मगध प्रमंडल के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण की योजना 'नौ दिन चले ढाई कोस' की कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकार के लिए सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल करना टेढ़ी खीर है। प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कथित 'मुक्त क्षेत्र' में विकास की बात बेमानी है क्योंकि नक्सली अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में सड़क निर्माण नहीं होने देना चाहते हैं।
परिणाम है कि प्रखंड मुख्यालयों तक आने के लिए ग्रामीणों को सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। सरकार का लक्ष्य सुविधाविहीन नागरिकों को सड़क आदि बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है। इसी उद्देश्य के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत मगध प्रमंडल में अब तक करीब 500 किलोमीटर सड़क निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। उद्देश्य है अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 'सड़कों का जाल' बिछाने का। लेकिन उद्देश्य में कई बाधाएं हैं। विभागीय लापरवाही के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है। समय पर प्राक्कलन और डीपीआर नहीं उपलब्ध होने से योजना अपने तय समय सीमा पर पूरी नहीं हो पा रही है। गया के जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह की माने तो वित्तीय वर्ष 2006 से 2010 के बीच 141 योजना मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ली गयी। यदि योजना पूरी हो जाती है तो जिले के ग्रामीण इलाके में करीब 275 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता। उपरोक्त योजना के लिए राज्य सरकार ने 142 करोड़ 43 लाख रुपये के बजट को स्वीकृत दे रखा है, लेकिन जिले में योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। कारण है तकनीकी महकमे का लापरवाही और समय पर योजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति का अभाव। जिलाधिकारी प्रशासनिक लापरवाही के आरोप को नकारते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 55 करोड़ रुपये व्यय कर 28 योजना को पूर्ण कर लिया गया है। 86 योजना के कार्य प्रगति पर है। वहीं 12 योजना निविदा प्रक्रिया में है। इधर, जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी शोभा सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री सड़क योजना से सुदूरवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को काफी लाभ पहुंचा है। औरंगाबाद जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 58 योजना ली गयी है। इनमें 4 योजना पूर्ण हो चुकी है। 21 योजनाओं की कार्य प्रगति पर है। 9 योजनाएं प्रशासनिक स्वीकृति के लिए प्रमंडलीय आयुक्त के पास भेजा गया है। शेष सड़कों का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। नक्सलियों के भय के कारण जीटी रोड, रानीगंज से आजन पथ का कालीकरण कार्य तथा रफीगंज प्रखंड में तिनेरी लटा पथ का कार्य ठप है। 17 सड़कों का निर्माण कार्य कच्छप गति से चल रहा है। डीएम कुन्दन कुमार मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को गति देने के लिए प्रत्येक माह अभियंताओं के साथ बैठक कर रहे है। लेकिन, इसके बावजूद जिले में योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। नवादा जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 32 योजना ली गयी है। इनमें से मात्र 3 योजनाओं को पूरा कराया जा सका है तथा शेष योजनाएं अधूरी पड़ी हैं।
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Thursday, May 13, 2010
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