7 Days Hindi weekly
- BRAJBHUSHAN SINGH (EDITOR)
- DR.VIKASH HAZRA (CMD 7DAYS GROUP)
7Days Bihar Team
- मो० शायक उद्दीन (ब्यूरो प्रमुख Magadh Pramandal)
- मदन कुमार तिवारी (Advocate- Co-Ordinator Magadh & Shahabad) मो० 9431267027,9431267026,0631-2223223
- कुमार मंगलम (ब्युरो प्रमुख बिहार )
- Viseswar Kumar- Raniganj
- Sunil Kumar Mishra-Reporter- Aurangabad
- Sudrshan Kumar- Guraru
- Shasi Kapur Vishwkarma- Belaganj
- Satyendra Mishra- Madanpur
- Ramesh Chandra Mishra - Bakebazar
- Rajesh Kr. Ranjan- Rafiganj
- R.K.Trivedi Reporter-Tekari
- R.K.Mourya-Imamganj
- R.k.Bharatdwaz-Bakebazar
- Prince Kumar-Reporter- Aurangabad
- Nirbhaya Raj Pritam-Reporter-Dumariya
- Nibha Rani Reporter Sherghati
- Kaimu Khan- Vikramganj
- Jitendra Mishra- Konch
- Dinesh kumar pathak-DEV
- Ashok Kumar Singh- Haspura
- Arun Kumar Gupta-Goh
- amrendra kumar suman -Sasaram
- Amit Kumar- Guruaa
- Alakhdev pd- Achal- Daudnagar
7daysbihar.ning.com
GAYA KA VISHNUPAD MANDIR
Wednesday, August 4, 2010
बोल बम के नारों से गूंजा देवकुंड धाम
ASHOK KR SINGH
हसपुरा (औरंगाबाद) सावन की पहली सोमवार को देवकुंड धाम में कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से कांवरियां एवं श्रद्धालु जल चढ़ाने को लाइन में लगे रहे। बोलबम के नारा से देवकुंड धाम गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाकर जलाभिषेक किया। कोच थाना से पहुंचे मिथिलेश चौधरी, डढ़वां गांव के ललन रजक, नरेश यादव ने बताया कि हम लोग यहां दस वर्षो से डाक बम लेकर आ रहे हैं। पुरहारा के योगेन्द्र गिरी, करपी के राजेन्द्र सिंह डाक बम लेकर पांच वर्षो से लगातार आ रहे हैं। बताया कि यहां की प्रसिद्धि देवघर से कम नहीं है। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु प्रशासन सक्रिय दिखी। नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया है। महंथ स्वामी कन्हैयानंद पुरी ने कहा कि यह क्षेत्र प्रत्येक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यदि पर्यटन के माध्यम से यहां विकास हो तो देवकुंड की प्रसिद्धि देवघर से कम नहीं होगी। मगधाचंल की ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का धनी देवकुंड धाम क्षेत्र अपने गौरवपूर्ण अतीत के कारण सर्वाधिक चर्चित और विख्यात है। हसपुरा प्रखंड से सात किलोमीटर की दूरी पर बसा देवकुंड सुनहले अतीत के साथ न जाने कितनी कहानियां व पुरातात्विक अवशेष के संबंध में शोध का विषय बना हुआ है। दुधेश्वरनाथ मंदिर के पास एक पवित्र सरोवर है जहां छठ पर्व पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। प्रत्येक माह विभिन्न अवसरों पर यहां मेला लगता रहता है। प्रतिवर्ष लगन के दौरान शिव मंदिर में काफी संख्या में वर वधू का पणिग्रहण संस्कार संपन्न होता है। समय समय पर अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते रहना यहां की प्राचीनता को प्रमाणित करता है। देवकुंड की चर्चा पदम पुराण, पाताल खंड में किया गया है कि ब्रह्मपुत्र महर्षि भृगु के आत्मज च्यवन ऋषि यहां तपस्या करने आए थे। भृगु को उत्पन्न करने वाली कुंड इसके सबल प्रमाण है। कुंड में आज भी अनवरत अग्नि प्रज्ज्वलित होते रहती है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment