गया। गया व्यवहार न्यायालय ने सोमवार को स्पीडी ट्रायल के तहत फैसले का रिकार्ड कायम करते हुए 31वें दिन जापानी युवती साची नोमुरा के साथ दुष्कर्म मामले में तीन अभियुक्तों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयंत कुमार सेन ने भीड़ भरी अदालत में फैसला सुनाते हुए कहा कि 'अभियुक्तों द्वारा किये गये कांड ने गया शहर के साथ-साथ बिहार और भारत का सिर विश्व के समक्ष झुका दिया है। ये अभियुक्त दया के पात्र नहीं हो सकते हैं। जापानी युवती साची नोमुरा के साथ विश्वासघात किया गया। विश्वास के साथ जापानी युवती बोधगया से गया रेलवे स्टेशन जाने के लिए टेम्पो में बैठी थी। परंतु टेम्पो ड्राइवरों समेत पांचों आरोपियों ने उसके साथ विश्वासघात किया। न्यायाधीश श्री सेन ने दुष्कर्म के अभियुक्त पप्पू कुमार , उदय कुमार और लिट्टू उर्फ अनुज यादव को भादंवि की धारा 376 (2)(जी) के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ ही सभी अभियुक्तों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसके अतिरिक्त धारा 379 एवं 411 भादंवि के तहत तीनों अभियुक्तों को तीन-तीन वर्षो के सश्रम कारावास की सजा भी दी गयी है। 10 हजार रुपये अर्थदंड चुकता न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास होगा। इसके पूर्व न्यायाधीश श्री सेन ने सोमवार की सुबह 9:30 बजे सभी अभियुक्तों को दुष्कर्म की घटना में दोषी करार दिया और सजा की बिन्दुवार सुनवाई तथा फैसले का समय 11:30 बजे मुकर्रर किया। इससे पूर्व से ही अदालत में अधिवक्ता एवं इस मामले का फैसला जानने के इच्छुक लोग जमा हो गये थे। सजा के बिन्दु पर अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक विमल किशोर प्रसाद और विनय कुमार ने बहस करते हुए कहा कि यह शर्मसार करने वाली घटना है। घृणित कार्य किया गया है। दोनों अधिवक्ताओं ने अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की। उधर, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह, अर्जुन प्रसाद, कैलाश राय और संतोष कुमार मंडल ने न्यायाधीश को बताया कि सभी अभियुक्त कम उम्र के हैं। कभी किसी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। इन सब को मद्देनजर रखते हुए दया की दृष्टि अपनायी जाये। फैसला सुनने के बाद तीनों अभियुक्तों ने स्वत: अपना चेहरा कपड़े से बांध लिया। पूरा मुंह छिपा लिया। तदोपरांत पुलिस सभी अभियुक्तों को अदालत परिसर से भीड़ के बीच सुरक्षा घेरे में लेकर बाहर आ गयी। सभी अभियुक्तों को गया केन्द्रीय कारागृह भेज दिया गया। मालूम हो कि 16 अप्रैल 2010 को साची नोमुरा ने बोधगया के दीप गेस्ट हाउस से गया स्टेशन जाने के लिए टेम्पो किया था। इसके बाद बोधगया-गया मार्ग पर अमवां ठोकर के पास जापानी युवती के साथ टेम्पो चालक समेत पांच अभियुक्तों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके सारे सामान लूट लियाथा। घटना के बाद टेम्पो चालक उसे गया स्टेशन के समीप उतारकर फरार हो गये थे। घटना में पांच युवक शामिल थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया था। अन्य दो रंजन यादव व लोटन यादव फरार चल रहे हैं। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर दोनों अभियुक्त के घर कुर्की जब्ती कर ली है।
घटनाक्रम का विस्तृत विवरण
16 अप्रैल 2010 - जापानी युवती साची नोमुरा के साथ गया बोधगया मार्ग पर अमवां ठोकर के पास सामूहिक दुष्कर्म
17 अप्रैल 2010- बोधगया थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज। कांड संख्या 87/2010
18 अप्रैल- गया के विसार तालाब के समीप पप्पू कुमार की गिरफ्तारी। पप्पू ने चार और नाम बताये। उदय कुमार, अनुज कुमार (दोनों गिरफ्तार), लोटन यादव व राजन यादव (दोनों फरार)- कुल पांच अभियुक्त -तीन गिरफ्तार, दो फरार
19 अप्रैल- तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों को सीजेएम के समक्ष पेश किया गया। उन्हें जेल भेजा गया।
20 अप्रैल- साची नोमुरा का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम रूपमा कुमारी के समक्ष 164 का बयान दर्ज।
टीआई परेड में तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान, आरोप पत्र दाखिल
21 अप्रैल- न्यायालय ने लिया संज्ञान।
22 अप्रैल - आरोप गठित, पीड़िता का बयान दर्ज
23 अप्रैल- न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी और जब्ती सूची के गवाह सुनील कुमार एवं उमेश कुमार की गवाही।
साची नोमुरा वापस जापान चली गयी।
26 अप्रैल- जापानी मुद्रा व क्रेडिट कार्ड न्यायालय में रखा गया।
27 अप्रैल- होटल मालिक व द्विभाषिए अमरदीप कुमार की गवाही।
28 अप्रैल- डा.संगीता कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी व बीडीओ हरिशंकर प्रसाद सिंह की गवाही।
29 अप्रैल- मेडिकल टीम के डाक्टरों की गवाही
1 मई- अनुसंधानकर्ता की गवाही
3 मई- बोधगया थानाध्यक्ष की गवाही
4 मई- अनुसंधानकर्ता की गवाही पूरी
7 मई- अभियुक्तों का बयान दर्ज, खुद को बताया निर्दोष
11 मई- बचाव पक्ष की ओर से दो की गवाही
12 मई- अभियोजन की ओर से बहस शुरू
13 मई- अभियोजन की बहस पूरी और बचाव पक्ष की शुरू
14 मई- बचाव पक्ष ने उठाये पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न।
15 मई-बचाव पक्ष की बहस पूरी। 17 मई - अदालत का फैसला
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GAYA KA VISHNUPAD MANDIR
Tuesday, May 18, 2010
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