचने के लिए व केंद्र सरकार में मंत्री पद पाने के लिए यह चाल चली है। इसलिए वे बाकायदा एक रणनीति के तहत पिछले कुछ दिनों से संसद आ रहे थे और कटौती प्रस्ताव पर मतदान के दिन उन्होंने जान-बूझकर केंद्र सरकार के समर्थन में मतदान किया।


भाजपा का शिबू सोरेन सरकार से समर्थन वापस


नए राजनीतिक समीकरण में अब जो संभावनाएं बन रही हैं उस पर एक नजर दौड़ाई जाए तो उसमें सबसे पहले यही दिखता है कि कांग्रेस झामुमो और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली झारखंड विकास पार्टी (झाविपा) के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करे। ऐसे में मरांडी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो जाएगी।

दूसरा समीकरण यह है कि कांग्रेस झामुमो और शेष बचे निर्दलियों को साधकर सरकार बनाए जिसकी संभावना कम ही दिख रही है। क्योंकि इससे सरकार के स्थायित्व पर सवालिया निशान लगे रहेंगे। कांग्रेस के लिए इससे बेहतर स्थिति विधानसभा को निलंबित रख राज्य में पिछले दरवाजे से शासन करना होगा। कांग्रेस का एक खेमा इसके पक्ष में ही है।

बयासी सदस्यीय झारखंड में विधानसभा में एक सीट नामांकित सदस्य के लिए है, जबकि 81 चुनावी सीटें हैं। राज्य विधानसभा में वर्तमान में भाजपा और झामुमो के 18-18, कांग्रेस के 14, झाविपा के 11, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के पांच, जनता दल (युनाइटेड) के दो और शेष निर्दलीय विधायक हैं।

पटना: आसाराम बापू पर जमीन हड़पने का आरोप, सम्मन जारी


पटना। पटना की एक अदालत ने मानहानि के मामले में आज संत आसाराम बापू समेत तीन लोगों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें सम्मन जारी करने का आदेश दिया।

प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या वशिष्ठ ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के प्रशासक किशोर कुणाल की ओर से दाखिल किए गए मुकदमे में जांच के बाद आसाराम बापू और पटना कदमकुआं स्थित उनके आश्रम के स्वामी नरेन्द्र गोस्वामी उर्फ नरेन्द्र ब्रह्मचारी और जय कुमार सिंह उर्फ जयभाई के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 500, 508, 120 बी तथा 109 के तहत प्रथम दृष्टया मामला सही पाते हुए सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने परिवादी को सम्मन का उपक्रम दाखिल करने के लिए 24 अप्रैल की तिथि निश्चित की है।



आसाराम बापू के पुत्र भूमि-खरीद मामले में फंसे


दाखिल किए गए परिवाद पत्र के आरोपों के अनुसार आसाराम बापू की शह पर उनके शिष्यों ने कदमकुआं स्थित भिखमदास ठाकुरवाड़ी की 13 कट्ठा जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिया था। इस जमीन की कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए है।

पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय के आदेश से उक्त जमीन का दखल कब्जा परिषद को दिया गया। इसके बाद आसाराम बापू के शिष्यों ने एक जुलूस निकालकर परिवादी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए।

आसाराम बापू आश्रम: लाखों रु. का संपत्ति कर बकाया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘ब्लॉग’ पर दस्तक दी


नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऑनलाइन दुनिया में कदम रख चुके हैं। इसके लिए उन्होंने ‘ब्लॉग’ का सहारा लिया है। इस मंच पर उनकी पहली पोस्ट पर ही टिप्पणियों की बौछार लग गई है।

उत्तर भारत और पूर्वोत्तर में आंधी का अनुमान


पटना। मौसम विभाग द्वारा बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में अगले चौबीस घंटे के दौरान तूफान की आशंका की संभावना व्यक्त करने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया है तथा आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश दिया है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम विभाग की संभावना को देखते हुए संबंधित सभी जिलाधिकारियों को अहतियात बरतने का निर्देश दिया है।


विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि जिलाधिकारियों को अहतियात बरतने का निर्देश दे दिया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सचेत रहने को कहा जा रहा है। चिकित्सकों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भी सारी आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश दे दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि करीब एक माह पूर्व राज्य के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, सुपौल, कटिहार तथा मधेपुरा में तूफान के कारण 93 लोगों की मौत हो गई थी तथा हजारों घर मलबे में तब्दील हो गए थे।

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