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GAYA KA VISHNUPAD MANDIR
Friday, July 23, 2010
कार्यकर्ताओं को लालू ने लगाई फटकार
By Madan Kumar Tiwary
Gaya
शिवगंज की सभा में गुरुवार को लालू मंच पर भीड़ देख भड़क उठे। नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को फटकार लगाते हुए मंच पर माइक पटक दी। कहा - जल्दी भागो नहीं तो हम चले जाएंगे। पांच मिनट तक मंच के इधर उधर नेताओं को सुप्रीमो हटाते रहे। बोले - राजद बदल गया है और मैं लालू भी बदल गया हूं। औरंगाबाद विधानसभा चुनाव में भले ही तीन माह बाकी है परंतु राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सबको साथ लेकर चलना है। पहले भी मैं किसी जाति के खिलाफ नहीं था परंतु मेरे और रामविलास पासवान के बीच फूट के कारण नीतीश ने सत्ता हथिया लिया। राजद सुप्रीमो ने अपने समर्थकों से कहा कि सत्ता के लिए पीछे की पंक्ति में बैठना होगा। दिल्ली के राजनीति की चर्चा करते हुए सुप्रीमो ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव जीतकर मैं गया तो वहां लोगों ने कहा कि लालू अकेले आए हैं। कई लोगों ने छींटाकशी की तो मैंने कहा - कंधा देने के लिए चार काफी हैं। चार लोग ही अर्थी को कंधा लगाकर घाट पहुंचाते हैं। रेल मंत्रालय पर चुटकी लेते हुए बोले- जब हम रेल मंत्री से हट गए तो रेल पर रेल चढ़ रहा है। नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई ऐसा सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं। टिकटार्थियों को सावधान रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि उम्मीदवार को कोई नहीं जानता बल्कि पार्टी से उम्मीदवार की पहचान होती है। जब पार्टी के प्रत्याशी हारते हैं तो कहते हैं कि राजद व लोजपा का प्रत्याशी हार गया। महात्मा बुद्ध के संदेश को दोहराते हुए कहा - बुद्धम शरणम् गच्छामि, संघम् शरणम् गच्छामि। सभा में भीड़ देख राजद एवं लोजपा नेता खुश दिखे। शिवगंज की सभा में गुरुवार को बसपा छोड़ रामप्रवेश भुईयां राजद में शामिल हो गए। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समक्ष उन्होंने राजद की सदस्यता ग्रहण की। कहा कि राजद ही महादलितों को न्याय दिला सकती है। राजद सुप्रीमो ने रामप्रवेश भुईयां का फूल माला से स्वागत किया। कहा कि जो लोग टिकट की भीड़ में शामिल नहीं हैं वे ही पार्टी में शामिल हों। टिकट के दावेदारों ने शिवगंज मैदान को आमजन से भर दिया था। सभा में राजद नेता रवीन्द्र कुमार सिंह के समर्थक अलग रूप में दिखे। इनके समर्थक हाथ में झंडा व सिर में टोपी पहने मैदान में बाजे गाजे के साथ पहुंचे। इसी तरह अन्य प्रत्याशियों ने भी सभा स्थल पर पोस्टर व बैनर लगाए थे। कार्यक्रम में विधायक मो. नेहालुद्दीन, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, पूर्व विधान पार्षद डा. शंकर दयाल सिंह, पूर्व विधायक भीम कुमार यादव,सुरेश मेहता, प्रदेश सचिव सुबोध कुमार सिंह, रवीन्द्र कुमार सिंह, विनय प्रसाद, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, कौलेश्वर यादव, कुमारी गोदावरी, सरोज देवी, कमला देवी, युसूफ आजाद अंसारी, अजय कुमार सिन्हा उर्फ मुन्ना, लोजपा जिलाध्यक्ष अनंत विजय सिंह, मनोज कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह उर्फ मोहन सिंह, संदीप पासवान, मनोज शर्मा, मोहन शर्मा उपस्थित थे।
Wednesday, July 21, 2010
उद्दंड व्यवहार की सजा, 16 विधायक निलंबित
KUMAR MANGLAM
पटना। बिहार विधानसभा में मंगलवार को जो कुछ हुआ, वह अभूतपूर्व था। अपशब्दों से शुरू हुआ हंगामा धक्का-मुक्की, मारपीट और कुर्सी-मेज फिंकाई तक गया। बिहार में विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन में उद्दंड व्यवहार की सजा के तौर पर विपक्ष के 16 विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबित होने वाले विधायकों में 10 राजद के, दो लोजपा के और एक-एक माकपा और भाकपा (माले) के, जबकि दो निर्दलीय हैं। विधायकों को सुरक्षाकर्मियों ने सदन से बाहर निकाल दिया। मंगलवार का दिन बिहार विधानसभा के इतिहास में काला अध्याय जोड़ गया। 11,412 करोड़ रुपए की ट्रेजरी से निकासी की सीबीआई जांच मामले में विपक्षी सदस्यों ने सदन शुरू होते ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। दो बार हंगामा हुआ और दोनों ही बार सदन स्थगित हुआ। इन्हें सदन के बाकी पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दर्जन से ज्यादा सदस्य बुरी तरह चुटैल हुए। विधान परिषद में हिंसा तो नहीं हुई लेकिन सरकार का जबर्दस्त विरोध वहां पर भी हुआ। वहां 14 सदस्यों को निलंबित किया गया है। विधायकों की नाराजगी का सिलसिला उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की विधानसभाओं में भी कई दिनों से जारी है। राहत की बात यह है कि यहां पर 'माननीय' अभी जुबानी जंग ही लड़ रहे हैं। भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही विपक्षियों ने अपनी मांग को लेकर तीखे तेवर अख्तियार कर लिये। इस बार सत्ता पक्ष ने भी जवाबी हमला बोलते हुए वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। फिर क्या था, विपक्षियों ने आगे बढ़कर कार्यवाही लिख रहे रिपोर्टर की कॉपी फाड़ डाली। यह देख मंत्री गिरिराज सिंह और गौतम सिंह कुछ अन्य राजग सदस्यों के साथ वेल की ओर लपके और रिपोर्टर टेबिल उठाकर विपक्षी सदस्यों पर फेंक दी। इस भारी-भरकम टेबिल के नीचे राजद विधायक दल के उपनेता शकील अहमद खां और भाकपा के राजेंद्र सिंह आ गए। दोनों को चोटें आईं। विपक्षियों ने जल्दी से उनके ऊपर से टेबिल हटाई। इसी बीच स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी, लेकिन हंगामा जारी रहा। दोनों ओर के विधायक अलग-अलग समूहों में भिड़े रहे। इससे राजद की महिला विधायक प्रेमा चौधरी के हाथ में काफी चोट आई है। राजद के ही अशोक यादव और मुरारी प्रसाद भी घायल हैं। राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के उकसावे पर राजग सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की। चोट खाए शकील अहमद खां ने कहा कि नीतीश सरकार में सदन के अंदर विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके बाद सदन में ही विपक्ष के सदस्य अनिश्चिकालीन धरने पर बैठ गए।
परिषद में भी हंगामा
बिहार विधान परिषद में भी भारी हंगामा हुआ। कार्यवाही विपक्ष के हमलावर रवैए की भेंट चढ़ गई। सदन में लगातार व्यवधान डालने पर सभापति ताराकांत झा ने विपक्ष के 14 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद विपक्षी सदस्य वेल में धरने पर बैठे गए। इससे पहले सत्ता पक्ष व विपक्ष के प्रश्नोत्तरकाल में सदन में तख्तियां लेकर वेल में आ जाने और परस्पर विरोधी नारेबाजी से हंगामे की शुरुआत हुई। विपक्षी मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे थे जबकि सत्ता पक्ष कोषागार निकासी मामले को विपक्ष की साजिश बता रहा था।
पटना। बिहार विधानसभा में मंगलवार को जो कुछ हुआ, वह अभूतपूर्व था। अपशब्दों से शुरू हुआ हंगामा धक्का-मुक्की, मारपीट और कुर्सी-मेज फिंकाई तक गया। बिहार में विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन में उद्दंड व्यवहार की सजा के तौर पर विपक्ष के 16 विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबित होने वाले विधायकों में 10 राजद के, दो लोजपा के और एक-एक माकपा और भाकपा (माले) के, जबकि दो निर्दलीय हैं। विधायकों को सुरक्षाकर्मियों ने सदन से बाहर निकाल दिया। मंगलवार का दिन बिहार विधानसभा के इतिहास में काला अध्याय जोड़ गया। 11,412 करोड़ रुपए की ट्रेजरी से निकासी की सीबीआई जांच मामले में विपक्षी सदस्यों ने सदन शुरू होते ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। दो बार हंगामा हुआ और दोनों ही बार सदन स्थगित हुआ। इन्हें सदन के बाकी पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दर्जन से ज्यादा सदस्य बुरी तरह चुटैल हुए। विधान परिषद में हिंसा तो नहीं हुई लेकिन सरकार का जबर्दस्त विरोध वहां पर भी हुआ। वहां 14 सदस्यों को निलंबित किया गया है। विधायकों की नाराजगी का सिलसिला उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की विधानसभाओं में भी कई दिनों से जारी है। राहत की बात यह है कि यहां पर 'माननीय' अभी जुबानी जंग ही लड़ रहे हैं। भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही विपक्षियों ने अपनी मांग को लेकर तीखे तेवर अख्तियार कर लिये। इस बार सत्ता पक्ष ने भी जवाबी हमला बोलते हुए वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। फिर क्या था, विपक्षियों ने आगे बढ़कर कार्यवाही लिख रहे रिपोर्टर की कॉपी फाड़ डाली। यह देख मंत्री गिरिराज सिंह और गौतम सिंह कुछ अन्य राजग सदस्यों के साथ वेल की ओर लपके और रिपोर्टर टेबिल उठाकर विपक्षी सदस्यों पर फेंक दी। इस भारी-भरकम टेबिल के नीचे राजद विधायक दल के उपनेता शकील अहमद खां और भाकपा के राजेंद्र सिंह आ गए। दोनों को चोटें आईं। विपक्षियों ने जल्दी से उनके ऊपर से टेबिल हटाई। इसी बीच स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी, लेकिन हंगामा जारी रहा। दोनों ओर के विधायक अलग-अलग समूहों में भिड़े रहे। इससे राजद की महिला विधायक प्रेमा चौधरी के हाथ में काफी चोट आई है। राजद के ही अशोक यादव और मुरारी प्रसाद भी घायल हैं। राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के उकसावे पर राजग सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की। चोट खाए शकील अहमद खां ने कहा कि नीतीश सरकार में सदन के अंदर विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके बाद सदन में ही विपक्ष के सदस्य अनिश्चिकालीन धरने पर बैठ गए।
परिषद में भी हंगामा
बिहार विधान परिषद में भी भारी हंगामा हुआ। कार्यवाही विपक्ष के हमलावर रवैए की भेंट चढ़ गई। सदन में लगातार व्यवधान डालने पर सभापति ताराकांत झा ने विपक्ष के 14 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद विपक्षी सदस्य वेल में धरने पर बैठे गए। इससे पहले सत्ता पक्ष व विपक्ष के प्रश्नोत्तरकाल में सदन में तख्तियां लेकर वेल में आ जाने और परस्पर विरोधी नारेबाजी से हंगामे की शुरुआत हुई। विपक्षी मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे थे जबकि सत्ता पक्ष कोषागार निकासी मामले को विपक्ष की साजिश बता रहा था।
जिताऊ सीटों के लिए कांग्रेस ने थैली का मुंह खोल।
KUMAR MANGLAM
PATNA
बिहार विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने बड़ी आशाएं लगा रखी हैं। एक लंबे अरसे से कांग्रेस के लिए गैर उपजाऊ हो चली बिहार की राजनीतिक जमीन को सींचने के लिए पार्टी हर तरह की कवायद में जुटी हुई है। कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व जिताऊ सीटों के लिए थैली का मुंह भी खोल दिया है। कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व बिहार में जीतने योग्य सीटों पर उत्तर प्रदेश चुनाव से भी ज्यादा खर्च करने को तैयार है। कुल चार कैटेगरी में बांटी जा रही विधानसभा सीटों के लिए 25 से लेकर 75 लाख रुपए तक की केंद्रीय मदद दी जा सकती है। दरअसल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के उत्साहजनक नतीजे के बाद पार्टी यह मान कर चल रही है बिहार का खोया जनाधार और विश्वास वापस मिले तो उसके दूरगामी नतीजे होंगे। लिहाजा पार्टी इस चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यूं तो अभी बिहार के कई जिलों से पूरी रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन अनौपचारिक रूप से विधानसभा सीटों की चार कैटेगरी बनाकर रणनीति बनाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि 'ए-प्लस' और 'ए' कैटेगरी में तकरीबन 50-55 सीटें रखी गई हैं। जबकि 'बी' कैटेगरी में 40-45 सीटे हैं। बाकी 'सी' कैटेगरी में रखी गई है। 'ए-प्लस' जीती हुई और कुछ वैसी सीटें हैं जहां पार्टी को जीतने की पूरी आशा है। जबकि 'ए' वैसी सीटों की सूची है जहां पार्टी काफी कम मतों से दूसरे नंबर पर रही थी या नए समीकरण में जीतने की आशा रखती है। सूत्रों के अनुसार इन स्थानों में पार्टी पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। ए प्लस सीटों पर हेलीकाप्टर से प्रचार, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जैसे स्टार प्रचारकों के दौरे के साथ साथ पार्टी खजाने की थैली भी खोल दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बिहार चुनाव में हर विधानसभा सीट के लिए 25 से 75 लाख रुपए तक केंद्रीय मदद दिए जाने का विचार है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में अधिकतम 50 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की मदद की गई थी। बिहार में उत्तर प्रदेश के मुकाबले ज्यादा आर्थिक मदद दी जाएगी। दरअसल, कांग्रेस नीतीश के नरेंद्र मोदी के साथ पोस्टरों को लेकर तो पहले ही सांप्रदायिकता के मोर्चे पर बिहार सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी है।
Friday, July 16, 2010
परिसीमन के बाद राजग गठबंधन में 18 सीटों पर संशय की स्थिति
Shyakuddin
गया। परिसीमन के बाद राजग गठबंधन में 17-18 सीटों पर संशय की स्थिति है। लेकिन दोनों दल यानी भाजपा और जद यू नेतृत्व तय करेगा कि उपरोक्त सीटों पर किसकी दावेदारी सशक्त व तार्किक है। ये बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री मंगल पांडे ने बुधवार को गया में पत्रकारों से बातचीत में कही। भाजपा नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा और जद यू ने चकाई और बेलागंज विधानसभा क्षेत्रों में 'दोस्ताना' चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा कर चुनावी मैदान में उतरेंगे। श्री पांडे ने कहा कि 17-18 सीटें परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयीं हैं। अभी इन्हीं को लेकर संशय है।उन्होंने बताया कि नूतन नगर के राधेकृष्ण हाल में संपन्न भाजपा के जिला अध्यक्षों, महामंत्रियों व प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों के क्षेत्रीय सम्मेलन में कैमूर, सासाराम, औरंगाबाद, बक्सर, भोजपुर, पटना ग्रामीण, पटना महानगर, अरवल, जहानाबाद, बाढ़, गया, नवादा, नालंदा, लखीसराय एवं जमुई के पदाधिकारी शामिल हुए। श्री पांडे ने कहा कि गया जिले में बोधगया, शेरघाटी और वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा की दावेदारी सशक्त है। भाजपा सूची में उपरोक्त तीनों सीटों के अलावे बेलागंज, गया शहर व अतरी विधानसभा सीट है। उन्होंने कहा कि पार्टी 9 से 20 अगस्त के बीच प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकास सम्मेलन और 20 से 31 जुलाई के बीच विकास शिविर का आयोजन करेगी। जिसमें बूथ लेवल से लेकर मंच-मोर्चा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल होंगे। वहां तय होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति व योजना क्या हो? साथ ही संगठन कार्यो की समीक्षा शिविर व सम्मेलन में होगी। प्रेसवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येन्द्र कुशवाहा व श्यामा सिंह, विधायक प्रेम रंजन पटेल, सूर्यनंदन मेहता, मृत्युंजय झा व जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे। इसके पूर्व सम्मेलन की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। क्षेत्रीय संगठन मंत्री हृदयनाथ सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पथ निर्माण मंत्री डा. प्रेम कुमार व संगठन के कई नेताओं ने क्षेत्रीय सम्मेलन में अपनी बात कही।
गया। परिसीमन के बाद राजग गठबंधन में 17-18 सीटों पर संशय की स्थिति है। लेकिन दोनों दल यानी भाजपा और जद यू नेतृत्व तय करेगा कि उपरोक्त सीटों पर किसकी दावेदारी सशक्त व तार्किक है। ये बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री मंगल पांडे ने बुधवार को गया में पत्रकारों से बातचीत में कही। भाजपा नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा और जद यू ने चकाई और बेलागंज विधानसभा क्षेत्रों में 'दोस्ताना' चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा कर चुनावी मैदान में उतरेंगे। श्री पांडे ने कहा कि 17-18 सीटें परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयीं हैं। अभी इन्हीं को लेकर संशय है।उन्होंने बताया कि नूतन नगर के राधेकृष्ण हाल में संपन्न भाजपा के जिला अध्यक्षों, महामंत्रियों व प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों के क्षेत्रीय सम्मेलन में कैमूर, सासाराम, औरंगाबाद, बक्सर, भोजपुर, पटना ग्रामीण, पटना महानगर, अरवल, जहानाबाद, बाढ़, गया, नवादा, नालंदा, लखीसराय एवं जमुई के पदाधिकारी शामिल हुए। श्री पांडे ने कहा कि गया जिले में बोधगया, शेरघाटी और वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा की दावेदारी सशक्त है। भाजपा सूची में उपरोक्त तीनों सीटों के अलावे बेलागंज, गया शहर व अतरी विधानसभा सीट है। उन्होंने कहा कि पार्टी 9 से 20 अगस्त के बीच प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकास सम्मेलन और 20 से 31 जुलाई के बीच विकास शिविर का आयोजन करेगी। जिसमें बूथ लेवल से लेकर मंच-मोर्चा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल होंगे। वहां तय होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति व योजना क्या हो? साथ ही संगठन कार्यो की समीक्षा शिविर व सम्मेलन में होगी। प्रेसवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येन्द्र कुशवाहा व श्यामा सिंह, विधायक प्रेम रंजन पटेल, सूर्यनंदन मेहता, मृत्युंजय झा व जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे। इसके पूर्व सम्मेलन की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। क्षेत्रीय संगठन मंत्री हृदयनाथ सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पथ निर्माण मंत्री डा. प्रेम कुमार व संगठन के कई नेताओं ने क्षेत्रीय सम्मेलन में अपनी बात कही।
लेडी एल्गिन जनाना अस्पताल की व्यवस्था से खिन्न दिखे अधिकारी
Madan Kumar Tiwari
गया। तीन दिनों तक ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद केंद्रीय टीम के सदस्य पुनीत, प्रयास जोशी, डा. डी.के. मंगल, मिसेज मोना गुप्ता, डा. एस.शाहा, संदीप सहाय, डा. राम रतन, डा. अनन्त चटर्जी एवं प्रशांत सी बर्मा आदि ने शुक्रवार को लेडी एल्गिन जनाना अस्पताल का दौरा किया। जांच अधिकारी अस्पताल में फैले कुव्यवस्था का रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगे। टीम के अधिकारियों अस्पताल के आपरेशन थियेटर, वार्ड, दवा वितरण केंद्र एवं आउटडोर की व्यवस्था से काफी खिन्न दिखे।प्रतिरक्षण विभाग एवं आपरेशन थियेटर में कई खामियां मिली। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि यहां एम्बुलेंस, प्रतिरक्षण की दवा रखने के लिए फ्रीजर तक नहीं है। जिसके कारण सरकार की नियमित टीकाकरण की दवा बेकार हो रही है। यहां समुचित शौचालय एवं पानी की व्यवस्था नहीं है। कई मरीजों ने कहा कि शौचालय नहीं रहने के कारण खुले आसमान के नीचे शौच करने का मजबूर है। जांच के अधिकारी अस्पताल में फैले कुव्यवस्था का रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगे।
जांच अधिकारियों ने कहा कि गाय का इतना बड़ा अस्पताल है जहां प्रसव उपरांत वार्ड में रखने की समुचित व्यवस्था नहीं है। कहीं पंखा है तो टेबल गायब है। मरीजों का अपना सेलफ आलमीरा नहीं है। जिसके के मरीज अपना समान जमीन पर रखते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वार्ड को व्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय सरकार विभिन्न मद राशि मुहैया कराती है। जांच अधिकारी ने चिकित्सकों को कहा कि आउटडोर में बैठने से पहले वार्ड का एक बार अवश्य निरीक्षण कर लें। साथ वार्ड यह भी देखे कि नवजात शिशु को प्रतिरक्षण की दवा दिया गया है कि नहीं। मेडिसीन में उपयोग किए गए सामानों को कैसे समाप्त करना है और कहां रखना है।
गया। तीन दिनों तक ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद केंद्रीय टीम के सदस्य पुनीत, प्रयास जोशी, डा. डी.के. मंगल, मिसेज मोना गुप्ता, डा. एस.शाहा, संदीप सहाय, डा. राम रतन, डा. अनन्त चटर्जी एवं प्रशांत सी बर्मा आदि ने शुक्रवार को लेडी एल्गिन जनाना अस्पताल का दौरा किया। जांच अधिकारी अस्पताल में फैले कुव्यवस्था का रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगे। टीम के अधिकारियों अस्पताल के आपरेशन थियेटर, वार्ड, दवा वितरण केंद्र एवं आउटडोर की व्यवस्था से काफी खिन्न दिखे।प्रतिरक्षण विभाग एवं आपरेशन थियेटर में कई खामियां मिली। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि यहां एम्बुलेंस, प्रतिरक्षण की दवा रखने के लिए फ्रीजर तक नहीं है। जिसके कारण सरकार की नियमित टीकाकरण की दवा बेकार हो रही है। यहां समुचित शौचालय एवं पानी की व्यवस्था नहीं है। कई मरीजों ने कहा कि शौचालय नहीं रहने के कारण खुले आसमान के नीचे शौच करने का मजबूर है। जांच के अधिकारी अस्पताल में फैले कुव्यवस्था का रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगे।
जांच अधिकारियों ने कहा कि गाय का इतना बड़ा अस्पताल है जहां प्रसव उपरांत वार्ड में रखने की समुचित व्यवस्था नहीं है। कहीं पंखा है तो टेबल गायब है। मरीजों का अपना सेलफ आलमीरा नहीं है। जिसके के मरीज अपना समान जमीन पर रखते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वार्ड को व्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय सरकार विभिन्न मद राशि मुहैया कराती है। जांच अधिकारी ने चिकित्सकों को कहा कि आउटडोर में बैठने से पहले वार्ड का एक बार अवश्य निरीक्षण कर लें। साथ वार्ड यह भी देखे कि नवजात शिशु को प्रतिरक्षण की दवा दिया गया है कि नहीं। मेडिसीन में उपयोग किए गए सामानों को कैसे समाप्त करना है और कहां रखना है।
लखटकिया नैनो अब सस्ती नहीं रहेगी
Kumar Manglam
देश की सबसे सस्ती और आकर्षक लखटकिया कार ‘नैनो’ अब लाख टके की नहीं रहेगी। टाटा मोटर्स ने नैनो की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इसके दाम में 3 से 4 प्रतिशत इजाफा करने का ऐलान किया है। टाटा मोटर्स के मुताबिक नैनो के पहले 1 लाख ग्राहकों के लिए ये दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। नैनो के कीमतों में इजाफा करने की एक और वजह है स्टील और रबर का महंगा होना।
देश की सबसे सस्ती और आकर्षक लखटकिया कार ‘नैनो’ अब लाख टके की नहीं रहेगी। टाटा मोटर्स ने नैनो की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इसके दाम में 3 से 4 प्रतिशत इजाफा करने का ऐलान किया है। टाटा मोटर्स के मुताबिक नैनो के पहले 1 लाख ग्राहकों के लिए ये दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। नैनो के कीमतों में इजाफा करने की एक और वजह है स्टील और रबर का महंगा होना।
इस्तीफा दें सीएम-डिप्टी सीएम : कांग्रेस
पटना : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री नीतीश कु मार व उपमुख्यमंत्री सुशील कु मार मोदी से इस्तीफे की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि पटना हाइकोर्ट ने कोषागार से निकासी में हेराफेरी की जांच सीबीआइ को सौंप दी है. कोर्ट के इस आदेश ने मुख्यमंत्री नीतीश कु मार व सरकार की विश्वसनीयता को तार-तार कर दिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि 11 हजार करोड़ से अधिक की राशि का कोषागार से निकासी हो जाना और उसके खर्च का हिसाब न मिलना अपने आप में एक बड़ा घोटाला है.सुशासन बकवासमुख्यमंत्री नीतीश कु मार जिस सुशासन, कानून के राज व प्रशासन में पारदर्शिता का दावा करते थे, वह बकवास साबित हो गया है. कोर्ट का आदेश आने के तत्काल बाद ही उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उपमुख्यमंत्री व राज्य के वित्त मंत्री सुशील कु मार मोदी भी जवाबदेही से बच नहीं सकते. जितनी बड़ी राशि की अवैध निकासी हुई है, उससे यह साबित होता है कि उसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हैं. केंद्रीय योजनाओं में लूट के आरोप को पटना हाइकोर्ट के आदेश से प्रमाण मिल गया है.अराजकतापूर्ण स्थिति शर्मा उधर, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कु मार शर्मा ने दूरभाष पर कहा कि सुशासन का नारा देनेवाली सरकार में इतनी बड़ी राशि का कोई हिसाब नहीं मिलना, अराजकतापूर्ण राज्य के संचालन का प्रमाण है. जनता की राशि का दुरुपयोग करना एक गंभीर व वित्तीय कु शासन का मामला है. जनहित के ऐसे मामलों में पटना हाइकोर्ट का हस्तक्षेप एक सराहनीय कदम है. बेहतर होता कि वित्तीय अनियमितता की जांच होने तक मुख्यमंत्री नीतीश कु मार व उपमुख्यमंत्री सुशील कु मार अपने पद को दल के अन्य नेता को संभालने की जिम्मेवारी देने की पहल करते जिससे सीबीआइ को निष्पक्ष जांच करने में सुविधा होती.राजद ने मांगा इस्तीफााइकोर्ट द्वारा 11,412 करोड़ की निकासी मामले की सीबीआइ जांच का निर्देश देने पर राजद ने नीतीश कुमार व सुशील कुमार मोदी से इस्तीफे की मांग की है. राजद के प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव व पूर्व सांसद आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को न्यायालय के निर्देश का स्वागत करना चाहिए और तत्काल अपना पद छोड़ देना चाहिए. दोनों नेताओं को जांच रिपोर्ट आने तक सत्ता से बाहर हो जाना चाहिए. यह बहुत बडा घपला है. सीबीआइ की जांच में सब कुछ सामने आ जायेगा.
राजद का बिहार से सफाया तय : सचिन पायलट
KUMAR MANGLAM
Patna
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का अगले विधानसभा चुनाव में सफाया हो जाएगा। बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आए पायलट ने पटना में कहा, ''बिहार सरकार केन्द्र से मदद नहीं मिलने की बात कहती रही है परंतु जो पैसा केन्द्र से आया उसकी भी लूट हो गई।'' राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि विकास और पारदर्शिता की बात करने वाली राज्य सरकार पर 11,412 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगा है। उच्च न्यायालय ने खुद इसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने का आदेश दिया है। पायलट ने लालू प्रसाद यादव के एक बयान पर कहा कि बिहार में जाति की राजनीति समाप्त हो गई है। अब यहां के लोग विकास की बात करते हैं। लालू का पत्ता केंद्र से कट गया है और जल्द ही राज्य से भी उनका पत्ता साफ हो जाएगा। गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्रियों की तस्वीर एक साथ छपने के विवाद पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बार-बार कहा कि यह फोटो उनकी इजाजत के बिना छापी गई परंतु उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि फोटो ही झूठा है। वह केवल राजनीति कर रहे हैं।
Patna
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का अगले विधानसभा चुनाव में सफाया हो जाएगा। बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आए पायलट ने पटना में कहा, ''बिहार सरकार केन्द्र से मदद नहीं मिलने की बात कहती रही है परंतु जो पैसा केन्द्र से आया उसकी भी लूट हो गई।'' राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि विकास और पारदर्शिता की बात करने वाली राज्य सरकार पर 11,412 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगा है। उच्च न्यायालय ने खुद इसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने का आदेश दिया है। पायलट ने लालू प्रसाद यादव के एक बयान पर कहा कि बिहार में जाति की राजनीति समाप्त हो गई है। अब यहां के लोग विकास की बात करते हैं। लालू का पत्ता केंद्र से कट गया है और जल्द ही राज्य से भी उनका पत्ता साफ हो जाएगा। गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्रियों की तस्वीर एक साथ छपने के विवाद पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बार-बार कहा कि यह फोटो उनकी इजाजत के बिना छापी गई परंतु उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि फोटो ही झूठा है। वह केवल राजनीति कर रहे हैं।
राजद और राजग एक ही सिक्के के दो पहलू: कांग्रेस
KUMAR MANGLAM
Patna
बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर ने लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राज्य में सत्तारुढ वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया है। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष का यह कहना कि कांग्रेस को वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है तथा कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि यादव और कुमार ने बिहार को दो दशकों तक जात पात की राजनीति में उलझा कर अपना राजनैतिक हित साधने का काम किया है। कैसर ने कहा कि सच्चाई यह है कि यादव एवं उनकी पार्टी ने बिहार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कैसर ने शुक्रवार को यहां कहा कि यादव द्वारा कांग्रेस पार्टी के संबंध में की गई टिप्पणी हताशा का परिचायक है और कांग्रेस की ओर से गठबंधन तोड़ देने के बाद राजद की स्थिति हास्यास्पद हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी और राजद अध्यक्ष सभी समान रूप से कांग्रेस पर हमला करते हुए पार्टी की हैसियत पर सवाल खड़ा कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी नेताओं का एक स्वर में कांग्रेस पर हमला करना ही इस बात का प्रमाण है कि उनकी पार्टी की हैसियत बढ़ी है तथा ये तमाम पार्टियां घबराहट में आकर ही कांग्रेस को निशाना बना रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है यह देश की जनता को पता है तथा कांग्रेस की हैसियत क्या है, वह बिहार की जनता इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बता देगी। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि वर्ष 1990 में भाजपा के समर्थन से उनकी सरकार बनी थी कि नहीं।
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बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर ने लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राज्य में सत्तारुढ वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया है। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष का यह कहना कि कांग्रेस को वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है तथा कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि यादव और कुमार ने बिहार को दो दशकों तक जात पात की राजनीति में उलझा कर अपना राजनैतिक हित साधने का काम किया है। कैसर ने कहा कि सच्चाई यह है कि यादव एवं उनकी पार्टी ने बिहार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कैसर ने शुक्रवार को यहां कहा कि यादव द्वारा कांग्रेस पार्टी के संबंध में की गई टिप्पणी हताशा का परिचायक है और कांग्रेस की ओर से गठबंधन तोड़ देने के बाद राजद की स्थिति हास्यास्पद हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी और राजद अध्यक्ष सभी समान रूप से कांग्रेस पर हमला करते हुए पार्टी की हैसियत पर सवाल खड़ा कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी नेताओं का एक स्वर में कांग्रेस पर हमला करना ही इस बात का प्रमाण है कि उनकी पार्टी की हैसियत बढ़ी है तथा ये तमाम पार्टियां घबराहट में आकर ही कांग्रेस को निशाना बना रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है यह देश की जनता को पता है तथा कांग्रेस की हैसियत क्या है, वह बिहार की जनता इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बता देगी। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि वर्ष 1990 में भाजपा के समर्थन से उनकी सरकार बनी थी कि नहीं।
Wednesday, July 14, 2010
नक्सल समस्या से निबटने के लिए समेकित रुख जरूरी : नीतीश
KUMAR MANGLAM
Patna
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि नक्सल समस्या से निबटने के लिए समेकित रुख जरूरी है। सिर्फ जोर जबरदस्ती की कार्रवाई से वे और अलग-थलग पड़ जाएंगें।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से बुलाई गई नक्सल प्रभावित राज्यों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने केन्द्र पर इस समस्या से निबटने में आवश्यक सहायता नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नक्सल स्थिति पर चिंता जतायी है और राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की संख्या में इजाफा की मांग की है। बिहार को केन्द्र सरकार से आवश्यक समर्थन नहीं मिला।उन्होंने कहा कि पिछले कई साल के दौरान बिहार में तैनात केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की तादाद में कोई फर्क नहीं आया है।उन्होंने कहा कि पिछली बार इस तरह की बैठक अक्टूबर 2009 में हुई थी। तब दूसरे राज्यों में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की तादाद बढ़ा दी गई थी, लेकिन बिहार को एक भी अतिरिक्त कंपनी नहीं मिली। कुमार ने मांग की कि राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान की संख्या में भी इजाफा किया जाना चाहिए। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद से निबटने के लिए समेकित रुख की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अकेले जोर जबरदस्ती की कार्रवाई से व्यापक विलगाव होता है, उग्रवादी संगठनों के नेता को नायक बनाता है और सिर्फ लाक्षणिक उपचार की ओर ले जाता है। इससे रोग ज्यादा खतरनाक सूरत में उभरता है। नीतीश ने कहा कि हालांकि उन्हें गुमराह कर हिंसा की राह पर ले जाया गया है, नक्सली तत्व हमारे समाज के एक हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद से निबटना चाहिए, लेकिन इसके लिए बिहार जैसे राज्यों को केन्द्र के समर्थनात्मक रुख की जरूरत है।
कुमार ने कहा कि सीमित मानवशक्ति, उपकरण और संसाधन के संदर्भ में अपंगता के बावजूद राज्य सरकार नक्सल स्थिति को काबू में रखने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि इसको पूरा करने के लिए हमने पूर्व सैनिकों को नियुक्त कर विशेष सहायक पुलिस (स्पेशल आक्जिलरी पुलिस) तैयार की। बदकिस्मती से, नियोजन शर्तों में ढिलाई देने और भत्तों में इजाफा के बावूजद हम आबंटित संख्या नहीं पा सके। कुमार ने इंगित किया कि विभिन्न संगठनों ने स्थानीय उग्रवाद से निबटने के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विशेषाकृत छापेमार निरोधी प्रशिक्षण के लिए स्कूलों की स्थापना के लिए काम कर रहा है। उन्होंने 35 नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों को चलाने के लिए योजना आयोग की समेकित कार्रवाई योजना के बारे में कहा कि यह मान्यता प्राप्त है कि पूरे भारत में 83 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों समेकित विकास के लिए सिर्फ 35 जिलों को चुना गया। कुमार ने कहा कि चूंकि बाकी 48 जिले पिछड़े बने रहेंगे, ज्यादातर जिलों को समेकित विकास के दायरे से बाहर रख कर इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता।
Patna
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि नक्सल समस्या से निबटने के लिए समेकित रुख जरूरी है। सिर्फ जोर जबरदस्ती की कार्रवाई से वे और अलग-थलग पड़ जाएंगें।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से बुलाई गई नक्सल प्रभावित राज्यों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने केन्द्र पर इस समस्या से निबटने में आवश्यक सहायता नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नक्सल स्थिति पर चिंता जतायी है और राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की संख्या में इजाफा की मांग की है। बिहार को केन्द्र सरकार से आवश्यक समर्थन नहीं मिला।उन्होंने कहा कि पिछले कई साल के दौरान बिहार में तैनात केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की तादाद में कोई फर्क नहीं आया है।उन्होंने कहा कि पिछली बार इस तरह की बैठक अक्टूबर 2009 में हुई थी। तब दूसरे राज्यों में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की तादाद बढ़ा दी गई थी, लेकिन बिहार को एक भी अतिरिक्त कंपनी नहीं मिली। कुमार ने मांग की कि राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान की संख्या में भी इजाफा किया जाना चाहिए। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद से निबटने के लिए समेकित रुख की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अकेले जोर जबरदस्ती की कार्रवाई से व्यापक विलगाव होता है, उग्रवादी संगठनों के नेता को नायक बनाता है और सिर्फ लाक्षणिक उपचार की ओर ले जाता है। इससे रोग ज्यादा खतरनाक सूरत में उभरता है। नीतीश ने कहा कि हालांकि उन्हें गुमराह कर हिंसा की राह पर ले जाया गया है, नक्सली तत्व हमारे समाज के एक हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद से निबटना चाहिए, लेकिन इसके लिए बिहार जैसे राज्यों को केन्द्र के समर्थनात्मक रुख की जरूरत है।
कुमार ने कहा कि सीमित मानवशक्ति, उपकरण और संसाधन के संदर्भ में अपंगता के बावजूद राज्य सरकार नक्सल स्थिति को काबू में रखने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि इसको पूरा करने के लिए हमने पूर्व सैनिकों को नियुक्त कर विशेष सहायक पुलिस (स्पेशल आक्जिलरी पुलिस) तैयार की। बदकिस्मती से, नियोजन शर्तों में ढिलाई देने और भत्तों में इजाफा के बावूजद हम आबंटित संख्या नहीं पा सके। कुमार ने इंगित किया कि विभिन्न संगठनों ने स्थानीय उग्रवाद से निबटने के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विशेषाकृत छापेमार निरोधी प्रशिक्षण के लिए स्कूलों की स्थापना के लिए काम कर रहा है। उन्होंने 35 नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों को चलाने के लिए योजना आयोग की समेकित कार्रवाई योजना के बारे में कहा कि यह मान्यता प्राप्त है कि पूरे भारत में 83 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों समेकित विकास के लिए सिर्फ 35 जिलों को चुना गया। कुमार ने कहा कि चूंकि बाकी 48 जिले पिछड़े बने रहेंगे, ज्यादातर जिलों को समेकित विकास के दायरे से बाहर रख कर इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता।
सीटिंग विधायकों का कट सकता है टिकट
Kumar Manglam
Patna
भाजपा के सभी सीटिंग विधायकों को टिकट की गारंटी नहीं है. खराब प्रदर्शन करनेवाले विधायकों का टिकट कट सकता है. ये संकेत बुधवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सीपी ठाकु र ने दिये. वह सिकटा के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के पार्टी में शामिल होने के मौके पर बोल रहे थे. श्री वर्मा सिकटा के चार बार विधायक रहे हैं, जिनमें वह दो बार भाजपा के टिकट पर जीते थे. फिलहाल वह राकांपा में थे. पिछली बार हम तीन सीटों पर दोस्ताना लड़ाई लड़े थे, जिनमें से एक पर हमारी जीत हुई थी. इस बार हमारी मांग 105 सीटों की ही है, पर 103 सीटों पर तो हर-हाल में चुनाव लड़ेंगे. परिसीमन में बहुत कु छ उलट-फे र हो गया है. कु छ सीटें भाजपा के लिए, तो कु छ जदयू के लिए फ़ायदेमंद हो गयी हैं. ऐसे में दोनों दल एक-दूसरे से सीटों की अदला-बदली भी करेंगे.इस मुद्दे पर दोनों दलों में मंथन चल रहा है. भाजपा विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जाने को कहा गया है. जनता के बीच विनम्र भाव से पेश हाने की हिदायत भी दी गयी है.डॉ ठाकु र ने कहा कि इनके आने से पार्टी और मजबूत होगी.वाल्मीकि बनाने में जुटे हैं सीएमजदयू में बाहुबलियों के शामिल होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा-नीतीश जी कु छ लोगों को वाल्मीकि बनाने में लगे हैं. क्या भाजपा भी बाहुबलियों को ज्वाइन करायेगी? हंसते हुए श्री ठाकुर ने कहा-मैं तो डॉक्टर हूं. मेरे पास ऐसी दवा है कि बड़े से बड़ा बाहुबली भी ठीक हो जायेगा.कुछ सीटों की अदला-बदलीउन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी इस बार भी 103 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी.
Patna
भाजपा के सभी सीटिंग विधायकों को टिकट की गारंटी नहीं है. खराब प्रदर्शन करनेवाले विधायकों का टिकट कट सकता है. ये संकेत बुधवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सीपी ठाकु र ने दिये. वह सिकटा के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के पार्टी में शामिल होने के मौके पर बोल रहे थे. श्री वर्मा सिकटा के चार बार विधायक रहे हैं, जिनमें वह दो बार भाजपा के टिकट पर जीते थे. फिलहाल वह राकांपा में थे. पिछली बार हम तीन सीटों पर दोस्ताना लड़ाई लड़े थे, जिनमें से एक पर हमारी जीत हुई थी. इस बार हमारी मांग 105 सीटों की ही है, पर 103 सीटों पर तो हर-हाल में चुनाव लड़ेंगे. परिसीमन में बहुत कु छ उलट-फे र हो गया है. कु छ सीटें भाजपा के लिए, तो कु छ जदयू के लिए फ़ायदेमंद हो गयी हैं. ऐसे में दोनों दल एक-दूसरे से सीटों की अदला-बदली भी करेंगे.इस मुद्दे पर दोनों दलों में मंथन चल रहा है. भाजपा विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जाने को कहा गया है. जनता के बीच विनम्र भाव से पेश हाने की हिदायत भी दी गयी है.डॉ ठाकु र ने कहा कि इनके आने से पार्टी और मजबूत होगी.वाल्मीकि बनाने में जुटे हैं सीएमजदयू में बाहुबलियों के शामिल होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा-नीतीश जी कु छ लोगों को वाल्मीकि बनाने में लगे हैं. क्या भाजपा भी बाहुबलियों को ज्वाइन करायेगी? हंसते हुए श्री ठाकुर ने कहा-मैं तो डॉक्टर हूं. मेरे पास ऐसी दवा है कि बड़े से बड़ा बाहुबली भी ठीक हो जायेगा.कुछ सीटों की अदला-बदलीउन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी इस बार भी 103 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी.
Tuesday, July 13, 2010
विनीता विजय बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त
कांग्रेस ने मंगलवार को विनीता विजय को बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। विनीता विजय बिहार के पूर्व मंत्री रघुनाथ पांडेय की पुत्रवधू हैं और उन्होंने मुजफ्फरपुर से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था। पार्टी ने हाल में बिहार के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के बिहार मामलों के प्रभारी को बदला है। महबूब अली कैसर को अनिल शर्मा के स्थान पर प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि जगदीश शर्मा के स्थान पर मुकुल वासनिक को पार्टी मामलों के प्रभारी की जिम्मेवारी सौंपी गई है। बिहार में इसी साल अक्टूबर नवम्बर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विनीता विजय को बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
बिहार में होगा कोबरा का बेस बटालियन
Shyakuddin
गया । नक्सलियों से जूझ रहे बिहार में कोबरा का बेस होगा। कोबरा(कमांडो बटालियन फॉर रिसाल्यूट एक्शन) सीआरपीएफ की एक ऐसी इकाई है, जिसे खासतौर पर नक्सलियों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी गई है। गया जिला के बाराचट्टी के बरवाडीह में इसका बेस होगा। बिहार में हालांकि अभी तक अधिकारिक तौर पर ऑपरेशन ग्रीन हंट की शुरूआत नहीं हुई है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में कोबरा को लगाया जा रहा है। राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बिहार में कोबरा की मौजूदगी उनकी फील्ड ट्रेनिंग का हिस्सा है। कोबरा को फिलहाल गया और उसके आसपास के इलाकों में लगाया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार ने फिलहाल कोबरा के छह बटालियन का गठन किया है जिनमें से एक बटालियन बिहार को उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 134.45 एकड़ जमीन भी उपलब्ध करा दी है। वैसे कोबरा की एक कंपनी को फिलहाल गया के इलाकों में ऑपरेशन के लिए लगाया गया है। बिहार में उनकी मौजूदगी से नक्सली बौखला गए हैं। सूत्रों के अनुसार बिहार से सटे झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिमबंगाल में ऑपरेशन ग्रीन हंट की शुरूआत के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप बिहार में भी नक्सल गतिविधियां तेज होने की आशंका है।पिछले दिनों कई थाना भवनों को उड़ाकर नक्सलियों ने इसके संकेत भी दिए हैं। लिहाजा बिहार में नक्सलियों से मुकाबले के लिए कोबरा जैसी मारक फोर्स को लगाया जा रहा है। वैसे नक्सल ऑपरेशन के लिए पहले से बिहार में सीआरपीएफ की 23 कंपनियां उपलब्ध हैं। इन्हें सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है। इसके अलावा एसटीएफ, सैप और बीएमपी के जवानों को भी इस अभियान में लगाया जा रहा है।
गया । नक्सलियों से जूझ रहे बिहार में कोबरा का बेस होगा। कोबरा(कमांडो बटालियन फॉर रिसाल्यूट एक्शन) सीआरपीएफ की एक ऐसी इकाई है, जिसे खासतौर पर नक्सलियों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी गई है। गया जिला के बाराचट्टी के बरवाडीह में इसका बेस होगा। बिहार में हालांकि अभी तक अधिकारिक तौर पर ऑपरेशन ग्रीन हंट की शुरूआत नहीं हुई है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में कोबरा को लगाया जा रहा है। राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बिहार में कोबरा की मौजूदगी उनकी फील्ड ट्रेनिंग का हिस्सा है। कोबरा को फिलहाल गया और उसके आसपास के इलाकों में लगाया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार ने फिलहाल कोबरा के छह बटालियन का गठन किया है जिनमें से एक बटालियन बिहार को उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 134.45 एकड़ जमीन भी उपलब्ध करा दी है। वैसे कोबरा की एक कंपनी को फिलहाल गया के इलाकों में ऑपरेशन के लिए लगाया गया है। बिहार में उनकी मौजूदगी से नक्सली बौखला गए हैं। सूत्रों के अनुसार बिहार से सटे झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिमबंगाल में ऑपरेशन ग्रीन हंट की शुरूआत के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप बिहार में भी नक्सल गतिविधियां तेज होने की आशंका है।पिछले दिनों कई थाना भवनों को उड़ाकर नक्सलियों ने इसके संकेत भी दिए हैं। लिहाजा बिहार में नक्सलियों से मुकाबले के लिए कोबरा जैसी मारक फोर्स को लगाया जा रहा है। वैसे नक्सल ऑपरेशन के लिए पहले से बिहार में सीआरपीएफ की 23 कंपनियां उपलब्ध हैं। इन्हें सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है। इसके अलावा एसटीएफ, सैप और बीएमपी के जवानों को भी इस अभियान में लगाया जा रहा है।
क्वींस बैटन का गया में शानदार स्वागत
Madan kr Tiwari
गया। 71 देशों का भ्रमण करते राष्ट्रमंडल खेल 2010 की क्वींस बेटन रिले मंगलवार की देर शाम गया की धरती पर पहुंची। लाखों की तादाद में सड़क के किनारे खड़े नगरवासियों ने 'भारत माता की जय' और करतल ध्वनि के साथ बेटन का शानदार स्वागत किया। इसके बाद पथ निर्माण मंत्री डा. प्रेम कुमार खुली जीप में बैटन के साथ गया कालेज से गांधी मैदान तक पहुंचे। जिले की सीमा से लेकर मुख्य कार्यक्रम स्थल गांधी मैदान तक पहुंचने के क्रम में बैटन को चार पड़ाव मिले जहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया। क्वींस बैटन की चमक देख सूरज शरमा सा गया। सूर्य की लालिमा बादलों की ओट में जा चुकी थी। शाम के 5:20 बजे थे। यह स्थान था गया व औरंगाबाद का आमस प्रखंड। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के दोनों ओर हजारों बच्चे हाथों में तिरंगा लहरा रहे थे। बैटन का काफिला पहुंचा। सबसे आगे गाड़ी में हरियाणा कैडर के आईजी एवं बिहार में रिले के आयोजक मंडल के सदस्य बी.के. सिन्हा ने बैटन को जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त उप समाहर्ता उदय कुमार व नगर आयुक्त राय मदन किशोर को सौंपा। इसके बाद बैटन का कारवां गया की ओर चल पड़ा। सबसे आगे हीरोहोंडा करिश्मा पर सवार चल रहे थे। इसके बाद टाटा मोटर्स की लगभग एक दर्जन से अधिक गाड़ियां थी। जो बैटन रिले के साथ आयी थीं। जिस पर दल के सदस्य सवार थे। लगभग 60 किमी की दूरी की गति सीमा 40 किमी की थी। शाम के लगभग 6:15 बजे गया-डोभी मार्ग पर हवाई अड्डा मार्ग पर काफिला मुड़ जाता है। यहां सेना के जवान सड़क के दोनों किनारे हाथों में तिरंगा लिये थे। काफिले की गति काफी धीमी हो गयी। यह स्थान सेना सेवा कोर के परिसर का है। जहां गुरुद्वारा गेट से बैटन के काफिले ने प्रवेश किया। गुरुद्वारा के प्रवेश द्वार पर दो मिनट का पड़ाव। पुन: काफिला आगे बढ़ा। मस्जिद द्वार पहुंचा। काफिला शनै-शनै बढ़ता गया। सेना सेवा कोर के परिसर में मुख्य कार्यक्रम अमर सेनानी स्मारक स्थल पर हुआ। जहां सेना सेवा कोर के डिप्टी कमांडेंट साजो सेबिस्टियन और कमांडेंट की पत्नी अंजू मिनोचा के साथ-साथ लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक पवार, टीएमओ ने बैटन का स्वागत किया। अमर सेनानी का स्मारक पुष्प गुच्छ से सजा हुआ था। धीरे-धीरे यह कारवां मंदिर पहुंचा। जहां ठहराव के बाद गया शहर की ओर बढ़ चला। सैकड़ों गाड़ियां साथ में चल रही थी। शाम के 7:15 बजे। शहर का प्रवेश द्वार सिकड़िया मोड़। राज्य के पथ निर्माण मंत्री डा. प्रेम कुमार, जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अमित लोढ़ा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। यहां से बैटन एक खुली जीप में शहरवासियों के दर्शनार्थ चला। जीप पर बारी-बारी से लोग बैटन के साथ अपने कुछ सुखद क्षण को साथ लेकर चल रहे थे। भीड़ सड़क के दोनों ओर बेकाबू थी। काफिला का रुख मुख्य कार्यक्रम स्थल हरिहर सुब्रह्माण्यम स्टेडियम था। रात के लगभग 8 बजे। बैटन अपने पड़ाव पर पहुंच चुका था। जन सैलाब स्टेडियम में मौजूद था। करतल ध्वनि से स्वागत किया गया। गया के खिलाड़ियों की भीड़ ने विशेष परिधान (ट्रैक सूट) में रिले का स्वागत किया। स्टेडियम में जिला प्रशासन द्वारा बैटन के स्वागत में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया।
Friday, July 9, 2010
सीटों का बंटवारा एक सप्ताह में पासवान
पटना : विधानसभा चुनाव को लेकर राजद व लोजपा के बीच सीटों का बंटवारा एक सप्ताह के अंदर कर लिया जायेगा. लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी गयी है. उन्होंने कहा-केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का सवाल ही नहीं है. 16 जुलाई से मेरी व लालू प्रसाद की संयुक्त चुनावी सभा शुरू होगी. 25 जुलाई तक विभिन्न जिलों में 50 सभाएं होंगी. 10 जुलाई को केंद्रीय नीति व राज्य सरकार की जमाखोरी के कारण बढ़ी महंगाई के विरोध में बिहार का चक्का जाम रहेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का सौ फीसदी वोट राजद-लोजपा गंठबंधन को मिलेगा. गंठबंधन को दो तिहाई बहुमत हासिल होगा. भाजपा के साथ संबंध को लेकर जदयू के दोनों बड़े नेता शरद यादव व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दोतरफा बयान आ रहा है. अनुसूचित जाति आयोग बना कर नीतीश कुमार भ्रम फैला रहे हैं. मुख्यमंत्री बताएं कि यह आयोग किन जातियों के लिए है.
मैं पूरी तरह से विपक्ष की भूमिका में रहूंगा. 21 जातियों को महादलित में शामिल कर दिया गया है. महादलित आयोग पहले से गठित है, तो अनुसूचित जाति आयोग क्या सिर्फ पासवान जाति के लिए है? उन्होंने सफाई कर्मचारी आयोग बनाने की मांग सरकार से की. कहा कि मुजफ्फरपुर के निर्दलीय विधायक विजेंद्र चौधरी इस बार लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, विधायक विजेंद्र चौधरी, राजेंद्र राय, प्रदेश महासचिव केशव सिंह, ललन कुमार चंद्रवंशी ओद उपस्थित थे. रामविलास पासवान व लालू प्रसाद 16 को मधेपुरा, अररिया, सुपौल व सहरसा. 17 को किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार व खगड़िया. 18 को मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर व बेगूसराय में सभा करेंगे.
मैं पूरी तरह से विपक्ष की भूमिका में रहूंगा. 21 जातियों को महादलित में शामिल कर दिया गया है. महादलित आयोग पहले से गठित है, तो अनुसूचित जाति आयोग क्या सिर्फ पासवान जाति के लिए है? उन्होंने सफाई कर्मचारी आयोग बनाने की मांग सरकार से की. कहा कि मुजफ्फरपुर के निर्दलीय विधायक विजेंद्र चौधरी इस बार लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, विधायक विजेंद्र चौधरी, राजेंद्र राय, प्रदेश महासचिव केशव सिंह, ललन कुमार चंद्रवंशी ओद उपस्थित थे. रामविलास पासवान व लालू प्रसाद 16 को मधेपुरा, अररिया, सुपौल व सहरसा. 17 को किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार व खगड़िया. 18 को मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर व बेगूसराय में सभा करेंगे.
नक्सलियों ने सड़क को काट।
डुमरिया Nirbhay Raj Pritam
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के दो दिवसीय भारत बंद के मद्देनजर मंगलवार की रात डुमरिया थाना क्षेत्र में विकुआ कला के पास नक्सलियों ने सड़क को काट दिया। जिसके कारण इमामगंज-डुमरिया व मैगरा-डालटेनगंज सड़क मार्ग पर वाहनों का आवाजाही प्रभावित हुआ है। वहीं, मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में प्रदीप नगर में दिन के उजाले में सहदेव खाप निवासी बब्लू खां के ट्रैक्टर को बुधवार को हमलावरों ने जला दिया।
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार करीब 2 सौ की संख्या में रहे नक्सली बंद के समर्थन में मंगलवार की रात नारेबाजी कर बढ़ रहे थे। इमामगंज थाना के समसाबाद को नक्सलियों द्वारा घेर लिये जाने की सूचना फैलते ही जिला मुख्यालय से लेकर स्थानीय स्तर पर पुलिस-प्रशासन सख्ते में आ गया। बाद में यह जानकारी मिली कि ग्रामीणों ने हवा में फायरिंग की। जबाब में नक्सली गोलीबारी करते हुए आगे निकल गये। विकुआकला के पास सड़क काटकर नक्सलियों ने गंगटी बाजार में मशाल जुलूस निकाला। नारेबाजी की। फिर चकरबंधा की ओर फरार हो गये। सिटी एसपी दलजीत सिंह ने उपरोक्त घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सड़क की मरम्मती करायी जा रही है। बुधवार की देर शाम तक वाहनों का परिचालन शुरू हो जाने की संभावना है।
मिला।
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के दो दिवसीय भारत बंद के मद्देनजर मंगलवार की रात डुमरिया थाना क्षेत्र में विकुआ कला के पास नक्सलियों ने सड़क को काट दिया। जिसके कारण इमामगंज-डुमरिया व मैगरा-डालटेनगंज सड़क मार्ग पर वाहनों का आवाजाही प्रभावित हुआ है। वहीं, मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में प्रदीप नगर में दिन के उजाले में सहदेव खाप निवासी बब्लू खां के ट्रैक्टर को बुधवार को हमलावरों ने जला दिया।
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार करीब 2 सौ की संख्या में रहे नक्सली बंद के समर्थन में मंगलवार की रात नारेबाजी कर बढ़ रहे थे। इमामगंज थाना के समसाबाद को नक्सलियों द्वारा घेर लिये जाने की सूचना फैलते ही जिला मुख्यालय से लेकर स्थानीय स्तर पर पुलिस-प्रशासन सख्ते में आ गया। बाद में यह जानकारी मिली कि ग्रामीणों ने हवा में फायरिंग की। जबाब में नक्सली गोलीबारी करते हुए आगे निकल गये। विकुआकला के पास सड़क काटकर नक्सलियों ने गंगटी बाजार में मशाल जुलूस निकाला। नारेबाजी की। फिर चकरबंधा की ओर फरार हो गये। सिटी एसपी दलजीत सिंह ने उपरोक्त घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सड़क की मरम्मती करायी जा रही है। बुधवार की देर शाम तक वाहनों का परिचालन शुरू हो जाने की संभावना है।
मिला।
देव मदनपुर बाजार में नक्सलियों का वर्चस्व
देव मदनपुर बाजार में नक्सलियों का वर्चस्व बढ़ रहा है।आजन एवं देवज में पुलिस पिकेट स्थापित की गई है, इसके बावजूद ग्रामीणों के जेहन से नक्सलियों का भय नहीं उतर रहा है। यही हालात देव, बालूगंज, सिमरा, अम्बा, टंडवा, नवीनगर एवं माली थाना क्षेत्र के गांवों में है। बहुत दिनों बाद नक्सलियों के फरमान पर बाजार बंद रहा। नक्सलियों के भय से बाजार में व्यवसायियों ने दुकानें नहीं खोली। बंदी को ले पुलिस तो सजग थी परंतु व्यवसायियों के मन से भय को नहीं निकाल सकी। वैसे भी मदनपुर थाना क्षेत्र के गांवों में नक्सलियों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। यूं कह लीजिए थाना के दक्षिणी इलाके में नक्सलियों का साम्राज्य कायम है। नक्सलियों के फरमान पर बाजार बंद हो जाते है। और ग्रामीण दहशत में गांव से बाहर नहीं निकलते है। नक्सलियों के भारत बंद का असर औरंगाबाद जीटी रोड के दक्षिणी इलाके में होता है। पहले बंदी के दौरान सड़कों पर वाहन नहीं चलते थे तो टेम्पो चालकों की चांदी कटती थी। अब व्यवस्था बदल गई है। पिछले बंद के दौरान देव में नक्सलियों ने एक टेम्पो चालक की पिटाई कर दी थी। जिस कारण इस बार टेम्पो चालक भी नक्सली इलाके में वाहन लेकर नहीं पहुंचे। टेम्पो नहीं चलने से यात्री परेशान रहे। टंडवा बाजार में चार बीएमपी जवानों की हत्या के बाद से दहशत कायम है। बीएमपी जवान हत्या मामले में पुलिस को अब तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई है। बाजार के लोग दहशत में जीने को मजबूर है। वाहन नहीं चलने से औरंगाबाद बस स्टैड में पूरे दिन यात्री भटकते रहे। तेज धूप के कारण यात्री छांव की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे। राजनीतिक पार्टियों के घोषित बंद में वाहन मालिक भले ही वाहन चला लें परंतु नक्सलियों के फरमान पर वाहनों का चक्का जाम हो जाता है। नक्सल प्रभावित गांव के ग्रामीणों के हालात बदतर होते जा रहे है। कारण, नक्सलियों के भय से गांवों का विकास बाधित है। नक्सलियों ने देव के दक्षिणी इलाके में आठ माह पहले चार पुलिया को उड़ाया था जो आज तक नहीं बनाया जा सका है।
बीडीओ के खिलाफ प्रदर्शन व धरना
गोह (औरंगाबाद) बीडीओ एवं थानाध्यक्ष के खिलाफ राजद व लोजपा नेताओं ने गुरुवार को गोह में प्रदर्शन कर धरना दिया। धरना का नेतृत्व रफीगंज विधायक मो. नेहालुद्दीन, राजद जिलाध्यक्ष कौलेश्वर यादव ने किया। पूर्व विधायक सुरेश मेहता ने कहा कि गोह एवं औरंगाबाद में कोई अंतर नहीं है। गोह में भूमिहार अधिकारियों का राज चल रहा है तो औरंगाबाद में राजपूत का। प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरणार्थियों को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि बिहार में अफसरशाही बढ़ गई है। अधिकारी जनता की बात नहीं सुनते है। जनता की सेवा के लिए पदस्थापित किए गए बीडीओ जनता के साथ दुर्व्यवहार करते है। बीडीओ द्वारा राजद नेताओं के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा को गलत बताते हुए कार्रवाई की मांग किया। विधायक ने थानाध्यक्ष एवं बीडीओ पर जेल में बंद दबंग विधायक के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाया। कहा कि पहले साजिश के तहत डा. आरयू कुमार को गिरफ्तार किया गया एवं बाद में राजद नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। नेताओं ने कहा कि अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो जिले में चक्का जाम कर प्रदर्शन किया जाएगा। विकास कार्यो का जिक्र करते हुए राजद नेताओं ने कहा कि विकास धरातल पर कम कागजों पर अधिक दिखता है।प्रदेश सचिव सरोज देवी, सुबोध कुमार सिंह, रवीन्द्र कुमार सिंह, विनय प्रसाद गुप्ता, एहसानुलक हक अंसारी, डा. गुप्तेश्वर यादव, जिला मीडिया प्रभारी शहजादा शाही, जिला पार्षद सबिता देवी, हसपुरा प्रखंड अध्यक्ष मदन सिंह यादव, दाउदनगर नगर राजद अध्यक्ष मुन्ना अजीज, कुमारी गोदावरी, प्रमुख मुन्ना सिंह, अरविंद दास, शंकर कुमार यादवेन्दु, अशोक कुमार कुशवाहा ने संबोधित किया। धरन समाप्ति के बाद राज्यपाल के नाम पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन सीओ को दिया गया। ज्ञापन में डा. आरयू कुमार एवं राजद नेताओं पर किए गए मुकदमा को वापस लिए जाने की मांग की गई है। राजद के धरना व प्रदर्शन को ले गोह में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सभी प्रमुख जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
Wednesday, July 7, 2010
Thursday, July 1, 2010
डॉ जगन्नाथ मिश्र को कैबिनेट मंत्री का दर्जा
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र को राज्य सरकार ने राजधानी स्थित ललित नारायण मिश्रा ओर्थक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान( एलएनएम) का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. 20 वर्षे के बाद डॉ मिश्र को पुन यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है. मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार उन्हें अगले आदेश तक यह पदभार दिया गया. साथ ही, उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा गौरतलब है कि वर्ष 1989 में डॉ मिश्र इस संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष थे, लेकिन राजद की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने उन्हें इस पद से हटा दिया था. एलएन मिश्रा इंस्टीटय़ूट के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते है. जानकारी के मुताबिक 10 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का हाल-चाल पूछने उनके निवास पर गये थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालने का अनुरोध किया, जिसे डॉ मिश्र ने स्वीकार कर लिया. विधानसभा चुनाव को देखते हुए डॉ मिश्र को नजदीक लाने के प्रयास के तौर पर भी इसे देखा जा रहा है.
भूदान की 43 फीसदी जमीन पर दबंगों का कब्जा
पटना : बिहार-झारखंड में भूदान की 43 फीसदी जमीन पर दबंगों का कब्जा है. अब तक यह भूदान कमेटी के कब्जे में नहीं आ सकी है, जिससे इसे लाभार्थियों के बीच नहीं बांटा जा सका है. यह जानकारी भूदान यज्ञ आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य विनोबा भावे व जयप्रकाश नारायण के अनन्य सहयोगी रहे बाबूराव चंदावर ने रविवार को प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में दी. भूमि समस्या एवं भूदान बेदखली निवारण की मांग को लेकर गांधी स्मारक निधि के सभागार में शनिवार की सुबह से अनशन पर बैठे चंदावर ने कहा कि जब तक सरकार से ठोस कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.भूदान की प्रक्रियाभूदान की जमीन लाभार्थियों (खेतिहर-मजदूरों) के बीच बांटी जानी चाहिए. जो लोग भूदान कमेटी को अपनी जमीन दान करते हैं, उसे राजस्व शाखा कन्फर्म करती है. राजस्व शाखा इसकी छानबीन कर भूदान कमेटी को प्रमाणपत्र देती है, फिर भूदान कमेटी इसे वितरित करती है और उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान करती है. इसी प्रमाणपत्र के आधार पर यह जमीन उस लाभार्थी की हो जाती है और इस पर दूसरा कोई मालिकाना हक नहीं जता सकता.उचित कार्रवाई नहींभूदान यज्ञ कमेटी व राज्य सरकार इस दिशा में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रही है. जमीन पर दखल दिलाने के लिए वे पिछले पांच वषों से बिहार सवरेदय मंडल के माध्यम से अभियान चला रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने सुपौल, मधेपुरा व सहरसा से की थी. चंदावर ने इसके लिए लाभार्थियों से आगे आने की अपील की.प्रायश्चित कर रहे हैंश्री चंदावर ने कहा कि अनशन राज्य सरकार व सवरेदयी नेताओं-कार्यकर्ताओं की विफलता को लेकर एक प्रायश्चित है. दरअसल, भूदान से जुड़े लोग ही भूदान में प्राप्त भूमि को लूट रहे हैं. भूदान यज्ञ कमेटी व राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. कमेटी का कार्य परचा देना व भूमिहीनों को उस पर दखल दिलाना है, लेकिन उस पर नौकरशाही का प्रभाव पड़ चुका है. राज्य सरकार उसे ग्रांट देकर अपना दायित्व भूल जाती है. बिहार सवरेदय मंडल ने इस मुद्दे को लेकर पटना हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने भूमि बेदखली के निवारण के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन, एक वर्ष से अधिक हो चुका है और राज्य सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ा पायी है. जिन्हें विनोबा के परिश्रम से जमीन मिली, वह आज उनके पास नहीं है. भूदानी किसान हैं, उनके पास परचा है, प्रमाणपत्र है, लेकिन वे भूमि से बेदखल हैं.चूक हो रही हैऐसे किसानों के सिर्फ सुपौल में 15 हजार से अधिक आवेदन स्थानीय प्रशासन को प्राप्त हुए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. भूदानी किसानों को सरकार का संरक्षण मिलना चाहिए. भूमिहीनों को भूमि प्रदान करना कोई एहसान करना नहीं है, लेकिन हमारे कार्यकर्ता महसूस करते हैं कि यह एहसान है . उनसे कागजात प्राप्त करने से लेकर दखल दिलाने में सहयोग को लेकर पैसे की मांग की जाती है. वे चाहते हैं कि भूदानी भूमि दबा कर रखें, ताकि किसान दबाव में रहे. कहीं -न -कहीं हम सभी से चूक हो रही है, जिससे भूदानी किसान अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं.
इस वर्ष नक्सलियों ने 20 बार करवाया बिहार बंद
KUMAR MANGLAM
PATNA
नक्सलियों का मंगलवार से शुरू 48 घंटे काबंद इस वर्ष छह माह के अंदर बिहार में आयोजित 20वां बंद है। विभिन्न घटनाओं के विरोध में पिछले छह महीनों में नक्सली 20 बार बिहार या इसके अलग-अलग क्षेत्रों में बंद का आह्वान कर चुके हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके पूर्व 25 जून को नक्सलियों ने एक संदिग्ध नक्सली की गिरफ्तारी के विरोध में पूर्वी बिहार में बंद का एलान किया था। एक मुठभेड़ के विरोध में पुलिस के खिलाफ नक्सलियों ने 17 जून को 48 घंटे काबिहार-झारखंड बंद आयोजित किया था। नक्सलियों ने इससे पहले भी 14 जून को बिहार बंद का एलान कर आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। नक्सलियों ने कथित 'ऑपरेशन ग्रीनहंट' के खिलाफ 27 मई से तीन जून तक काला सप्ताह मनाया था। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवागमन ठप्प था। इसी तरह 18 मई से 48 घंटे तक संपूर्ण बिहार बंद बुलाया गया था। नक्सलियों ने छह मई को 48 घंटे तक तथा चार मई को 24 घंटे तक उत्तर बिहार में बंद बुलाया था। अप्रैल महीना आम लोगों के लिए कुछ ठीक रहा। इस महीने में नक्सलियों ने सिर्फ 24 घंटे के बंद का एलान किया था। नक्सलियों ने पांच अप्रैल को बंद का एलान किया था। नक्सलियों ने मार्च महीने में 30, 22 और आठ मार्च को बंद का आह्वान किया गया था। नक्सलियों ने फरवरी महीने में भी तीन बार पूरे बिहार में बंद आयोजित किया था जबकि सात फरवरी को केवल मगध प्रमंडल क्षेत्र में बंद की घोषणा की गई थी। इससे पहले जनवरी महीने में नक्सलियों ने तीन बार बिहार बंद की घोषणा की थी। इनमें से कुछ बंद बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी आयोजित थे। बंद के कारण आम लोगों के अलावा रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार बिहार में एक दिन के बंद से रेलवे को 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ता है। राज्य पुलिस का कहना है कि नक्सली केवल हताशा के कारण बंद की घोषणा करते हैं। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर मानते हैं कि नक्सलियों के बंद के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। बंद से राज्य को नुकसान उठाना ही पड़ता है।
PATNA
नक्सलियों का मंगलवार से शुरू 48 घंटे काबंद इस वर्ष छह माह के अंदर बिहार में आयोजित 20वां बंद है। विभिन्न घटनाओं के विरोध में पिछले छह महीनों में नक्सली 20 बार बिहार या इसके अलग-अलग क्षेत्रों में बंद का आह्वान कर चुके हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके पूर्व 25 जून को नक्सलियों ने एक संदिग्ध नक्सली की गिरफ्तारी के विरोध में पूर्वी बिहार में बंद का एलान किया था। एक मुठभेड़ के विरोध में पुलिस के खिलाफ नक्सलियों ने 17 जून को 48 घंटे काबिहार-झारखंड बंद आयोजित किया था। नक्सलियों ने इससे पहले भी 14 जून को बिहार बंद का एलान कर आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। नक्सलियों ने कथित 'ऑपरेशन ग्रीनहंट' के खिलाफ 27 मई से तीन जून तक काला सप्ताह मनाया था। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवागमन ठप्प था। इसी तरह 18 मई से 48 घंटे तक संपूर्ण बिहार बंद बुलाया गया था। नक्सलियों ने छह मई को 48 घंटे तक तथा चार मई को 24 घंटे तक उत्तर बिहार में बंद बुलाया था। अप्रैल महीना आम लोगों के लिए कुछ ठीक रहा। इस महीने में नक्सलियों ने सिर्फ 24 घंटे के बंद का एलान किया था। नक्सलियों ने पांच अप्रैल को बंद का एलान किया था। नक्सलियों ने मार्च महीने में 30, 22 और आठ मार्च को बंद का आह्वान किया गया था। नक्सलियों ने फरवरी महीने में भी तीन बार पूरे बिहार में बंद आयोजित किया था जबकि सात फरवरी को केवल मगध प्रमंडल क्षेत्र में बंद की घोषणा की गई थी। इससे पहले जनवरी महीने में नक्सलियों ने तीन बार बिहार बंद की घोषणा की थी। इनमें से कुछ बंद बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी आयोजित थे। बंद के कारण आम लोगों के अलावा रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार बिहार में एक दिन के बंद से रेलवे को 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ता है। राज्य पुलिस का कहना है कि नक्सली केवल हताशा के कारण बंद की घोषणा करते हैं। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर मानते हैं कि नक्सलियों के बंद के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। बंद से राज्य को नुकसान उठाना ही पड़ता है।
नक्सलियों का इलाज करने वाला चिकित्सक डा. आरयू कुमार गिरफ्तार
Ashok kumar singh
गोह (औरंगाबाद) । पुलिस ने छापामारी कर राजद नेता सह चिकित्सक डा. आरयू कुमार को पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसपर नक्सलियों का इलाज करने का आरोप है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। एसपी संजय सिंह ने बताया कि डा. आरयू कुमार के क्लिनिक में एक नक्सली के इलाज की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने टीम बना छापामारी कर चिकित्सक के चैंबर की जांच की तो देशी पिस्टल मिली। थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि गोह थाने के हसनपुर गांव निवासी नक्सली रविरंजन उर्फ अवधेश के साथ एक अन्य नक्सली का नर्सिग होम में इलाज होने की सूचना मिली थी। थानाध्यक्ष के बयान पर इस मामले में भादंसं की धारा 25 ए, 26/35 आर्म्स एक्ट के तहत कांड संख्या 84/10 दर्ज की गई है। प्राथमिकी में डा. आरयू कुमार के अलावा नक्सली रविरंजन को अभियुक्त बनाया गया है। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी को पुलिस छापामारी कर रही है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार चिकित्सक की कुछ माह पहले गोह में क्लिनिक चलाने वाले डा. मदन मोहन पाण्डेय को अपराधियों द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में भी संलिप्तता बताई गई थी। गिरफ्तारी को ले बाजार में कई तरह की चर्चाएं है। इस बाबत पूछे जाने पर गिरफ्तार चिकित्सक ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है। उसने कहा कि इस मामले में मैं बिल्कुल निर्दोष हूं। उधर राजद नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ पार्टी नेताओं ने प्रखंड राजद अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद की मौजूदगी में बैठक की। जिसमें गिरफ्तारी की निंदा करते हुए राजद नेताओं ने मामले की जांच वरीय अधिकारियों से कराने की मांग की गयी। बैठक में राजद जिलाध्यक्ष कौलेश्वर यादव, पूर्व मुखिया नंद लाल यादव, रामजी पासवान, रामनरेश यादव, मुकेश कुशवाहा उपस्थित थे।
गोह (औरंगाबाद) । पुलिस ने छापामारी कर राजद नेता सह चिकित्सक डा. आरयू कुमार को पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसपर नक्सलियों का इलाज करने का आरोप है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। एसपी संजय सिंह ने बताया कि डा. आरयू कुमार के क्लिनिक में एक नक्सली के इलाज की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने टीम बना छापामारी कर चिकित्सक के चैंबर की जांच की तो देशी पिस्टल मिली। थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि गोह थाने के हसनपुर गांव निवासी नक्सली रविरंजन उर्फ अवधेश के साथ एक अन्य नक्सली का नर्सिग होम में इलाज होने की सूचना मिली थी। थानाध्यक्ष के बयान पर इस मामले में भादंसं की धारा 25 ए, 26/35 आर्म्स एक्ट के तहत कांड संख्या 84/10 दर्ज की गई है। प्राथमिकी में डा. आरयू कुमार के अलावा नक्सली रविरंजन को अभियुक्त बनाया गया है। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी को पुलिस छापामारी कर रही है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार चिकित्सक की कुछ माह पहले गोह में क्लिनिक चलाने वाले डा. मदन मोहन पाण्डेय को अपराधियों द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में भी संलिप्तता बताई गई थी। गिरफ्तारी को ले बाजार में कई तरह की चर्चाएं है। इस बाबत पूछे जाने पर गिरफ्तार चिकित्सक ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है। उसने कहा कि इस मामले में मैं बिल्कुल निर्दोष हूं। उधर राजद नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ पार्टी नेताओं ने प्रखंड राजद अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद की मौजूदगी में बैठक की। जिसमें गिरफ्तारी की निंदा करते हुए राजद नेताओं ने मामले की जांच वरीय अधिकारियों से कराने की मांग की गयी। बैठक में राजद जिलाध्यक्ष कौलेश्वर यादव, पूर्व मुखिया नंद लाल यादव, रामजी पासवान, रामनरेश यादव, मुकेश कुशवाहा उपस्थित थे।
हरियाली व खुशहाली का संदेश साथ लाये मुख्यमंत्री
Shyakuddin
गया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब गया पहुंचे तो किसानों के साथ-साथ सबके लिए खुशहाली व हरियाली का संदेश वर्षा के रूप में साथ लेकर आए। शुक्रवार को विश्वास यात्रा के दौरान यहां के गांधी मैदान में आयोजित सभा स्थल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन शाम करीब 5:35 में होता है। आसमान में घटा तो सुबह से छायी थी। पर आसमान में छाए काले बादल बारिश की बूंद कब टपएगा? यह कोई नहीं जान रहा था। जैसे ही उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपनी बात लोगों के समक्ष रखना शुरू किये। वैसे ही गांधी मैदान के उपर छाये काले बादल वर्षा की बूंद ने जिले में संभावित सुखाड़ के काली साया की मिथ्या को तोड़ दिया। और शाम 5:50 में बारिश शुरू हो गयी। तेज बारिश के बीच गांधी मैदान में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को सुनने आए जनसमूह जिसमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी थी। पर वर्षा से घबराए नहीं। भीग कर भी उनकी बातों को सुना। इस बारिश पर विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बरसात को खुशहाली व हरियाली का संदेश की संज्ञा देते हुये अपनी बात रखी। कहा- नीतीश जी आए हैं तो पानी लेकर आए हैं। बारिश के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी बात कुछ यूं रखी। कहा-जब हम यहां अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। तो बारिश नहीं होने पर चिंता प्रकट की थी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सुखाड़ की संभावित स्थिति से निबटने के लिए एक कार्ययोजना बनाने के साथ-साथ इसके लिए टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया है। शायद मुख्यमंत्री की चिंता को मानो ईश्वर ने सुन ली थी। और काली घटा के बीच मेघ जमकर बरसा। हालांकि बारिश के कारण गांधी मैदान का कार्यक्रम मात्र 32 मिनट में ही सिमट गया। कई मंत्री व नेताओं को बोलने का मौका भी नहीं मिल सका। शाम करीब 6:07 में बारिश थोड़े देर के लिए थमा। इस बीच मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री सहित अन्य नेता अधिकारियों के साथ गांधी मैदान से निकल गये।
बकरी ने इंसान के आकार के बच्चे को जन्म दिया
KUMAR MANGLAM
आमतौर पर इंसान को फल, सब्जी या किसी निर्जीव चीजों में भगवान का आकार नजर आ जाता है, लेकिन जानवर के गर्भ से इंसान के आकार के बच्चे का जन्म सचमुच चौंकाने वाला है। तमिलनाडु के सलेम जिले के पैठूर गांव में एक बकरी ने इंसान के आकार के बच्चे को जन्म दिया। बकरी के गर्भ से जन्मा ये बच्चा दिखने में बिल्कुल इंसान के बच्चे जैसा लगता है। तस्वीर में खेत का मालिक इस नायाब बकरी के बच्चे को दिखाता हुआ। ऐसा शायद पहली बार हुआ जब किसी जानवर ने इंसान के बच्चे जैसा दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया है। इसको देखकर लगता है कि सृष्टि में कुछ भी हो सकता है। सोचिए यदि जानवर के गर्भ से इंसान का जन्म और इंसान के गर्भ से जानवर का जन्म हो तो ये दुनिया कैसी होगी?
आमतौर पर इंसान को फल, सब्जी या किसी निर्जीव चीजों में भगवान का आकार नजर आ जाता है, लेकिन जानवर के गर्भ से इंसान के आकार के बच्चे का जन्म सचमुच चौंकाने वाला है। तमिलनाडु के सलेम जिले के पैठूर गांव में एक बकरी ने इंसान के आकार के बच्चे को जन्म दिया। बकरी के गर्भ से जन्मा ये बच्चा दिखने में बिल्कुल इंसान के बच्चे जैसा लगता है। तस्वीर में खेत का मालिक इस नायाब बकरी के बच्चे को दिखाता हुआ। ऐसा शायद पहली बार हुआ जब किसी जानवर ने इंसान के बच्चे जैसा दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया है। इसको देखकर लगता है कि सृष्टि में कुछ भी हो सकता है। सोचिए यदि जानवर के गर्भ से इंसान का जन्म और इंसान के गर्भ से जानवर का जन्म हो तो ये दुनिया कैसी होगी?
एसपीएम का जोनल कमांडर चंदन गिरफ्तार
गया । प्रतिबंधित नक्सली संगठन सशस्त्र पिपुल्स मोर्चा (एसपीएम) के कथित जोनल कमांडर अजय उज्जवल उर्फ चंदन को पुलिस ने बोधगया थाना के बकरौर गांव के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया है। घटना के समय चंदन अपनी बजाज प्लसर मोटरसाइकिल नंबर बीआर 21 बी- 5401 से गया की ओर आ रहा था। वरीय पुलिस अधीक्षक अमित लोढा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि चंदन की तलाश बिहार और झारखंड पुलिस को दो दर्जन से अधिक नक्सली कांडों में पूर्व से रही है। चंदन ने अपना मुख्यालय झारखंड के चतरा में बना रखा था। चंदन ने गया पुलिस को अपने हथियार व अन्य सामान के बारे में जानकारी दी है। उक्त सूचना चतरा पुलिस अधीक्षक को दे दी गयी है। चतरा पुलिस हथियार व अन्य सामानों की बरामदगी के लिए छापामारी कर रही है। एसएसपी श्री लोढा ने यह बताया कि डोभी में रामजनम शर्मा से 30 लाख रूपया रंगदारी की मांग की थी। गुरुवार को 30 हजार रूपया लेकर चंदन निकला था। जिसे पुलिस ने पीछा कर गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने आगे बताया कि चंदन के दो सहयोगी कृष्णनंदन प्रसाद और जीवन बीमा निगम के एजेंट जितेन्द्र कुमार (गुरुआ) को गिरफ्तार किया है। एसएसपी श्री लोढा ने बताया कि टीपीसी के प्रमोद पासवान उर्फ प्रेम उर्फ टपोरी को गुरुवार को शेरघाटी से गिरफ्तार किया गया है। टपोरी के खिलाफ गया और झारखंड के चतरा जिले में कई कांड दर्ज है।
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