
पटना। पटना की एक अदालत ने मानहानि के मामले में आज संत आसाराम बापू समेत तीन लोगों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें सम्मन जारी करने का आदेश दिया।
प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या वशिष्ठ ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के प्रशासक किशोर कुणाल की ओर से दाखिल किए गए मुकदमे में जांच के बाद आसाराम बापू और पटना कदमकुआं स्थित उनके आश्रम के स्वामी नरेन्द्र गोस्वामी उर्फ नरेन्द्र ब्रह्मचारी और जय कुमार सिंह उर्फ जयभाई के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 500, 508, 120 बी तथा 109 के तहत प्रथम दृष्टया मामला सही पाते हुए सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने परिवादी को सम्मन का उपक्रम दाखिल करने के लिए 24 अप्रैल की तिथि निश्चित की है।
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दाखिल किए गए परिवाद पत्र के आरोपों के अनुसार आसाराम बापू की शह पर उनके शिष्यों ने कदमकुआं स्थित भिखमदास ठाकुरवाड़ी की 13 कट्ठा जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिया था। इस जमीन की कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए है।
पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय के आदेश से उक्त जमीन का दखल कब्जा परिषद को दिया गया। इसके बाद आसाराम बापू के शिष्यों ने एक जुलूस निकालकर परिवादी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए।
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